Sanjay Singh On Sakshi Malik: केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) को निलंबित कर दिया है. इसको लेकर संजय सिंह ने कहा कि जब नया महासंघ बना था तो उन्हें (बृजभूषण सिंह को) विदा कर दिया गया था और साक्षी मलिक ने भी संन्यास की घोषणा कर दी. ऐसे में दोनों लोग शांति से संघ को चलने दें. 


संजय सिंह ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि वे दोनों रिटायर हो चुके हैं, इसलिए अब दोनों को महासंघ को शांति से चलने देना चाहिए. उन्होंने कहा, "वह (बृजभूषण सिंह) और मैं अलग-अलग समुदाय से हैं तो हम रिश्तेदार कैसे हो सकते हैं? जब वह महासंघ के अध्यक्ष थे तो मैं संयुक्त सचिव था. ऐसे में उस समय हमारे बीच एक रिश्ता और दोस्ती थी."


खेल मंत्रालय ने चुनावों को किया रद्द
गौरतलब है कि संजय सिंह को हाल ही में WFI के चुनाव में जीत के बाद महासंघ का नया अध्यक्ष चुना गया था. हालांकि, खेल मंत्रालय ने इन चुनावों को रद्द कर दिया. साथ ही नवनियुक्त अध्यक्ष संजय सिंह को भी सस्पेंड कर दिया. इस चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीबी संजय सिंह डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष चुने गए थे.  


साक्षी मलिक ने जताई चिंता
संजय सिंह के अध्यक्ष बनते ही कुश्ती संघ ने जूनियर नेशनल चैंपियनशिप को उत्तर प्रदेश के गोंडा में कराने फैसला किया. इसके बाद इस फैसले को लेकर पहलवान साक्षी मलिक ने चिंता जाहिर की और कहा कि मैं कल रात से परेशान हूं. मुझे जूनियर महिला पहलवान फोन करके बता रही हैं कि 28 तारीख से जूनियर नेशनल चैंपियनशिप होनी है और नई कुश्ती फेडरेशन ने इसे गोंडा में करवाने का फैसला किया है.  


WFI के संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन
कुश्ती संघ के फैसले के बाद खेल मंत्रालय तुरंत एक्शन में आया और डब्ल्यूएफआई और संजय सिंह को सस्पेंड कर दिया. खेल मंत्रालय ने कहा कि कुश्ती संघ का फैसला WFI के प्रावधानों और नेशनल स्पोर्ट्स डेवलेपमेंट कोड का उल्लंघन हैं. साथ ही इसमें WFI के संविधान के प्रावधानों का पालन भी नहीं किया गया है.


मामले में क्या बोले बृजभूषण सिंह?
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताब‍िक इस संबंध में बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह ने कहा कि मैंने 12 साल कुश्ती के लिए काम किया. इस दौरान मैंने अच्छा किया है या बुरा. यह मूल्यांकन का विषय है
और कुश्ती नंदिनी नगर में कराने का फैसला आम सहमत‍ि से हुआ था.


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