लेह: राजनाथ सिंह बोले- स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते, जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा
सीमा मुद्दे पर चीन के साथ हिंसक टकराव के बाद रक्षामंत्री यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भारतीय सशस्त्र बल सभी आधुनिक व नए हथियारों और मटेरियल्स से लैस रहें. ताकि दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब दिया सके.
लेह: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के साथ विवादपूर्ण सीमा क्षेत्रों में सैन्य तैयारियों का जायजा लेने व जमीनी स्थिति की समीक्षा करने पहुंचे. इसके साथ ही सिंह सैनिकों के साथ बातचीत भी की और सेना की ऑपरेशनल तत्परता की समीक्षा भी की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे भी मौजूद रहे. सभी ने सुरक्षा व्यवस्था का जायज़ा लिया.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेह में स्तांका फॉरवर्ड लोकेशन पर जवानों से बातचीत की और उनका हौसला बढ़ाया. राजनाथ सिंह के सामने संयुक्त अभ्यास में सेना ने अपना दम दिखाया. पेंगांग झील के पास कमांडोज ने प्रदर्शन किया. सेना के टैंक और अपॉचे हेलिकॉप्टर भी प्रदर्शन में शामिल रहे. रक्षामंत्री ने अपने हाथ में मशीन गन लेकर उसका टार्गेट भी परखा.
राजनाथ ने भारत और चीन के बीच चल रही सैन्य वार्ता पर कहा कि बातचीत चल रही है और इनसे मुद्दे हल होने चाहिए, लेकिन यह गारंटी नहीं दी जा सकती कि किस हद तक. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गौरव हमारी ताकत है, कोई भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा सकता.'किसी ने अगर हमारे स्वाभिमान को चोट पहुंचाई तो उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे'
सैनिकों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई ताकत हमारी एक इंच जमीन नहीं ले सकता. कोई ताकत कब्जा नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि हम शांति चाहते हैं पर किसी ने अगर हमारे स्वाभिमान को चोट पहुंचाई तो उसे मुंहतोड़ जवाब देंगे.
राजनाथ सिंह ने कहा- सैनिकों ने सीमा के साथ ही 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत और चीन की सेना के जवानों के बीच हाल में जो कुछ हुआ मैं ये कह सकता हूं कि आप लोगों ने केवल भारत की सीमा की सुरक्षा नहीं की है बल्कि 130 करोड़ भारतवासियों के सम्मान की सुरक्षा भी की है. आज आपसे मिलकर मुझे खुशी हो रही है तो मन में एक पीड़ा भी है, हाल ही में भारत और चीन सैनिकों के बीच जो भी कुछ हुआ, उसमें हमारे कुछ जवानों ने अपना बलिदान देते हए अपनी सीमा की रक्षा की. उन्हें खोने का गम और आपसे मिलने की खुशी है, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं. हमार सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा.
जवानों को अपने हाथ से मिठाई खिलाकर पूछी खैरियत राजनाथ सिंह जवानों को अपने हाथ से मिठाई खिलाई और उन्हें शाबाशी देकर उनका हौसला बढ़ाया. जानकारी के मुताबिक अब रक्षा मंत्री श्रीनगर के लिए उड़ान भरेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को लेह-लद्दाख पहुंचे थे रक्षा मंत्री पहले 3 जुलाई को लेह-लद्दाख के दौरे पर आने वाले थे,लेकिन ऐन मौके पर उनका दौरा रद्द हो गया था. उनकी जगह पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जुलाई को एक दिवसीय मौके पर लेह-लद्दाख पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख का अचानक दौरा कर चीन के साथ सीमा विवाद से निपटने में भारत की दृढ़ता का संकेत दिया था. मोदी ने उन जवानों से बातचीत की थी जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. उन्होंने जवानों से कहा कि उनकी बहादुरी आगामी समय में प्रेरणा स्रोत बनेगी.
15 जून की रात हुई थी हिंसक झड़प
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून की रात को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें एक कर्नल समेत भारत के 20 जवान शहीद हुए थे. इसके साथ ही खबर आई थी कि इस झड़प में चीन के भी करीब 40 जवान हताहत हुए थे. हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की खबर से इनकार कर रहा था. वहीं, भारत ने बिना किसी हिचकिचाहट के अपने सैनिकों की शहादत की खबर को स्वीकार किया था.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लद्दाख पहुंचकर भारतीय जवानों का बढ़ाया मनोबल, देखें तस्वीरें