Libya Successfully Repatriated Indian: डॉलर कमाने की चाहत ने हरियाणा और पंजाब के रहने वाले दो युवकों का लीबिया में अपहरण करवाकर जेल में बंद करवा दिया. दोनों युवकों को छह महीने लीबिया की जेल में रहना पड़ा. जिसके बाद वह सोमवार 20 अगस्त को भारत वापस आ पाए. घर वापस आकर उन्होंने बताया कि इन लोगों को किन-किन मुश्किलों का सामना करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि वह इटली में नौकरी करना चाहते थे. जिसकी वजह से ट्रैवल एजेंटों ने उनसे नौकरी दिलाने के बदले पैसे मांगे थे और बाद में उन्हें ठग लिया. युवकों ने बताया कि उन्हें पहले दुबई ले जाया गया, उसके बाद मिस्र में कुछ देर के लिए रोका गया और फिर लीबिया ले जाया गया. जहां स्थानीय माफिया ने उनका अपहरण कर लिया गया और उन्हें प्रताड़ित किया गया. साथ ही बताया कि उनके पासपोर्ट, फोन, पैसा वहां के कुछ लोग ने जब्त कर लिया गया.
शारीरिक और मानसिक किया गया प्रताड़ित
पीड़ित के नाम अनमोल और राहुल है, जिनकी उम्र 22 और 29 साल है. दोनों सोमवार 20 अगस्त को लीबिया से भारत वापस आए उन 17 लोगों में शामिल थे, जिन्हें जेल में कई महीनों तक शारीरिक और मानसिक प्रताड़ित किया गया.
'टॉयलेट का पीता था पानी'
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में अपने गृहनगर लौटे राहुल ने बताया कि उन्होंने हमें एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया था. तब हम 12 लोग थे. उन्होंने हमें पूरे दिन में खाने के लिए एक खुब्ज दिया और पीने के लिए पानी नहीं दिया. जिसकी वजह से मैं टॉयलेट का पानी पीता था. उन्होंने बताया कि जब हमें लीबिया की जेल में इकट्ठा किया गया तब उनमें से एक युवक ने अपने पास फोन छुपा कर रखा था. जिसके जरिए वह राज्यसभा सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी तक पहुंचने में कामयाब रहे और स्वदेश वापस लौट पाए.
करनाल जिले के निवासी है राहुल कुमार
द क्विंट के मुताबिक हरियाणा के करनाल जिले के निवासी राहुल कुमार विदेश में नौकरी करने का फैसला करने से पहले एक स्थानीय सैलून में नाई का काम करते थे. राहुल ने केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ाई करने के बाद. कुमार के भाई ने कहा कि राहुल की तीन बेटियां है जिन्हें वह अच्छी शिक्षा देना चाहते थे, जिसके लिए उसने ऐसा किया. राहुल के भाई ने बताया कि ट्रैवल एजेंट ने इटली में 3-4 लाख रुपये के मासिक वेतन पर नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन इसके लिए 12 लाख रुपये की मांग की.हम मुश्किल से पैसे की व्यवस्था कर सके, लेकिन बच्चों की शिक्षा सुरक्षित करने के लिए हमने यह जोखिम उठा लिया. एजेंट ने सर्बिया में कम से कम छह महीने बिताने की शर्त पर यूरोप में स्थायी वर्क परमिट का वादा किया था.
इटली में नौकरी देने का किया था वादा
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के निवासी अनमोल ने अपने परिवार का समर्थन करने के लिए विदेश में काम ढूढंने के फैसला करने से पहले डिप्लोमा पूरा कर लिया था. अनमोल की बहन रमनदीप ने कहा, "हमने मदन लाल नामक एक ट्रैवल एजेंट से संपर्क किया था, जिसने इटली में नौकरी देने का वादा किया था और बदले में 13.5 लाख रुपये की मांग की थी. उन्होंने बताया कि उस समय नौकरी और सैलरी के बारे में नहीं बताया था. रमनदीप कौर ने कहा कि जब यहां से गया था तब 75 किलो का था, वापस आया है तो 35 किलो का रह गया है.
फरवरी और अप्रैल के बीच हुए थे दुबई के लिए रवाना
बृजमोहन नाम के युवक ने कहा, "ट्रैवल एजेंट ने उन्हें सर्बिया में छह महीने काम करने के बाद यूरोप में वर्क परमिट देने का वादा किया था. उसने आश्वासन दिया था कि वह उन्हें सर्बिया के रास्ते इटली ले जाएगा. जानकारी के मुताबिक इन लोगों को लीबिया और ट्यूनीशिया की सीमा के पास ज़ुवारा शहर में ले जाने से पहले कम से कम एक महीने तक बेंगाजी में रखा गया था. यहीं पर उन्हें स्थानीय माफिया ने अपहरण किया, उनकी पिटाई की गई, उन्हें प्रताड़ित किया गया और कई दिनों तक भूखा रखा.