नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लद्दाख के दौरे पर हैं. आज सेना प्रमुख ने फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा किया और साथ ही गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले जांबाजों को प्रशस्ति पत्र भी बांटे. सेना प्रमुख के पूर्वी लद्दाख के दो दिवसीय दौरे का आज दूसरा दिन है. दौरे के पहले दिन नरवणे ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में सेना की तैयारियों का जायजा लिया.


वह क्षेत्र के दो दिवसीय दौरे पर हैं, जहां पिछले हफ्ते चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे. लेह पहुंचने के तुरंत बाद जनरल नरवणे ने सेना के अस्पताल का दौरा किया जहां 15 जून को गलवान घाटी में घायल हुए सैनिकों का इलाज चल रहा है.





उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर ऑपरेशनल स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार को सेना प्रमुख ने राष्ट्रीय राजधानी में सेना कमांडरों के सम्मेलन (कांफ्रेंस) का दूसरा चरण आयोजित किया था. इस दौरान सभी कमांडर शामिल रहे थे और उत्तरी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल वाई. के. जोशी ने भी इस दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लिया था.


सेना के कमांडरों ने उत्तरी और पश्चिमी दोनों मोर्चों पर भारत की ऑपरेशनल स्थिति के बारे में पूरी चर्चा की. यह दो दिवसीय सम्मेलन का दूसरा चरण था. पहला चरण 27 मई से 29 मई तक आयोजित किया गया था. सेना कमांडरों के सम्मेलन में भाग लेने के बाद मंगलवार को जनरल नरवणे घायल सैनिकों से मिलने के लिए लेह के लिए रवाना हुए थे.


सेना प्रमुख ने बहादुरी के लिए की घायल सैनिकों की प्रशंसा


सेना प्रमुख ने लगभग सभी घायल सैनिकों से बातचीत की और बहादुरी के लिए उनकी प्रशंसा की. अस्पताल का दौरा करने के बाद नरवणे ने कमांडरों के साथ क्षेत्र में संपूर्ण सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और समझा जाता है कि उन्होंने चीन की तरफ से किसी भी तरह के दु:साहस से निपटने के लिए उन्हें सतर्क रहने के निर्देश दिए. घटनाक्रम से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी.


नरवणे के साथ नार्दर्न कमांड के कमांडर ले. जनरल वाईके जोशी भी साथ दौरे पर हैं. इस दौरे में नरवणे चीनी सेना के साथ 7 हफ्ते से जारी गतिरोध पर वहां मौजूद सैन्य कमांडरों के साथ चर्चा की पर्वतीय क्षेत्र में भारत की संपूर्ण सैन्य तैयारी का जायजा लिया.


पिछले सप्ताह वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया ने लद्दाख और श्रीनगर वायु सैनिक अड्डों का दौरा किया था और क्षेत्र में किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय वायु सेना की तैयारियों का जायजा लिया था.


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