नई दिल्ली: सरकार ने बुधवार को कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान की ओर से संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाओं में कमी आई है और साथ ही नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारत की तरफ हताहत होने वालों की संख्या में कमी दर्ज की गई है.


गृहराज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने राज्यसभा में पूरक प्रश्नों के जवाब में कहा कि लक्षित हमलों के बाद पाकिस्तान की ओर संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाओं में कमी आई है. वर्ष 2016 में नियंत्रण रेखा पर संघषर्विराम उल्लंघन की 228 तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 221 घटनाएं हुईं. हालांकि इस साल फरवरी तक नियंत्रण रेखा पर संघषर्विराम उल्लंघन की 22 तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघषर्विराम उल्लंघन की छह घटनाएं हुईं.


उन्होंने बताया कि 2017 में नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ है, जबकि 2016 में नियंत्रण रेखा पर 13 नागरिकों की जान गई और 83 अन्य घायल हुए तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर आठ नागरिक मारे गए और 74 घायल हुए.


मंत्री ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पांच बीएसएफ जवानों की जान गई और 25 अन्य घायल हुए. लक्षित हमलों के बाद संघषर्विराम उल्लंघन की घटनाओं में कमी आई है.’’ इससे पहले नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इतने महत्वपूर्ण मुद्दे पर सरकार ने जिस तरह का जवाब उपलब्ध कराया है, वह ठीक नहीं है.


इस आरोप को नकारते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मैं नेता विपक्ष के आरोप का पूरी तरह खंडन करता हूं.’’ ब्योरा उपलब्ध कराते हुए उन्होंने कहा कि लक्षित हमलों से पहले दो महीने में 110 आतंकी घटनाएं हुई थीं और लक्षित हमलों के बाद दो महीनों में 87 आतंकी घटनाएं हुईं.


उन्होंने कहा, ‘‘लक्षित हमलों से पहले 34 सुरक्षाकर्मी मारे गए और बाद में यह संख्या 19 रही. लक्षित हमलों से पहले सात नागरिक मारे गए और उसके बाद यह संख्या छह रही.’’