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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
लॉकडाउन में चल रहे हैं सीमित वाहन, फिर भी दिल्ली में एक दिन में कट रहे हैं 24 हजार चालान
अभिषेक रावत, एबीपी न्यूज़
Updated at:
28 Apr 2020 04:31 PM (IST)
लॉकडाउन के चलते दिल्ली की सड़कों पर भले ही वाहनों की संख्या सीमित हो फिर भी एक दिन में दिल्ली में औसतन 24 हजार चालान कट रहे हैं. इनमें से अधिकतर चालान ओवर स्पीडिंग के हैं. लॉकडाउन के दौरान 1 महीने में 18 लोगों ने सड़क हादसे में जान गंवाई हैं.
प्रतीकात्मक फोटो
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नई दिल्ली: लॉकडाउन को शुरू हुए 1 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. ऐसे में राजधानी दिल्ली में जहां लॉकडाउन से पहले जाम की समस्या आम थी, तो वहीं अब सड़कें खाली हैं. गिने-चुने वाहन चलते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी अगर हम ट्रैफिक पुलिस द्वारा काटे गए चालान की संख्या पर गौर करें तो यह आंकड़ा बेहद चौकाने वाला है. बेहद सीमित संख्या में चल रहे वाहनों के द्वारा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की संख्या कम नहीं है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार 25 मार्च से लेकर 27 अप्रैल तक कुल 7 लाख 20 हजार चालान काटे गए हैं. जिसमें से अधिकांश चालान तेज रफ्तार से वाहन चलाने के हैं. अगर हम प्रत्येक दिन की बात करें तो औसतन 24 हजार चालान रोज काटे जा रहे हैं.
पुलिस कर्मियों से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे हैं तत्पर
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार इन चालान को काटने में ट्रैफिक पुलिस के जवानों से ज्यादा तत्पर सीसीटीवी कैमरे हैं राजधानी दिल्ली में 100 से ज्यादा जगहों पर ओवर स्पीडिंग वाहनों को पकड़ने वाले सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इसके अलावा 34 चौराहें ऐसे हैं, जहां पर ऐसे सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं. यही वजह है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग चालान से बच नहीं पा रहे हैं. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस के जवान भी स्पीड राडार गन से वाहनों की गति पर नज़र रख रहे हैं और उल्लंघन करने वालो के चलन सर्वर से जारी किए जा रहे हैं.
18 लोगों ने गवाई सड़क दुर्घटना में जान
लॉकडाउन के एक महीने की बात करें तो इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 18 है. आम दिनों की तुलना में यह आंकड़ा बेहद कम है लेकिन अगर हम यह देखें कि बेहद सीमित वाहनों के सड़कों पर होने के बावजूद सड़क हादसे हुए और 18 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी तो यह बड़ी बात है. इसकी जो वजह अभी तक हमारी समझ मे आयी है वह है ओवर स्पीडिंग. इसलिए हम उल्लंघनकर्ताओं को किसी तरह की कोई रियायत नहीं दे रहे हैं.
जनता याद रखें लॉकडाउन लोगों के लिए है, यातायात नियमों के लिए नहीं
ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि सभी लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि लॉकडाउन जनता के लिए है. जिसमें उन्हें घरों से अकारण निकलने से मनाही है. सरकार की तरफ से चुंनिन्दा लोगों को ही बाहर आने जाने (खास तौर से वाहन के साथ) की मंजूरी दी गयी है. सड़कें खाली देख शायद यह लोग भूल रहे हैं कि हर सड़क पर वाहन दौड़ाने की गति निर्धारित है और तय सीमा से ज्यादा गति पर वाहन चलाना दंडनीय है. लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यातायात नियमों पर लॉकडाउन में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए सभी को नियमों का पालन करना चाहिए.
कई लोगों के काटे गए हैं एक से ज्यादा चालान
ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि कई वाहन ऐसे भी हैं जिनका एक से अनेक बार चालान भी काटा गया है. कुछ लोगों ने ट्रैफिक पुलिस में शिकायत भी की है कि हमारे वाहन का एक से अनेक बार चालान किया गया है. तो यहां उन्हें यह समझना चाहिए कि वह जितनी बार यातायात नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें उतनी बार चालान का सामना करना पड़ेगा और जो भी ठंड है उसका भुगतान भी करना होगा. इसलिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की सभी को यह सलाह है कि वे सभी लोग यातायात नियमों का पालन करें और किसी तरह का कोई उल्लंघन ना करें.
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नई दिल्ली: लॉकडाउन को शुरू हुए 1 महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है. ऐसे में राजधानी दिल्ली में जहां लॉकडाउन से पहले जाम की समस्या आम थी, तो वहीं अब सड़कें खाली हैं. गिने-चुने वाहन चलते हैं, लेकिन उसके बावजूद भी अगर हम ट्रैफिक पुलिस द्वारा काटे गए चालान की संख्या पर गौर करें तो यह आंकड़ा बेहद चौकाने वाला है. बेहद सीमित संख्या में चल रहे वाहनों के द्वारा ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की संख्या कम नहीं है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार 25 मार्च से लेकर 27 अप्रैल तक कुल 7 लाख 20 हजार चालान काटे गए हैं. जिसमें से अधिकांश चालान तेज रफ्तार से वाहन चलाने के हैं. अगर हम प्रत्येक दिन की बात करें तो औसतन 24 हजार चालान रोज काटे जा रहे हैं.
पुलिस कर्मियों से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे हैं तत्पर
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के अनुसार इन चालान को काटने में ट्रैफिक पुलिस के जवानों से ज्यादा तत्पर सीसीटीवी कैमरे हैं राजधानी दिल्ली में 100 से ज्यादा जगहों पर ओवर स्पीडिंग वाहनों को पकड़ने वाले सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. इसके अलावा 34 चौराहें ऐसे हैं, जहां पर ऐसे सीसीटीवी कैमरा लगे हुए हैं. यही वजह है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले लोग चालान से बच नहीं पा रहे हैं. इसके अलावा ट्रैफिक पुलिस के जवान भी स्पीड राडार गन से वाहनों की गति पर नज़र रख रहे हैं और उल्लंघन करने वालो के चलन सर्वर से जारी किए जा रहे हैं.
18 लोगों ने गवाई सड़क दुर्घटना में जान
लॉकडाउन के एक महीने की बात करें तो इस दौरान सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 18 है. आम दिनों की तुलना में यह आंकड़ा बेहद कम है लेकिन अगर हम यह देखें कि बेहद सीमित वाहनों के सड़कों पर होने के बावजूद सड़क हादसे हुए और 18 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी तो यह बड़ी बात है. इसकी जो वजह अभी तक हमारी समझ मे आयी है वह है ओवर स्पीडिंग. इसलिए हम उल्लंघनकर्ताओं को किसी तरह की कोई रियायत नहीं दे रहे हैं.
जनता याद रखें लॉकडाउन लोगों के लिए है, यातायात नियमों के लिए नहीं
ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि सभी लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि लॉकडाउन जनता के लिए है. जिसमें उन्हें घरों से अकारण निकलने से मनाही है. सरकार की तरफ से चुंनिन्दा लोगों को ही बाहर आने जाने (खास तौर से वाहन के साथ) की मंजूरी दी गयी है. सड़कें खाली देख शायद यह लोग भूल रहे हैं कि हर सड़क पर वाहन दौड़ाने की गति निर्धारित है और तय सीमा से ज्यादा गति पर वाहन चलाना दंडनीय है. लोगों को यह ध्यान रखना चाहिए कि यातायात नियमों पर लॉकडाउन में कोई बदलाव नहीं किया गया है, इसलिए सभी को नियमों का पालन करना चाहिए.
कई लोगों के काटे गए हैं एक से ज्यादा चालान
ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि कई वाहन ऐसे भी हैं जिनका एक से अनेक बार चालान भी काटा गया है. कुछ लोगों ने ट्रैफिक पुलिस में शिकायत भी की है कि हमारे वाहन का एक से अनेक बार चालान किया गया है. तो यहां उन्हें यह समझना चाहिए कि वह जितनी बार यातायात नियमों का उल्लंघन करेंगे, उन्हें उतनी बार चालान का सामना करना पड़ेगा और जो भी ठंड है उसका भुगतान भी करना होगा. इसलिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की सभी को यह सलाह है कि वे सभी लोग यातायात नियमों का पालन करें और किसी तरह का कोई उल्लंघन ना करें.
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