Delhi Politics: LG के आदेश पर दफ्तर हुआ सील तो जैस्मीन शाह बोले, 'देश में चल रहे दो कानूून, संबित पात्रा के दफ्तर पर भी लगाया जाए ताला'
Delhi Politics: दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने जैस्मिन शाह को डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष पद से हटा दिया है. इसके बाद आशंका है कि बीजेपी और आप के बीच टकराव बढ़ सकता है.
Jasmine Shah Removal: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह (DDC) को मिलने वाली सभी सरकारी सेवा और सुविधा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. साथ ही शाह के दफ्तर पर तुरंत ताला लगाने का निर्देश दिया है. एलजी ने उन्हें मिलने वाला सरकारी वाहन और स्टाफ भी तुरंत वापस लेने का आदेश दिया है.
जैस्मिन शाह आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता भी हैं. इस पूरे मामले पर जैस्मिन ने एबीपी न्यूज से बात करते हुए कहा कि मुझे बताया गया है कि एलजी ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि उन्हें लगता है कि जब डीडीसी का उपाध्यक्ष हूं तो साथ ही मैं आप का प्रवक्ता नहीं हो सकता. ऐसे में मेरा सवाल कि संबित पात्रा बीजेपी के प्रवक्ता होने के साथ-साथ आईटीडीसी के अध्यक्ष भी हैं, तो उनका कार्यालय भी सील होना चाहिए. उनको भी पद से हटाया जाना चाहिए. ऐसा क्यों हो रहा है कि एक ही देश में दो कानून लागू हो रहे हैं. हमारे लिए एक कानून और बीजेपी और संबित पात्रा के लिए अलग कानून है.
कोर्ट ने क्या सवाल किए?
जैस्मिन शाह ने बताया कि पिछले महीने इसी मुद्दे पर दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर हुई थी कि जो तमाम राजनीतिक लोग सरकार की परिषद में पदों पर हैं, इन सबको हटाया जाए. तब कोर्ट ने हमें अपने पदों से नहीं हटाया बल्कि सवाल किया कि आप यह बता दीजिए कि कौन से कानून और कौन सी धारा का उल्लंघन हो रहा है.
जब जज की तरफ से यह सवाल किया गया तो ना तो बीजेपी और ना ही केंद्र सरकार ने कोई जवाब दिया. साफ है जो मेरी पोजीशन एक मंत्री दर्जे की है, दूसरे मंत्रियों की तरह ही मैंने अपना कमा किया, तो क्यों मैं पद से हटाया गया? क्या कल को एलजी साहब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी उनके पद से हटा देंगे क्योंकि वो पार्टी की बातें करते हैं. तो साफ है कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक और गैरकानूनी है. इसका हम विरोध करेंगे.
जैस्मिन शाह के सवाल
जैस्मिन शाह ने कहा कि इसका क्या प्रमाण है कि डीडीसी के ऑफिस का इस्तेमाल राजनीति के लिए हो रहा था. उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना गलत कहते हैं कि मुझे जवाब के लिए समय दिया गया था. क्योंकि जब पिछले महीने एलजी ने एक कारण बताओ नोटिस जारी किया था तब मैंने साफ कहा था कि ये उनका क्षेत्राधिकार नहीं है. जब इस कमीशन का गठन किया गया था, तब साफ कहा गया था कि ये सीएम और दिल्ली कैबिनेट के अधीन है. ऐसे में एलजी ने जल्दबाजी की और सीधे एक नोटिस जारी कर दिया. हमारी रिपोर्टिंग मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को है. आगे उन्होंने कहा कि ऑर्डर की कॉपी को स्टडी कर रहे हैं. इसके बाद फैसला करेंगे.
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