दिल्ली सरकार के मंत्रियों और आप नेताओं के आरोपों का उपराज्यपाल ने दिया जवाब, कहा-संविधान और कानून का पालन किया
उपराज्यपाल ने साफ कर दिया है कि उन्होंने दिल्ली सरकार का आदेश इस वजह से पलटा क्योंकि वह संविधान के बराबरी के अधिकार और जीने का अधिकार के खिलाफ था.
नई दिल्लीः दिल्ली में जब से उपराज्यपाल ने सरकार के 2 फैसलों को पलटा उसके बाद से ही सरकार के मंत्रियों और आम आदमी पार्टी नेताओं की तरफ से लगातार हमले और आरोप लगाए जा रहे थे. आम आदमी पार्टी के नेताओं की तरफ से लगातार कहा जा रहा था कि उपराज्यपाल बीजेपी के इशारे पर काम कर रहे हैं. लेकिन अब उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मंत्रियों और आम आदमी पार्टी के नेताओं के द्वारा लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देते हुए साफ किया है कि उन्होंने जो भी फैसला लिया है वह संविधान और कानून का पालन करते हुए लिया है और दिल्ली सरकार के वह दोनों आदेश संविधान और देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले के खिलाफ थे.
दिल्ली सरकार के दोनों आदेश संविधान के थे खिलाफ- एलजी दिल्ली सरकार के मंत्रियों के आरोपों के जवाब में दिल्ली के उपराज्यपाल ने साफ कर दिया है कि उन्होंने दिल्ली सरकार का आदेश इस वजह से पलटा क्योंकि वह संविधान के बराबरी के अधिकार और जीने का अधिकार के खिलाफ था. उपराज्यपाल ने आरोपों का जवाब देते हुए कहा इससे पहले जब दिल्ली सरकार ने इस तरह का आदेश जारी किया था तब दिल्ली हाईकोर्ट ने भी उसको उसी आधार पर निरस्त कर दिया था. यह सरकार की जिम्मेदारी होती है कि अगर कोई भी मरीज अस्पताल में इलाज के लिए आए तो उसको इलाज मुहैया कराया जाए.
सरकारों की जिम्मेदारी है कि वह मरीजों को बिना भेदभाव के इलाज दें- एलजी उपराज्यपाल ने कहा की उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जब यह बात दिल्ली आपदा प्रबंधन की बैठक के दौरान उठायी थी तो उन्होंने उपमुख्यमंत्री को भी यही बात बताई थी. उपराज्यपाल की तरफ से सामने आए बयान में कहा गया कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अगर कोई सरकार मरीजों में इस आधार पर भेदभाव करें कि वह कहां के रहने वाले हैं. लिहाज़ा ऐसे हालातों में जरूरी यह है कि मरीजों के बीच भेदभाव करने से अच्छा ऐसे साधन तैयार किए जाए जिससे कि सभी मरीजों को उचित इलाज मिल सके. लगातार हो रही सियासी बयानबाजी और राजनीतिक हमलों पर उपराज्यपाल ने कहा कि हम सब भारतीय हैं और दिल्ली हम सबका है.
उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के दो आदेश पलट दिए थे इससे पहले कल यानी 8 जून को जब दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के उस आदेश को पलट दिया था जिसमें दिल्ली सरकार ने दिल्ली के बाहर से आने वाले मरीजों को ये कहते हो इलाज देने से मना कर दिया था कि अगर उनको इलाज किया गया तो दिल्ली के अस्पतालों के बेड भर जायेंगे. इसके साथ ही उस आदेश को भी पलट दिया था जिसमें दिल्ली सरकार ने बिना लक्षण वाले मरीजों की टेस्टिंग पर भी रोक लगा दी थी. उपराज्यपाल ने जैसे ही दिल्ली सरकार के इन दोनों फैसलों को पलटा आम आदमी पार्टी की तरफ से उपराज्यपाल पर बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगा दिया गया और यह सिलसिला आज शाम तक जारी रहा जिसके बाद आई उपराज्यपाल कार्यालय की सफाई सामने आई.
ये भी पढ़ें