Letter petition to CJI: यूपी (Uttar Pradesh) में मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के दमन का आरोप लगाते हुए 3 पूर्व सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) जजों समेत 12 लोगों ने चीफ जस्टिस को पत्र याचिका भेजी है. इस याचिका में चीफ जस्टिस से मामले पर संज्ञान लेकर सुनवाई की मांग की गई है. चिट्ठी में कहा गया है कि अब बीजेपी से निलंबित हो चुके 2 प्रवक्ताओं ने पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ बयान दिया. इससे आंदोलित हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों गैरकानूनी तरीके से निशाना बनाया जा रहा है.


चिट्ठी पर दस्तखत करने वालों में पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज बी. सुदर्शन रेड्डी, वी गोपाला गौड़ा, ए के गांगुली के अलावा 3 पूर्व हाई कोर्ट जज और शांति भूषण, इंदिरा जय सिंह जैसे वरिष्ठ वकील शामिल हैं. इसमें कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों को दंडित करने का बयान दिया. इसके बाद पुलिस ने लोगों को पीटा और वीडियो वायरल किए. उनके मकानों को भी गिराया जा रहा है. अब तक 300 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य सरकार ने इन लोगों के ऊपर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) और गैंगस्टर एक्ट जैसे सख्त कानून लगाने के भी निर्देश दिए हैं.


पत्र याचिका भेजने वाले लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का ध्यान इस ओर आकर्षित किया कि उसने पेगासस जासूसी जैसे नागरिक अधिकारों से जुड़े मुद्दे पर सुनवाई कर ज़रूरी आदेश दिए. उसी तरह उसे उत्तर प्रदेश में किए जा रहे नागरिकों के दमन पर भी तुरंत सुनवाई करनी चाहिए.


चिट्ठी पर इन 12 लोगों के हस्ताक्षर हैं...


1. जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी, पूर्व जज, सुप्रीम कोर्ट
2. जस्टिस वी. गोपाला गौड़ा, पूर्व जज,सुप्रीम कोर्ट
3. जस्टिस ए. के. गांगुली, पूर्व जज, सुप्रीम कोर्ट
4. जस्टिस ए. पी. शाह, पूर्व चीफ जस्टिस, दिल्ली हाई कोर्ट
5. जस्टिस के. चन्द्रू, पूर्व जज, मद्रास हाई कोर्ट
6. जस्टिस मोहम्मद अनवर, पूर्व जज, कर्नाटक हाई कोर्ट
7. शांति भूषण, वरिष्ठ वकील
8. इंदिरा जयसिंह, वरिष्ठ वकील
9. चंदर उदय सिंह, वरिष्ठ वकील
10. श्रीराम पंचू, वरिष्ठ वकील
11. प्रशांत भूषण, वकील
12. आनंद ग्रोवर, वरिष्ठ वकील


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