नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बहराइच से बीजेपी सांसद और दलित नेता सावित्री बाई फुले ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. सावित्री बाई फुले बीते काफी दिनों से पार्टी से नाराज़ चल रही थीं और पार्टी लाइन से हटकर बयानबाजी कर रही थीं. लेकिन उन्होंने अचानक पार्टी छोड़ने का एलान किया. इस्तीफा देने के साथ ही फुले ने बीजेपी पर एक बार फिर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है.


राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा चुनाव की वोटिंग से महज़ एक दिन पहले इस तरह से मौजूदा सांसद का पार्टी से इस्तीफा देना बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. हम आपको उन बीजेपी सांसदों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने 2014 के बाद से अब तक में पार्टी का दामन छोड़ दिया है.


नाना पटोले
विभिन्न मुद्दों पर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते रहे नाना पटोले ने दिसंबर 2017 में पार्टी और लोकसभा से इस्तीफा दे दिया था. वह 2014 के लोकसभा चुनावों के पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. इस चुनाव में उन्होंने भंडारा गोंडिया निर्वाचन क्षेत्र से एनसीपी के कद्दावर नेता प्रफुल्ल पटेल को पराजित किया था. किसानों की बदहाली सहित कई मुद्दों पर उन्होंने बीजेपी की निंदा की थी.


हरीश मीणा
राजस्थान में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज होते ही भारतीय जनता पार्टी से सांसद हरीश मीणा कांग्रेस में शामिल हो गए थे. हरीश मीणा राजस्थान की दौसा सीट से सांसद हैं. उन्होंने 2014 के आम चुनाव में अपने बड़े भाई और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नमोनारायण मीणा को पराजित किया था. अशोक गहलोत सरकार में राज्य के पुलिस प्रमुख रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी हरीश मीणा मार्च 2014 में बीजेपी में शामिल हुए थे.


थुपस्तान छवांग
लोकसभा में लद्दाख क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले थुपस्तान छवांग ने पिछले महीने सदन और बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था. छवांग दो बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं. इस्तीफा देने के काफी समय पहले से ही छवांग पार्टी से अलग-थलग चल रहे थे.


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