नई दिल्ली: स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस अब समंदर की सीमाओं की सुरक्षा करने के लिए भी तैयार है. तेजस के 'नेवल-वर्जन' ने आज गोवा बेस पर एयरक्राफ्ट कैरियर से अपने ऑपरेशन्स को अंजाम देने की दिशा में एक अहम फ्लाईट टेस्ट पूरा कर लिया है. लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट यानी एलसीए (नेवी) ने विमानवाहक युद्धपोत की तरह ही महज 100 मीटर में 'अरेस्टेड-लैंडिग' (नियंत्रण लैंडिंग) कर इतिहास रच दिया है.


इस टेस्ट के बाद जल्द ही तेजस को भारतीय नौसेना के युद्धपोत आईएनएस विक्रमादित्य पर फ्लाइट टेस्ट कराया जाएगा. अगर तेजस इस टेस्ट में खरा उतरा तो भारत उन चुनिंदा देशों कई श्रेणी में शामिल हो जायेगा जो एयरक्राफ्ट कैरियर पर तैनात करने वाले फाइटर जेट का निर्माण करते हैं. अभी तक ये रिकॉर्ड अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे चुनिंदा देशों के पास है.


बता दें कि एयरक्राफ्ट कैरियर का रनवे मात्र 200 मीटर का होता है. ‌ऐसे में उसपर तैनात लड़ाकू विमान को 200 मीटर में ही टेकऑफ या उड़ान भरनी होती है, जबकि लैंडिग कि लिए मात्र 100 मीटर का ही रनवे मिल पाता है. सुपरसोनिक स्पीड से उड़ने वाले फाइटर जेट को लैंड कराने के लिए उसमें लगे एक खास हुक को रनवे पर लगी एक खास स्टील की रस्सी में फंसाकर रोकना होता है ('अरेस्टेड‌ लैंडिग"). इसीलिए ये एक जटिल प्रक्रिया होती है और इसके लिए खास तरह के लड़ाकू विमानों का निर्माण करना होता है.



रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, गोवा के समुद्रतट स्थित भारतीय नौसेना के नेवल बेस, आईएनएस हंस पर इस तरह के लैंडिग कई ट्रायल और टेस्ट के लिए सिम्युलेशन रनवे है जहां पर ये सफल परीक्षण हुआ. आज के परीक्षण ने डेक पर सुरक्षित उतारे जा सकने वाले हल्के लड़ाकू विमान के मामले में भारत को विश्व‍ के नक्शे पर स्थापित कर दिया है. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, "आज का दिन भारतीय नौसेना के एविएशन के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाने वाला दिन है."


अभी तक आईएनएस विक्रमादित्य पर रूसी फाइटर जेट और मिग29 के तैनात हैं लेकिन आज के टेस्ट के बाद निकट भविष्य में विक्रमादित्य पर एलसीए (नेवी) के तैनात होने का रास्ता खुल गया है. आज के सफल परीक्षण को चीफ टेस्टिंग पायलट और एयर कोमोडोर जे ए मावलंकर ने अंजाम दिया. हालांकि ये टूइन पायलट ट्रेनर एयरक्राफ्ट था लेकिन इसे मावलंकर ने अकेले लैंड कराया. इस दौरान डीआरडीओ, एरोनोटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए), भारतीय नौसेना और एचएएल के अधिकारी मौजूद थे. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज की सफलता के लिए एडीए, एचएएल, डीआरडीओ और भारतीय वायु सेना को बधाई दी है.