देहरादून/नई दिल्ली : यूपी के नोएडा में हुए 'लाइक' घोटाले ने अब राजनीतिक रूप ले लिया है. उत्तराखंड और यूपी में होने जा रहे विधानसभा चुनावों से पहले विरोधी दल इसे मुद्दा बना रहे हैं. गौरतलब है कि 37 अरब रुपयों के इस घोटाले में करीब सात लाख लोगों को ठगा गया है. इस मामले में कई 'वीआईपी' नाम भी सामने आ रहे हैं.


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कंपनी के साथ बीजेपी की सांठगांठ रखने का आरोप लगाया


यूपी पुलिस के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग (आईटी) ने भी इसकी जांच शुरू कर दी है. इस बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत के मुख्य प्रवक्ता सुरेन्द्र कुमार ने आज बीजेपी पर आरोप लगया है. उन्होंने 37 सौ करोड़ (37 अरब) रुपयों के पोंजी घोटाले में कथित तौर पर संलिप्त नोएडा की एक ऑनलाइन कंपनी के साथ बीजेपी की सांठगांठ रखने का आरोप लगाया.

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ड्रॉइंग रूम में सिंह को कुछ कागजात दिखाते दिखाया गया है


कुमार ने संवाददाता सम्मेलन में कंपनी के निदेशक की एक तस्वीर जारी की जिसमें कथित तौर पर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के ड्रॉइंग रूम में सिंह को कुछ कागजात दिखाते दिखाया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी से नजदीकी को लेकर बीजेपी के बारे में यह पर्याप्त सबूत है. कुमार ने इसके अलावा भी दावा किया है.

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'समझौते के तहत उत्तराखंड चुनाव में 2000 करोड़ रूपये खर्च कर रही है'


कांग्रेस ने कहा है कि कंपनी बीजेपी के साथ एक समझौते के तहत उत्तराखंड चुनाव में 2000 करोड़ रूपये खर्च कर रही है. पार्टी एक गलत नजीर स्थापित कर रही है. इस पर बीजेपी की ओर से फिलहाल किसी ने टिप्पणी नहीं की है. इधर इस मामले में कंपनी के मालिक अनुभव मित्तल पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है.

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