Karnataka High Court: कर्नाटक हाईकोर्ट को केंद्र सरकार ने सूचित ने किया है कि उसने राज्य सरकार को ब्रेस्ट मिल्क को इकट्ठा करने, और उसका बिजनेस करने की अनुमति देने वाले लाइसेंस रद्द करने का निर्देश दिया है. कर्नाटक HC मुनेगौड़ा नामक व्यक्ति द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था.
इस मामले की सुनवाई के दौरान कर्नाटक हाईकोर्ट के लिए भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामथ ने मुख्य न्यायाधीश एनवी अंजारिया और जस्टिस केवी अरविंद की पीठ को जानकारी दी कि हाल में ही केंद्रीय आयुष मंत्रालय ने कर्नाटक सरकार को ऐसे लाइसेंसों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
रद्द करने का दिया निर्देश
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामथ ने कहा , "राज्य को केंद्र सरकार को ऐसे सभी लाइसेंस को रद्द करने का निर्देश दिया हुआ है. कुछ कंपनियों के पास आयुर्वेदिक मानदंडों के तहत लाइसेंस मिले थे, जो ब्रेस्ट मिल्क का बिजनेस करने की अनुमति डेटा है. इस मामले में केंद्र सरकार ने हस्तक्षेप किया है. राज्य सरकार ने कई कुछ लाइसेंस रद्द भी कर दिए हैं.
कोर्ट में पेश किया गया था पैकेज्ड ब्रेस्ट मिल्क
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता बी विश्वेश्वरैया ने पैकेज्ड ब्रेस्ट मिल्क की 50 एमएल की बोतल और पाउडर ब्रेस्ट मिल्क का 10 ग्राम का पैकेट कोर्ट में पेश किया. इस दौरान उन्होंने बताया कि इनकी कीमत 1,239 रुपये और 313 रुपये है.
इस दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अरविंद कामथ ने कहा, " पहले आयुर्वेदिक मानदंडों के तहत इन लाइसेंसों को जारी किया गया था. लेकिन हाल एम् ही इसे रद्द कर दिया गया है. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को इस मामले में केंद्रीय मंत्रालय को भी पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है. इसको लेकर कायरत ने नोटिस जारी कर दिया है. 4 दिसंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.