कंफ्यूजन दूर कीजिए, जानिए- अबु सलेम कितने साल सलाखों में रहेगा?
इसी साल 16 जून को मुंबई में 1993 में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में विशेष टाडा अदालत ने अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, फिरोज खान और ताहिर मर्चेंट सहित 6 लोगों को दोषी करार दिया था. इस केस के एक दोषी मुस्तफा दौसा की हार्ट अटैक से मौत हो गई है.
- सीबीआई के वकील दीपक साल्वी ने कहा है, ‘’आज टाडा कोर्ट ने इस मामले में दो दोषियों फिरोज खान और ताहिर मर्चेट को फांसी की सजा सुनाई है और बाकी को दो आरोपियों करीमुल्लाह शेख और अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई है और एक दोषी रियाज सिद्दीकी को दस साल की सजा सुनाई है.’’ उन्होंने कहा कि अबू सलेम को दो मामलो में उम्रकैद की सजा मिली है.
- अबू सलेम को कोर्ट ने अलग-अलग धाराओं में उम्रकैद की सजा दी है. लेकिन अगर भारत सरकार पुर्तगाल के साथ प्रत्यपर्णन की सन्धि को मानती है तो उसे सिर्फ 25 साल की सजा ही मिल सकती है. बता दें कि अबू सलेम 12 साल जेल की सजा काट चुका है.
- फिरोज खान और ताहिर मर्चेट को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने कहा है कि इसको सबकुछ पता था.
- रियाज सिद्दीकी को दस साल कैद की सजा सुनाई गई है. सिद्दीकी पर कोई जुर्माना नहीं लगाया गया है. सीबीआई ने रियाज को उम्रकैद देने की मांग की थी. कोर्ट में फैसले के वक्त रियाज लगातार अपने वकील से बात कर रहा था.
- जज ने अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को दो मामलों में उम्रकैद और दो अन्य मामलों में 25-25 साल की सजा दी है. साथ ही इसपर दो लाख का जुर्मान भी लगाया है. अब अबु सलेम 25 साल तक की जेल में रह सकता है. ऐसा इसलिए हैं क्योंकि ट्रायल के दौरान मुंबई पुलिस और भारत सरकार अबु सलेम को साल 2012 में पुर्तगाल से इस शर्त पर प्रत्यपर्णन करके लाई थी कि उसे न तो फांसी की सजा मिलेगी और ना ही 25 साल से ज्यादा की सजा दी जाएगी.
- टाडा कोर्ट के जज ने करीमुल्लाह शेख को 25 साल की सजा सुनाई है. साथ ही उसपर दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है. कोर्ट ने करीमुल्लाह को हथियार सप्लाई करने का दोषी माना है.
- अबू सलेम सहित पांचों दोषी कोर्ट पहुंच चुके हैं. थोड़ी देर बाद सजा का एलान होगा. कोर्ट रूम में सरकारी पक्ष और बचाव पक्ष के वकील भी पहुंच गए हैं.
- अबू सलेम तलोजा जेल से कोर्ट के लिए निकल चुका है.
1993 में मुंबई धमाकों में हुई थी 257 लोगों की मौत
12 मार्च 1993 में मुंबई में 12 सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे, जिसमें 257 लोगों की जान चली गई थी और 700 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे.
इन पांच आरोपियों को सुनाई गई सजा
इस केस में सात आरोपियों पर मुकदमा चलाया गया था. कय्युमशेख नामक आरोपी को पुख्ता सबूत नहीं होने के कारण रिहा कर दिया गया था. वहीं मुस्तफा दौसा की मौत हो चुकी है. अब सलेम के अलावा जिन चार आरोपियों को सजा सुनाई गई है, उनमें फिरोज खान, ताहिर मर्चेट, रियाज सिद्दीकी और करीमुल्ला शेख शामिल है. इस मामले में टाडा कोर्ट पहले ही 105 आरोपियों को दोषी करार दे चुकी है, जिसमें फिल्म अभिनेता संजय दत्त भी शामिल है. हालांकि दत्त जेल में अपनी सजा पूरी कर चुके हैं.
क्यों सलेम को नहीं दी जा सकी फांसी ?
ट्रायल के दौरान मुंबई पुलिस और भारत सरकार ने अंडरव्लर्ड डॉन अबु सलेम को साल 2012 में पुर्तगाल से और अंडरवर्ल्डडॉन मुस्तफा डोसा को दुबई के प्रत्यपर्णन करा कर भारत लाई थी. पुर्तगाल ने इसी शर्त पर अबु सलेम का प्रत्यार्पण किया था कि उसे फांसी की सजा ना दी जाए.
किस पर क्या थे आऱोप?
अबु सलेम पर आरोप थे कि उसने ही हथियारों का जखीरा संभाला था और उसी में से हथियार फिल्म अभिनेता संजय दत्त को दिए थे. रियाज सिद्दीकी पर आरडीएक्स से भरी मारूति वैन को गुजरात के भरूच में अबू सलेम के हवाले करने का आरोप थे. फिरोज और करीमउल्लाह पर धमाके के सामान पहुंचाने का आरोप थे. जबकि मोहम्मद ताहिर मर्चेंट पर धमाके में शामिल कई अभियुक्तों को ट्रेनिंग के लिये पाकिस्तान भेजने का आरोप था. वहीं अब्दुल कय्यूम पर भी संजय दत्त को हथियार पहुंचाने का आरोप था.
1993 मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम 1995 से फरार घोषित है और पाकिस्तान की सरपरस्ती में छिपा बैठा है.