एक्सप्लोरर

लॉकडाउन में हो रहे हैं बोर तो ऑनलाइन पढ़ें कहानियां, ये रही पूरी लिस्ट

अगर आप भी घर में हो रहे हैं बोर तो लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन पढ़े ये 10 कहानी संग्रह. नीचे आपको पूरी लिस्ट दी गई है.

नई  दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से आप इन दिनों अपने-अपने घरों में बंद होंगे. ऐसे में आपका दिनचर्या पूरी तरह बदल गया होगा. कई बार आप बाहर न जा पाने और अपनी पसंद का काम न कर पाने की वजह से परेशान हो जाते होंगे. ऐसे में क्यों न आप कुछ बेहतरीन कहानियां पढ़ लें. यकीन मानिए इन कहानियों को पढ़कर आपका समय झट से कट जाएगा. इतना ही नहीं इन ऑनलाइन उपलब्ध कहानी संग्रह को पढ़कर आपकी जानकारी तो बढ़ेगी ही साथ ही भाषा भी बेहतरीन हो जाएगी..तो देर किस बात की..आइए बताते हैं 10 ऐसे कहानी संग्रह के बारे में जो ऑनलाइन पढ़ी जा सकती हैं -

1-लिहाफ़ - इस्मत चुगताई इस्मत, जि़न्दगी से अपने सच्चे लगाव को कहानी का जरिया बनाती हैं और जिस शब्दावली का चयन उनकी जबान करती है, वह खुद भी जि़न्दगी से उनके इसी शदीद इश्क से तय होती है. इस्मत चुगताई, जिन्हें यूँ ही लोग प्यार से आपा नहीं कहा करते थे. जिस मुहब्बत से वे अपने किरदारों और उनके दुख-सुख को पकड़ती थीं, वही उनके आपा बन जाने का सर्वमान्य आधार था. इस किताब में उनकी सत्रह, एक से एक कहानियाँ शामिल हैं जिनमें प्रसिद्ध 'लिहाफ' भी है. इसमें उन्होंने समलैंगिकता को उस वक्त अपना विषय बनाया था जब समलैंगिकता के आज जवान हो चुके पैरोकार गर्भ में भी नहीं आए थे. और इतनी खूबसूरती से इस विषय को पकडना तो शायद आज भी हमारे लिए मुमकिन नहीं है. उनकी सोच की ऊँचाई के बारे में जानने के लिए सिर्फ इसी को पढ़ लेना काफी है.

2-प्रतिनिधि कहानियां – मंटो इस किताब में मंटो की सोलह कहानियाँ संकलित है जिसका चयन एक्टर-डायरेक्टर नंदिता दास ने किया है. मंटो, अपने समय और समाज की असलियत को कहानियों के कैनवेस में उतारकर अपने पाठकों के सामने लाते हैं. ये कहानियाँ पाठकों को असहज करती हैं लेकिन इनकी सच्चाई से मूँह नहीं मोड़ा जा सकता.

3-आदिम रात्रि की महक फणीश्वरनाथ रेणु के कथा साहित्य को आंचलिक कहा गया है किन्तु उनकी कहानियाँ (तथा उपन्यास भी) जहाँ एक ओर ग्राम्य-जीवन की आंचलिकता को ही नहीं उसकी सम्पूर्ण आन्तरिकता को व्यक्त करती हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण तथा शहरी जीवन के अन्त:सम्बन्धों की वास्तविकता का भी उद्घाटन करती हैं. आजादी के बाद के राजनैतिक परिवर्तनों का दस्तावेजी बयान प्रस्तुत करनेवाली कहानियों में यह तथ्य खूब उभरकर आता है—‘जलवा’ तथा ‘आत्म-साक्षी’ जैसी कहानियों में तटस्थ राजनैतिक बोध की निर्ममता के साथ उस क्रूर ‘ट्रैजडी’ का एहसास भी है जिसमें कोमल मानवीय सच्चाइयों के कर्दयता से कुचले जाने का इतिहास अंकित है.

4-कहानियां रिश्तों की भारतीय समाज में रिश्तों को जितनी मजबूती, आत्मीयता और उर्जा हासिल रही हैं, वह विरल है ! एक तरह से कहा जा सकता है कि इस देश के यथार्थ को रिश्तों की समझ के बगैर जाना-समझा नहीं जा सकता है ! मां-पिता, भाई-बहन, दोस्त, दादी-नानी, बाबा-नाना, मामा, मौसा-मौसी, बुआ-फूफा, दादा, चाचा, दोस्ती अनगिनत समबन्ध हैं जो लोगों के अनुभव-संसार में जिवंत हैं और जिनसे लोगों का अनुभव-संसार बना है ! इसलिए हमारे देश की विभिन्न भाषाओँ में लिखी गई कहानियों, उपन्यासों आदि में ये रिश्ते बार-बार समूची ऊष्मा, जटिलता और गहनता के साथ प्रकट हुए हैं ! न केवल लेखकों, कवियों, कलाकारों बल्कि सामाजिक चिंतकों के लिए भी ये रिश्ते एक तरह से लिटमस पेपर हैं जिनसे वे अपने अध्ययन क्षेत्र के निष्कर्षों, स्थापनाओं, सिद्धांतो की जाँच कर सकते हैं ! अतः रिश्तों पर रची गई कहानियों की यह श्रृंखला हमारी दुनिया का अंकन होने के साथ-साथ हमारी दुनिया को पहचानने और उसकी व्याख्या करने की परियोजना के लिए सन्दर्भ कोष के रूप में भी ग्रहण की जा सकती है!

5-मैं तुमसे कुछ कहना चाहती हूँ -एलिस मुनरों की कहानियां एलिस मनरो हमारी आँखों के सामने ही जीवन की किसी साधारण घटना को एक ऐसे रत्न में परिवर्तित कर देती है जो हमें चकाचौंध कर देता है . प्रेम, विस्मय भय से सराबोर यह कहानियाँ मन्त्रमुग्ध कर देती हैं.

6-पिंक स्लिप डैडी – गीत चतुर्वेदी गीत चतुर्वेदी ने अपने गल्प व कविताओं में अवां-गार्द भाव दिखाते हैं. उनका अध्ययन बेहद विस्तृत है जो कि उनकी पीढ़ी के लिए एक दुर्लभ बात है. यह पढ़ाई उनकी रचनाओं में अनायास व सहज रूप से गुँथी दिखती है. उनकी भाषा व शैली अभिनव है. उनके पास सुलझी हुई दृष्टि है जिसमें क्लीशे नहीं और जो कि वर्तमान विचारधारात्मक खेमों के शिकंजे में भी फँसी हुई नहीं है. -

7-किस्सा किस्सा लखनउवा लखनऊ के नवाबों के किस्से तमाम प्रचालित हैं, लेकिन अवाम के किस्से किताबों में बहुत कम मिलते हैं. जो उपलब्ध हैं, वह भी बिखरे हुए. यह किताब पहली बार उन तमाम बिखरे किस्सों को एक जगह बेहद खूबसूरत भाषा में सामने ला रही है, जैसे एक सधा हुआ दास्तानगो सामने बैठा दास्तान सुना रहा हो. खास बातें नवाबों के नहीं, लखनऊ के और वहाँ की अवाम के किस्से हैं. यह किताब हिमांशु की एक कोशिश है, लोगों को अदब और तहजीब की एक महान विरासत जैसे शहर की मौलिकता के क़रीब ले जाने की. इस किताब की भाषा जैसे हिन्दुस्तानी ज़बान में लखनवियत की चाशनी है.

8-सुलगन समकालीन हिन्दी कहानी में भाषा का ऐसा संवेदना से पगा सुललित प्रयोग इधर अकसर देखने में नहीं आता जैसा कैलाश वानखेड़े के यहाँ मिलता है. वे कहानी के पात्रों को मंजिल तक पहुँचाकर अपने कथा-सूत्र को समेटने की जल्दी में नहीं रहते. इसके बजाय पाठक को कुछ समय उस वातावरण में रहने देते हैं, जहाँ वे उसे लेकर गए हैं. आसपास का प्राकृतिक और नागरिक परिवेश उनकी भाषा में एक पात्र की तरह ही साकार होता चलता है. गहरी संवेदना, विषयों की बहुविधता, और संवेदना के गहरे सरोकारों के लिए भी उनके कथाकार को विशेष रूप से जाना जाता है. इस संकलन में कैलाश वानखेड़े की नौ कहानियाँ हैं—‘उन्नति जनरल स्टोर्स’, ‘जस्ट डांस’, ‘आज कल, कल, कल आज’, ‘गोलमेज’, ‘उस मोड़ पर’, ‘कँटीले तार’, ‘खापा’, ‘काली सडक़’ और ‘हल्केराम’. अपने कथ्य, भाषिक प्रांजलता और सघन सामाजिक मानवीय संवेदनाओं के लिए ये कहानियाँ लम्बे समय तक याद रखी जाएँगी..

9-ग्यारहवीं ए के लड़के गौरव सोलंकी नैतिकता के रूढ़ खाँचों में अपनी गाड़ी खींचते-धकेलते लहूलुहान समाज को बहुत अलग ढंग से विचलित करते हैं. और, यह करते हुए उसी समाज में अपने और अपने हमउम्र युवाओं के होने के अर्थ को पकडऩे के लिए भाषा में कुछ नई गलियाँ निकालते हैं जो रास्तों की तरह नहीं, पड़ावों की तरह काम करती हैं. इन्हीं गलियों में निम्न-मध्यवर्गीय शहरी भारत की उदासियों की खिड़कियाँ खुलती हैं जिनसे झाँकते हुए गौरव थोड़ा गुदगुदाते हुए हमें अपने साथ घुमाते रहते हैं. वे कल्पना की कुछ नई ऊँचाइयों तक किस्सागोई को ले जाते हैं, और अकसर सामाजिक अनुभव की उन कंदराओं में भी झाँकते हैं जहाँ मुद्रित हिन्दी की नैतिक गुत्थियाँ अपने लेखकों को कम ही जाने देती हैं. इस संग्रह में गौरव की छह कहानियाँ सम्मिलित हैं, लगभग हर कहानी ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर एक खास किस्म की हलचल पैदा की. किसी ने उन्हें अश्लील कहा, किसी ने अनैतिक, किसी ने नकली. लेकिन ये सभी आरोप शायद उस अपूर्व बेचैनी की प्रतिक्रिया थे, जो इन कहानियों को पढक़र होती है.कहने का अंदाज गौरव को सबसे अलग बनाता है, और देखने का ढंग अपने समकालीनों में सबसे विशेष. उदारीकृत भारत के छोटे शहरों और कस्बों की नागरिक उदासी को यह युवा कलम जितने कौशल से तस्वीरों में बदलती है, वह चमत्कृत करनेवाला है.

10-धूप की मूंडेर – अनघ शर्मा

एक बदले ज़माने और बदले परिवेश में कुछ ऐसा भी होता है जो उसे पूरी तरह अजनबी नहीं होने देता, बल्कि पूर्व से वर्तमान को किसी पुल की तरह जोड़ता प्रतीत होता है. ऐसा जिन युवा रचनाकारों को पढक़र, उनसे बात करते या उनका कहा सुनते मुझे लगा है उनमें अनघ महत्त्वपूर्ण हैं. ऐसा इस कारण नहीं कि वे बीते ज़माने (एक प्रकार से मेरा ज़माना) से सम्बद्ध विषयों या एक प्रकार का नॉस्टेल्जिया-ग्रस्त लेखन करते हों. वह उस जीवन और उन समस्याओं को ही विषय बनाते हैं जो उन्हें खुद दरपेश हैं, और खुद मेरे लिए अपने लेखन में जिनकी कल्पना सम्भव नहीं. ऐसा शायद इस कारण है कि उनके लेखन का मुख्य स्वर समानुभूति (एम्पथी) का स्वर होता है जिसे अभिव्यक्त करने की उनके पास सही-सही भाषिक कुशलता है. अनघ एक भागदौड़-भरा व्यस्त जीवन जीते हुए अपना लेखन करते हैं, जिसमें असंख्य सम्भावनाएँ हैं. उनकी भाषा विशेषकर आकर्षित करती है जिसमें संवाद और विवरण के बीच वह एक प्रकार का विशेष सन्तुलन बनाकर चलते हैं.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, चैंपियंस ट्रॉफी से पहले हटाया भारत का झंडा, सोशल मीडिया पर दावा
पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, चैंपियंस ट्रॉफी से पहले हटाया भारत का झंडा, सोशल मीडिया पर दावा
महाकुंभ: प्रयागराज में जनज्वार, स्कूल बंद, एयरपोर्ट में भारी भीड़, रेलवे स्टेशन पर अफसर सतर्क
महाकुंभ: प्रयागराज में जनज्वार, स्कूल बंद, एयरपोर्ट में भारी भीड़, रेलवे स्टेशन पर अफसर सतर्क
Hajj 2025: हज रिजर्वेशन कैंसिल किया तो मिलेगा रिफंड, सऊदी अरब ने किया ऐलान पर लगाईं ये शर्तें
Hajj 2025: हज रिजर्वेशन कैंसिल किया तो मिलेगा रिफंड, सऊदी अरब ने किया ऐलान पर लगाईं ये शर्तें
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भिड़े कोहली-गंभीर! भारतीय बल्लेबाज ने ठुकराई हेड कोच की बात?
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भिड़े कोहली-गंभीर! भारतीय बल्लेबाज ने ठुकराई हेड कोच की बात?
Advertisement
ABP Premium

वीडियोज

TOP Headlines: देखिए 12 बजे की बड़ी खबरें | Delhi new CM | Delhi Earthquake | station stampede | ABP NEWSTOP Headlines: देखिए 11 बजे की बड़ी खबरें | Delhi new CM | Delhi Earthquake | station stampede | ABP NEWSDelhi Breaking: भगदड़ के बाद रेलवे ने उठाया कदम, स्टेशन पर प्लेटफॉर्म टिकट की बिक्री बंद | ABP NewsYamuna Pollution: दिल्ली में शुरू हुई यमुना की सफाई, लगाई गई बड़- बड़ी मशीनें | Breaking News | ABP NEWS

फोटो गैलरी

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, चैंपियंस ट्रॉफी से पहले हटाया भारत का झंडा, सोशल मीडिया पर दावा
पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, चैंपियंस ट्रॉफी से पहले हटाया भारत का झंडा, सोशल मीडिया पर दावा
महाकुंभ: प्रयागराज में जनज्वार, स्कूल बंद, एयरपोर्ट में भारी भीड़, रेलवे स्टेशन पर अफसर सतर्क
महाकुंभ: प्रयागराज में जनज्वार, स्कूल बंद, एयरपोर्ट में भारी भीड़, रेलवे स्टेशन पर अफसर सतर्क
Hajj 2025: हज रिजर्वेशन कैंसिल किया तो मिलेगा रिफंड, सऊदी अरब ने किया ऐलान पर लगाईं ये शर्तें
Hajj 2025: हज रिजर्वेशन कैंसिल किया तो मिलेगा रिफंड, सऊदी अरब ने किया ऐलान पर लगाईं ये शर्तें
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भिड़े कोहली-गंभीर! भारतीय बल्लेबाज ने ठुकराई हेड कोच की बात?
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भिड़े कोहली-गंभीर! भारतीय बल्लेबाज ने ठुकराई हेड कोच की बात?
प्रतीक बब्बर ने न्यूली वेड वाइफ के लिए गाया गाना, पति की बाहों में डांस करती दिखीं प्रिया
प्रतीक बब्बर ने न्यूली वेड वाइफ के लिए गाया गाना, पति की बाहों में डांस करती दिखीं प्रिया
इंसान है या रोबोट? हाथों के बल पूरा पहाड़ चढ़ गया ये शख्स, वीडियो देख दंग रह जाएंगे आप
इंसान है या रोबोट? हाथों के बल पूरा पहाड़ चढ़ गया ये शख्स, वीडियो देख दंग रह जाएंगे आप
मॉर्निंग एंग्जाइटी बजा सकती है पूरे दिन की बैंड, जानें कैसे करें अपनी सुबह की शुरुआत
मॉर्निंग एंग्जाइटी बजा सकती है पूरे दिन की बैंड, जानें कैसे करें अपनी सुबह की शुरुआत
PM Kisan Nidhi: 24 फरवरी को इन किसानों के खाते में आएंगे 2000 हजार रुपये, इन किसानों को नहीं मिलेगा लाभ
24 फरवरी को इन किसानों के खाते में आएंगे 2000 हजार रुपये, इन किसानों को नहीं मिलेगा लाभ
Embed widget

We use cookies to improve your experience, analyze traffic, and personalize content. By clicking "Allow All Cookies", you agree to our use of cookies.