नई दिल्ली: निर्भया की मां ने न्याय के लिए कभी खत्म न होने वाले इंतजार को लेकर नाराजगी जाहिर की थी. जिसके दिल्ली के उपराज्यपाल ने निर्भया कांड के एक आरोपी की दया याचिका खारिज करने की सिफारिश की है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 2012 के निर्भया रेप केस के दोषियों में से एक की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश की है.


दिल्ली सरकार द्वारा दोषियों में से एक विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने की सिफारिश करने के एक दिन बाद उपराज्यपाल ने यह सिफारिश की है. विनय शर्मा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दायर की थी. दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल की सिफारिशें राष्ट्रपति को भेजी जाएंगी जो मामले पर अंतिम फैसला लेंगे.


सीएम केजरीवाल ने कहा नरमी की गुंजाइश नहीं


दिल्ली विधानसभा में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, "आज हमें निर्भया कांड के आरोपी विनय शर्मा की दया याचिका को खारिज करने के लिए उपराज्यपाल की मंजूरी मिल गई है और आज हम अपनी सिफारिशें राष्ट्रपति को भेजेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार रेप और हत्या के दोषियों के लिए कड़ी सजा चाहती है और इसमें नरमी बरते जाने की कोई गुजांइश नहीं है."


न्याय को लेकर निर्भया की मां ने जताई नाराजगी


यह दया याचिका ऐसे समय में खारिज की गई है जब हाल ही में हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक से रेप के बाद उसकी हत्या किए जाने को लेकर देशभर में आक्रोश है. निर्भया 16 दिसंबर 2012 को गैंगरेप की शिकार हुई थीं और दोषियों की बर्बरता के चलते बाद में उसकी मौत हो गई थी. निर्भया कि मां ने न्याय के लिए कभी खत्म नहीं होने वाले इंतजार को लेकर नाराजगी जताई है. उन्होंने उम्मीद व्यक्त की कि हैदराबाद में रेप और हत्या की शिकार होने वाली डॉक्टर की मां आरोपियों को सजा मिलते जल्द देख पाएंगी.


निर्भया की मां ने कहा कि हैदराबाद में भी एक परिवार ने अपनी बेटी खोई है और उनकी न्याय के लिए लड़ाई अभी शुरू हुई है. यह वर्षों तक जारी रहेगी लेकिन मैं नहीं चाहती कि मेरी तरह उन्हें भी न्याय के लिए इंतजार करना पड़े. निर्भया के दादा लाल सिंह ने कहा कि निर्भया के गुनहगारों को फांसी न होने के कारण बलात्कारियों का मनोबल बढ़ा है और इसी वजह से इन घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा.उन्होंने पत्रकारों से कहा कि निर्भया कांड के सात साल बाद भी बलात्कारियों को फांसी पर नहीं चढ़ाया गया, इतने जघन्य कांड के अपराधी अब भी जेल में ही हैं.


रेप के आरोपियों को पब्लिक के हवाले करने की मांग


उन्होंने कहा कि यदि फांसी हो गई होती तो लोग रेप करने से पूर्व दहशत में रहते. लाल सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार रेप जैसी घटनाओं को लेकर नया सख्त कानून बनाने की बात कह रही है लेकिन कानून बनाने से क्या हो जायेगा? सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को कानून बनाना हो तो वह यह कानून बनाये कि रेप के आरोपी गिरफ्तार होने के बाद भीड़ के हवाले कर दिया जाए, जनता खुद इंसाफ कर देगी.


महिला आयोग ने भी कि दया याचिका खारिज करने की सिफारिश


वहीं राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से 2012 के निर्भया मामले के दोषियों की दया याचिका खारिज करने की अपील की है. आयोग की ओर से जारी बयान के अनुसार एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ अमानवीय घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में इस प्रकार के जघन्य अपराधों के दोषियों को मृत्युदंड दिया जाना चाहिए ताकि मिसाल कायम हो सके क्योंकि ऐसे लोग किसी प्रकार की दया के हकदार नहीं हैं.


उन्होंने कोविंद से रेप के इस प्रकार के जघन्य और निर्मम मामलों में सभी याचिकाओं के निस्तारण और सुनवाई के लिए समयसीमा और निश्चित तंत्र तय करने का सरकार को निर्देश देने की अपील की, ताकि शीघ्र न्याय दिया जा सके. यौन उत्पीड़न की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता जताते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सोमवार को केंद्र और सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी किया और उनसे ऐसे मामलों से निपटने के मानक तौर-तरीकों और निर्भया फंड के इस्तेमाल के बारे में जानकारी मांगी.


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