देश में LGBTQ समुदाय को समलैंगिक विवाह पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है. समलैंगिक विवाह को फिलहाल देश में कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है, इसे जायज बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर कोर्ट का फैसला आना बाकी है. इस बीच डिंपल और मनीषा की शादी चर्चा का मुद्दा बन गई है. डिंपल ने दूल्हा बनकर अपनी दुल्हन मनीषा के साथ पंजाब के एक गुरुद्वारे में फेरे लिए और उसको अपनी अर्धांगिनी बना लिया, जिस पर कई धर्मिक गुरुओं ने ऐतराज जताया है.
पंजाब के बठिंडा में रहने वाली डिंपल और मनीषा ने गुरुद्वारे में गुरु ग्रंथ साहिब के सामने घरवालों और रिश्तेदारों की मौजूदगी में शादी की है. हालांकि, उन्हें इस शादी के लिए अपने माता-पिता को मनाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी.
मुश्किल से शादी के लिए माने घरवाले
मनीषा ने बताया कि जब उन्होंने घर वालों को बताया कि वह डिंपल से शादी करना चाहती हैं, तो घरवालों ने साफ इनकार कर दिया और कहा कि लड़की से शादी नहीं कर सकतीं. मनीषा ने अपने घरवालों से कहा कि अगर वह उनकी खुशी चाहते हैं तो जिससे वह चाहती हैं उसे उनकी शादी करवा दी जाए. इसके बाद मनीषा की मां मान गईं और उन्होंने बात आगे बढ़ाई. फिर दोनों के घरवाले एक दूसरे से मिले और शादी की तारीख फाइनल कर दी. डिंपल सिख है इसलिए उनके घरवाले सिख रीतिरिवाज से शादी करना चाहते थे इसलिए गुरुद्वारे में उनकी शादी हुई.
शादी पर मचा हंगामा
डिंपल और मनीषा की शादी पर कई धार्मिक नेताओं ने ऐतराज जताया है. अकाली तख्त के जत्थेदार ज्ञानी राघबीर सिंह ने शादी को अप्राकृतिक और सिख धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ बताया है. उन्होंने शादी करवाने वाले बठिंडा गुरुद्वारा कमेटी के ग्रंथी हरदेव सिंह और तीन अन्य लोगों को भी अगला निर्देश आने तक उनके पद से हटा दिया है. ज्ञानी राघबीर सिंह ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब की उपस्थिति में हुई यह शादी नैतिक और धार्मिक मूल्यों का उल्लंघन है. वहीं, हरदेव सिंह ने अपनी सफाई में कहा कि डिंपल ने पगड़ी पहनी हुई थी इसलिए उन्हें पता ही नहीं चला कि जिनकी वह शादी करवा रहे हैं वो दोनों लड़कियां हैं. इस पर डिंपल ने कहा कि उन्होंने दोनों के पहचान पत्र गुरुद्वारे में दिए थे इसलिए इस तरह की कंफ्यूजन होने का कोई मतलब नहीं है.
ऐसे हुआ था प्यार
डिंपल मनसा जिले की रहने वाली हैं और जाट सिख परिवार से हैं. वहीं, मनीषा बठिंडा जिले में एक दलित परिवार से हैं. ये दोनों ही जिले ऐसे हैं, जहां पर LGBTQ जैसे मुद्दे सामान्य बात नहीं हैं. दोनों की मुलाकात जिरकपुर में गार्मेंट फैक्ट्री में हुई थी. डिंपल ने बताया कि मनीषा से पहले वह किसी और से प्यार करती थीं, लेकिन उससे ब्रेकअप हो गया और वह एक और लड़की के साथ रिलेशनशिप में आ गईं. हालांकि, उससे बात ज्यादा आगे नहीं बढ़ी. इसी दौरान, डिंपल और मनीषा की दोस्ती हो गई. डिंपल ने बताया कि उन्हें एहसास हुआ कि उन दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगता है और मनीषा अच्छी साथी साबित हो सकती हैं. वहीं, मनीषा ने बताया कि रिलेशनशिप में आने के 3-4 दिन बाद ही डिंपल ने फोन पर मनीषा को प्रपोज कर दिया था और वह तुरंत राजी हो गईं.
लिंग बदलने के लिए सर्जरी करवाना चाहती थीं डिंपल
डिंपल ने बताया कि वह अपने माता-पिता की इकलौती औलाद हैं इसलिए उनके घरवाले उनकी जेंडर चेंज सर्जरी के लिए राजी नहीं हुए. उन्होंने डॉक्टरों से भी बात की लेकिन घरवालों को डर लग रहा था कि सर्जरी की वजह कोई परेशानी न हो. डिंपल जब काम के सिलसिले में जिरकपुर गईं तो समलैंगिकता के बारे में उनकी जानकारी बढ़ी और उन्हें भी वह लोग मिले, जिन्होंने उनकी स्थिति को समझा. उन्होंने बताया कि यहां आकर उन्हें LGBTQ+ से जुड़े मुद्दों के बारे में पता चला और काफी जानकारी यूट्यूब के जरिए प्राप्त हुई.
क्या मनीषा और डिंपल की शादी अपराध?
साल 2018 में देश में समलैंगिकता को तो अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया गया, लेकिन समलैंगिक शादी को अभी भी कानूनी तौर पर मंजूरी नहीं मिली है. तो ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मनीषा और डिंपल को एक दंपति के तौर पर वह अधिकार मिलेंगे, जो एक लड़के और लड़की की शादी के बाद दंपति को मिलते हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि उनकी शादी को गंभीर अपराध नहीं माना जाएगा. हालांकि, सिखों की सबसे बड़ी धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कहना है कि वह इसकी जांच कर रही हैं कि इस मामले में धार्मिक नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं.
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