आइए जानते हैं दिल्ली मेट्रो को, 25 दिसंबर 2002 से अब तक का पूरा सफर, पूरी जानकारी
दिल्ली मेट्रो न केवल राजधानी दिल्ली के क्षेत्र में बल्कि दिल्ली की सीमा से बाहर निकल कर उत्तर प्रदेश में नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा में गुड़गांव एवं फरीदाबाद तक पहुंच चुकी है.
नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो भारत में लोगों के शहरी परिवहन के क्षेत्र में एक नए युग में प्रवेश की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण रही है. दिल्ली मेट्रो ने भारत में पहली बार आरामदेह, वातानुकूलित और पर्यावरण के अनुकूल सेवाएं लोगों को मुहैया कराई है. यह सुविधा न केवल राजधानी दिल्ली के क्षेत्र में बल्कि दिल्ली की सीमा से बाहर निकल कर उत्तर प्रदेश में नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा में गुड़गांव एवं फरीदाबाद तक पहुंच चुकी है. दिल्ली मेट्रो में प्रतिदिन तकरीबन 27 लाख से ज्यादा लोग सफर करते हैं.
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रिकार्ड समय में 208 किलोमीटर और 150 स्टेशनों के विशाल नेटवर्क के निर्माण के साथ, डीएमआरसी (दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन) आज एक ज्वलन्त उदाहरण के रूप में मौजूद है कि किस तरह एक विशालकाय परियोजना एक सरकारी एजेन्सी द्वारा समय से पहले तथा बजट लागत के भीतर पूरी की जा सकती है.
डीएमआरसी ने अपना पहला कॉरीडोर दिल्ली के शाहदरा और तीस हजारी के बीच 25 दिसम्बर, 2002 को प्रारंभ किया था. इसके बाद 65 किलोमीटर लंबी मेट्रो लाइन्स के निर्माण का पहला चरण 2005 में उसके निर्धारित समय से दो साल नौ महीने पहले पूरा कर लिया गया था. दूसरे चरण में डीएमआरसी 125 किलोमीटर के अन्य मेट्रो कॉरीडोर्स का निर्माण केवल साढ़े चार साल में पूरा कर चुकी है.
वर्तमान में, दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क लगभग 193 किलोमीटर तक हर दिन चलता है. जिसमें 141 स्टेशनों के साथ एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिंक के छह स्टेशन बनाए गए हैं. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट तथा नई दिल्ली के बीच एयरपोर्ट एक्सप्रेस लिंक के साथ दिल्ली अब विश्व के उन शहरों में शामिल हो गई है, जहां शहर और एयरपोर्ट को जोड़ने के लिए हाई स्पीड रेल कनेक्टिविटी मौजूद है.
डीएमआरसी के पास आज चार, छह और आठ कोच की 216 ट्रेन का सेट है. वर्तमान में छह कोच वाली 100 से अधिक और आठ कोच वाली 60 से अधिक ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
दिल्ली मेट्रो ने पर्यावरण के मोर्चे पर भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. डीएमआरसी को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भी ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन कम करने के लिए कार्बन क्रेडिट्स प्राप्त करने वाली विश्व में पहली मेट्रो रेल और रेल आधारित प्रणाली के रूप में प्रमाणित किया है.
दिल्लीवासियों को एक आरामदेह परिवहन विकल्प उपलब्ध कराने के साथ ही दिल्ली मेट्रो सड़कों पर वाहनों की भीड़ कम करने की दिशा में भी योगदान दे रही है. केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) द्वारा वर्ष 2011 में किए गए एक अध्ययन के मुताबिक दिल्ली मेट्रो के आने से दिल्ली की गलियों से 1.17 लाख वाहन हटाने में सहायता मिली है.
दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (डीएमआरसी) का पंजीकरण दिनांक 3 मई, 1995 को कंपनी अधिनियम, 1956 के अधीन राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (जीएनसीटीडी) और केंद्र सरकार की समान इक्विटी भागीदारी के साथ एक विश्वस्तरीय तीव्रगामी जन परिवहन प्रणाली (एमआरटीएस) के निर्माण और प्रचालन के सपने को साकार करने हेतु किया गया था.
(यह आंकड़े दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन से लिए गए हैं)