Liquor Prohibition: बिहार में जहरीली शराब की वजह से हुई मौत के बाद चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को सात घंटे तक मैराथन समीक्षा बैठक की. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक के दौरान नीतीश ने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी.


मुख्यमंत्री ने कहा, ''जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी और मनोयोग के साथ काम करें. न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें.'' उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही पाए जाने पर सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.


मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब के धंधे में किसी भी तरह से लिप्त लोगों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है.


नीतीश ने बैठक के दौरान कहा, ''26 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं. मंत्री, विधायक, विधान पार्षद सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें. सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है.''


उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर शराबबंदी को लेकर सख्ती अपनाए जाने के साथ ही अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर निचले स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लें. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें.


नीतीश ने कहा कि शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में लोगों को जागरूक करें और मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें.


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