लंदन: भगोड़े शराब व्यवसायी विजय माल्या ने ब्रिटेन के हाईकोर्ट में आवेदन कर ब्रिटेन के गृह मंत्री द्वारा दिए गए प्रत्यपर्ण आदेश के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगी है. माल्या भारत में बैंकों का अनुमानित 9,000 करोड़ रुपये का ऋण जानबूझ कर नहीं चुकाने के चलते वांछित हैं. ब्रिटेन में माल्या के खिलाफ प्रत्यपर्ण वारंट जारी किया जा चुका है और वह फिलहाल जमानत पर बाहर है. उसने गुरुवार को हाईकोर्ट के प्रशासनिक न्यायालय विभाग में आवेदन कर अपील करने की अनुमति मांगी है.


ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद ने माल्या के खिलाफ प्रत्यपर्ण आदेश दिया है और अपील के लिए 14 दिन का समय दिया है. माल्या की यह अपील इस आदेश आने के 10 दिन बाद आयी है. ब्रिटेन की अदालत के एक प्रतिनिधि ने कहा, ''आवेदन पर निर्णय लेने के लिए इसे एक विशेष जज के पास भेज दिया गया है, इस पर दो से चार हफ्ते के बीच फैसला आने की उम्मीद है.''


इस मामले में विशेष जज अगर माल्या का आवेदन स्वीकार कर लेते हैं तो फिर अगले कुछ महीनों में इस पर सुनवाई की जाएगी. अगर माल्या का आवेदन खारिज कर दिया जाता है तो उसके पास नवीनीकृत फॉर्म दाखिल करने का विकल्प होगा. नवीनीकरण की प्रक्रिया के दौरान 30 मिनट की मौखिक सुनवाई होगी जिसमें माल्या के वकील और भारत सरकार की ओर से वाद लड़ रही क्राउन प्रोसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) अपील के खिलाफ और पक्ष में अपने दावों को नए सिरे से रखेगी ताकि जज यह निर्णय ले सकें कि इस मामले में पूर्ण सुनवाई की जा सकती है या नहीं.


यह प्रक्रिया लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में होगी. इस प्रक्रिया में कई महीने लग सकते हैं क्योंकि मामले का अदालत की कार्रवाई के लिए सूचीबद्ध होना जजों की उपलब्धता और अन्य कारकों पर निर्भर करेगा. हाईकोर्ट के स्तर पर फैसला आने के बाद दोनों पक्षों के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने का हक होगा. इसमें करीब छह हफ्ते का वक्त और लग जाएगा. ब्रिटेन में सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की प्रक्रिया थोड़ी और जटिल है.


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