त्रिपुरा में बीजेपी समर्थकों ने तोड़ी लेनिन की मूर्ति, स्वामी ने लेनिन को बताया आतंकवादी
कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि मूर्ति गिराई जा सकती है लेकिन विचार नहीं ढहाए जा सकते. बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि लेनिन की मूर्ति तो रूस में भी गिरा दी गई थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि लेनिन आतंकवादी थे, ऐसे व्यक्ति की मूर्ति का हमारे देश में क्या काम?
अगरतला: त्रिपुरा में बीजेपी की बड़ी जीत हुई है लेकिन इस जीत के बाद से लगातार हिंसा की खबरें आ रही हैं. अगरतला से करीब नब्बे किलोमीटर दूर बीजेपी समर्थकों ने मार्क्सवादी नेता लेनिन की मूर्ति गिरा दी. लेफ्ट के नेता अब बीजेपी पर सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस नेता राज बब्बर ने कहा कि मूर्ति गिराई जा सकती है लेकिन विचार नहीं ढहाए जा सकते. बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने कहा कि लेनिन की मूर्ति तो रूस में भी गिरा दी गई थी. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि लेनिन आतंकवादी थे, ऐसे व्यक्ति की मूर्ति का हमारे देश में क्या काम?
क्या है मामला त्रिपुरा में प्रशासन, बीजेपी व माकपा की ओर से शांति बनाए रखने के आह्वान के बावजूद चुनावी हिंसा चौथे दिन भी जारी रही. रूसी समाजवादी क्रांति के अगुवा ब्लादिमीर लेनिन की 11.5 फीट ऊंची फाइबर की मूर्ति को बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बुलडोजर से गिरा दिया. माकपा नेता हरिपदा दास ने कहा, "बीजेपी समर्थक बेलोनिया में सरकारी कॉलेज के पास लेनिन की मूर्ति गिराने के बाद 'भारत माता की जय' के नारे लगाने लगे." इस मूर्ति को अगरतला से 90 किलोमीटर दूर दक्षिण त्रिपुरा के जिला मुख्यालय बेलोनिया में एक वर्ष पहले लगाया गया था.
कौन थे लेनिन? मार्क्सवादी विचारक व्लादिमीर लेनिन के नेतृत्व में 1917 में रूस की क्रांति हुई. 22 अप्रैल 1870 को रूस के सिंविर्स्क शहर में लेनिन का जन्म हुआ. 1889 में उन्होंने मार्क्सवादियों का संगठन बनाया और उसके नेता बने. रूस में साम्यवादी शासन के लिए लेनिन ने आंदोलन चलाया. इस दौरान उन्होंने कई किताबें लिखी और कई बार जेल भी गए. 1917 में रूस की क्रांति के बाद लेनिन 1922 में सोवियत संघ के प्रमुख बने. 1924 में 54 साल की उम्र में स्ट्रोक की वजह से लेनिन का निधन हुआ. लेनिन के विचारों को दुनिया में लेनिनवाद के नाम से जाना जाता है. मौत के बाद लेनिन का अंतिम संस्कार नहीं किया गया. उनके शव को रूस में संरक्षित किया गया ताकि आने वाली पीढ़ियों को उनसे प्रेरणा मिल सके. लेनिन को कम्युनिस्टों का एक तबका अपना आदर्श मानता है. देश में जहां भी कम्युनिस्टों की सरकार रही वहां लेनिन के विचारों को प्रचारित, प्रसारित किया.
किसने क्या कहा त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत राय ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा, "लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई एक सरकार जो कर सकती है, एक अन्य लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार उसे ठीक कर सकती है." राय ने संभवत: अतीत में अन्य दलों के नेताओं की मूर्तियों को गिराए जाने के संबंध में यह ट्वीट किया था.
बीजेपी के महासचिव राम माधव ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि लोग लेनिन की मूर्ति गिराए जाने की चर्चा कर रहे हैं, रूस नहीं ये त्रिपुरा है, चलो पलटाई. राम माधव के ट्वीट से साफ है कि लेनिन की मूर्ति गिराने पर बीजेपी की मौन सहमति है. चुनाव में चलो पलटाई त्रिपुरा में बीजेपी का नारा है और उसी नारे तर्ज पर लेनिन की मूर्ति पलट दी गई.
लेफ्ट नेताओं के आरोप माकपा नेता हरिपदा दास ने कहा, "हमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से बीजेपी और आईपीएफटी के सदस्यों द्वारा माकपा के सदस्यों और समर्थकों पर हमला करने और उनकी कई संपत्तियों को क्षतिग्रस्त करने की रिपोर्ट मिली है."
माकपा के त्रिपुरा सचिव बीजन धर ने सोमवार रात को आरोप लगाया कि त्रिपुरा में शनिवार से ही 200 विभिन्न जगहों पर बीजेपी-आईपीएफटी कार्यकर्ताओं के हमले में माकपा के 514 समर्थक घायल हुए हैं. धर ने पत्रकारों से कहा, "लगभग 1,539 घरों में आगजनी, हमले और लूट की घटनाएं हुई हैं. 500 विभिन्न जगहों पर कई रबर गार्डन और छोटे वाहनों, सैकड़ों छोटे दुकानों को कब्जे में ले लिया गया, क्षतिग्रस्त किया गया और जला दिया गया. हम प्रशासन और बीजेपी नेतृत्व से चुनाव बाद हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने की मांग करते हैं."
बीजेपी का आरोप बीजेपी के त्रिपुरा प्रदेश उपाध्यक्ष सुबल भौमिक ने माकपा पर जान बूझकर उकसाने, हिंसा में संलिप्त होने व बीजेपी समर्थकों पर हमला करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, "विभिन्न जिलों में पार्टी इकाई से प्राप्त रिपोर्टों के आधार पर, पिछले 48 घंटों में माकपा के कार्यकर्ताओं द्वारा बीजेपी के कार्यकर्ताओं पर 49 हमले की घटनाएं हुई हैं जिसमें 17 कार्यकर्ता घायल हुए हैं. इन लोगों का इलाज राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चल रहा है."
हिंसा रोकने के प्रयास जारी एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यपाल और त्रिपुरा पुलिस प्रमुख अखिल कुमार शुक्ला से इस संबंध में बातचीत की और बीजेपी की नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह से पहले राज्य में फैली हिंसा को समाप्त करने के लिए कदम उठाने के लिए कहा. जिला प्रशासन ने कई जिलों में निषेधात्मक आदेश दिए हैं और हिंसा को रोकने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. पश्चिमी त्रिपुरा जिले के पुलिस प्रमुख अभिजीत सप्तऋषि ने कहा कि पुलिस ने पश्चिमी त्रिपुरा के मंडाई में हिंसा में संलिप्त कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है.