ED Raid In Liquor Scam: दिल्ली में आबकारी नीति (Excise Policy) में बदलाव करके शराब घोटाले (Liquor Scam) का आरोप झेल रहे आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. शराब घोटाला मामले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) एक बार फिर एक्शन में है. एजेंसी ने 6 राज्यों में 40 ठिकानों पर छापेमारी (ED Raid) की है. इससे पहले ईडी ने 6 सितंबर को भी कई ठिकानों पर छापेमारी की थी जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्य शामिल थे.
दिल्ली में कथित शराब घोटाला के मामले में अभी तक बहुत कुछ घट चुका है. मामले की सीबीआई से जांच की सिफारिश से लेकर मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी, अन्ना हजारे का अरविंद केजरीवाल तल्ख टिप्पणी, उसके बाद ईडी की एंट्री फिर बीजेपी के स्टिंग ऑपरेशन और अब ईडी की छापेमारी. तो आइए जानते हैं सिलसिलेवार तरीके से इस मामले में अब तक क्या क्या हुआ है.
क्या है मामला?
दरअसल, दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सचिव की एक रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. 8 जुलाई को ये रिपोर्ट भेजी गई थी. इस रिपोर्ट में पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति को लेकर सवाल उठाए गए. रिपोर्ट में कई सवालों के साथ साथ सबसे बड़ा आरोप ये लगया कि शराब बेचने की वालों की लाइसेंस फीस माफ करने से सरकार को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. आबकारी मंत्री के तौर पर मनीष सिसोदिया ने इन प्रावधानों की अनदेखी की है.
CBI की एंट्री से लेकर ईडी की छापेमारी तक
- इसके बाद इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाती है और सीबीआई आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया के घर और बैंक लॉकर की छानबीन करती है.
- इसी बीच केजरीवाल सरकार नई आबकारी नीति को वापस ले लेती है.
- एक्साइज पॉलिसी में कथित गड़बड़ी के मामले में सीबीआई मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करती है.
- इसके बाद लोकपाल बिल के लिए आंदोलन करने वाले अन्ना हजारे का बयान आता है और वो कहते हैं कि अरविंद केजरीवाल सत्ता के नशे में चूर हैं.
- इस बीच अरविंद केजरीवाल न्यूयॉर्क टाइम्स में दिल्ली सरकारी स्कूल के बारे में छपे आर्टिकल को लेकर विक्टिम कार्ड खेलते हैं. कहते हैं कि दिल्ली में शिक्षा व्यवस्था की बढ़ाई की गई है इससे मोदी सरकार घबरा गई है.
- बीजेपी इसका पलटवार करती है और इसे एक पेड आर्टिकल करार देती है. इसके बाद बीजेपी एक स्टिंग ऑपरेशन जारी करती है और एक बार फिर शराब घोटाले का आरोप लगाती है.
- सीबीआई को इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का शक होता है और प्रवर्तन निदेशालय के पास इस मामले को भेजा जाता है. फिर इसमें प्रवर्तन निदेशालय केस दर्ज कर लगातार छापेमारी कर रही है.
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