Lieutenant Inayat Vats Join Indian Army: लेफ्टिनेंट इनायत वत्स जिन्होंने उग्रवाद विरोधी अभियान में अपने पिता मेजर नवनीत वत्स को खो दिया था, आज भारतीय सेना में शामिल हो गईं. भारतीय सेना की ओर से बताया गया कि इनायत वत्स ने वही वर्दी पहनी जो कभी उनके नायक पिता ने पहनी थी. हरियाणा के पंचकुला की इनायत वत्स ने तीन साल की उम्र में अपने पिता मेजर नवनीत वत्स को खो दिया. इनायत वत्स अपने परिवार में तीसरी पीढ़ी हैं जो सेना में हैं.
डीयू से पढ़ाई की इनायत वत्स
साल 2003 में कश्मीर आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन के दौरान मेजर नवनीत वत्स शहीद हो गए थे. उन्हें मरणोपरांत सेना पदक से सम्मानित किया गया. इनायत वत्स अप्रैल 2024 में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी (OTA) चेन्नई में शामिल होंगी. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और फिलहाल हिंदू कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही हैं. अपने पिता को आदर्श मानने वाली इनायत वत्स के लिए सेना में जाना ही एकमात्र लक्ष्य था.
भाविक हुईं इनायत वत्स की मां
इनायत वत्स की मां शिवानी ने भावुक होते हुए कहा, "एक बहादुर की बेटी है. जब इनायत ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर ली तो सभी ने सोचा कि वह राज्य सरकार की ओर से दी गई नौकरी करेगी. वह एक शहीद की बेटी है और उसके लिए सेना में शामिल होना स्वाभाविक था."
इनायत वत्स की मां शिवानी ने कहा, मेरी बेटी इनायत ने एक बार मुझसे पूछा कि अगर मैं लड़का होती तो आप क्या करते? इस पर मैंने उससे कहा कि मैं उसे एनडीए या आईएमए में शामिल होने के लिए कहती. मुझे खुशी है कि आरामदायक जीवन बिताने के ऑप्शन के बावजूद वह अपने पिता की राह पर आर्मी ज्वाइन किया."
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