विशाखापट्टनम/बोकारोः भारतीय रेल कोविड-19 के खिलाफ अपनी लड़ाई के तहत ऑक्सीजन एक्सप्रेस का संचालन कर रही है. लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) टैंकरों के साथ पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस गुरुवार रात से विशाखापट्टनम से मुंबई के लिए अपनी पहली यात्रा शुरू की. विशाखापट्टनम पर एलएमओ से भरे टैंकरों की भारतीय रेल की रो-रो सेवा के माध्यम से भेजा जा रहा है.


एक दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने उत्तरप्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत पूरी करने के लिए वाराणसी के रास्ते लखनऊ से बोकारो के लिए अपनी यात्रा शुरू कर दी है. ट्रेन की यात्रा के लिए लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर तैयार किया गया था. ट्रेन ने 270 किलोमीटर की दूरी 62.35 किमी प्रति घंटा की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में तय की थी.


सड़क परिवहन की तुलना में तेजी से सप्लाई
 ट्रेनों के माध्यम से ऑक्सीजन की ढुलाई लंबी दूरियों पर सड़क परिवहन की तुलना में तेज है. ट्रेनें एक दिन में 24 घंटे तक चल सकती हैं, लेकिन ट्रक के चालकों को आराम आदि की जरूरत होती है. यह खुशी की बात हो सकती है कि टैंकरों की लोडिंग/ अनलोडिंग को आसान बनाने के लिए एक रैम्प की जरूरत होती है. 


पिछले साल लॉकडाउन में भी आवश्यक वस्तुओं की थी ढुलाई 
कुछ स्थानों पर रोड ओवर ब्रिज्स (आरओबी) और ओवरहेड इक्विपमेंट (ओएचई) की ऊंचाई की सीमाओं के कारण, रोड टैंकर का 3320 मिमी ऊंचाई वाला टी 1618 मॉडल 1290 मिमी ऊंचे फ्लैट वैगनों पर रखे जाने के लिए व्यवहार्य पाया गया था. रेलवे ने बीते साल लॉकडाउन के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई की और आपूर्ति श्रृंखला को बना रखा तथा आपात स्थिति में राष्ट्र की सेवा जारी रखी.


 


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