अहमदाबाद: आज आषाढ़ शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है. आज ओडिशा के पुरी और गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा निकाली जा रही है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह रथयात्रा से पहले अहमदाबाद में मंगला आरती में पहुंचे थे. अहमदाबाद में मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने सोने की झाड़ू लगाकर सुबह सात बजे रथयात्रा को रवाना किया. ओडिशा के पुरी में भी सुबह 10 बजे रथयात्रा शुरू हो गई थी. पुरी में करीब 15 लाख श्रद्धालु रथयात्रा के दौरान मौजूद हैं.
जानें सुबह से लेकर अबतक क्या-क्या हुआ
- महाराष्ट्र के पंढरपुर में श्रीकृष्ण के अवतार विठोबा की पदयात्रा निकाली जा रही है.
- पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा शुरू हो गई है. अहमदाबाद में भी रथयात्रा जारी है.
- पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. कुछ ही देर में रथयात्रा शुरू हो जाएगी. रथयात्रा में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा हुआ है.
- पुरी में रथयात्रा शुरू होने का इंतजार है. थोड़ी देर में पुरी के पूर्व महाराजा दिव्य देव सिंह रथ के आगे झाडू लगाकर रथों को गंडीचा मंदिर के लिए रवाना करेंगे.
- अहमदाबाद में रथयात्रा सरसपुर के रणछोड़दास मंदिर की तरफ बढ रही है. रास्ते भर गूंज रहे हैं जय जगन्नाथ के जयकारे.
- ओडिशा के पुरी में भी रथयात्रा की तैयारी पूरी कर ली गई हैं. भगवान जगन्नाथ जी का रथ पीले और लाल रंग के कपड़ों से बना है, जिसमें 16 पहिए लगे हैं जबकि बलभद्र जी का रथ हरे और लाल रंग का है, इसमें 14 पहिए लगे हैं. सुभद्रा जी का रथ काले और लाल रंग के कपड़ों का बना है. इसमें 12 पहिए लगे हैं. लकड़ी के बने इन रथों को भक्त रस्सियों से खींचते हैं.
- अहमदाबाद में रथयात्रा भगवान जगन्नाथ के मुख्य मंदिर से सरसपुर के रणछोड़दास मंदिर तक जाएगी. भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के रथ यहां करीब दो घंटे रुकेंगे. सरसपुर के रणछोड़दास मंदिर को भगवान जगन्नाथ का ननिहाल कहा जाता है.अहमदाबाद में मंत्रोच्चार के साथ मंगला आरती के पहले भगवान जगन्नाथ का भव्य स्नान और अभिषेक किया गया. मान्यता के मुताबिक भगवान जगन्नाथ स्वस्थ होने के बाद रथ के जरिए शहर में निकलते हैं.
- मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने झाड़ू लगाकर सुबह सात बजे रथयात्रा को रवाना कर दिया है. सीएम रूपाणी अपने पूरे परिवार के साथ रथयात्रा में दर्शन के लिए पहुंचे हैं. रथयात्रा से पहले झाड़ू लगाने को पहिंद विधि कहा जाता है. रथयात्रा में राज्य के प्रमुख यानी सीएम की तरफ से भगवान के स्वागत की परंपरा है. इसका संदेश ये है कि जगत के स्वामी जगन्नाथ हैं और सभी उनके सेवक हैं.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देश को जगन्नाथ रथयात्रा की शुभकामनाएं दी हैं. पीएम मोदी ने कहा है कि भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से देश नई ऊंचाइयों पर पहुंचे.
- पुरी में सुबह 8 बजे मंदिर के कपाट खुलेंगे. पुरी की रथयात्रा सुबह से लेकर रात तक चलेगी. यहां करीब 15 लाख श्रृद्धालु दर्शन करने के लिए आए हैं.
- अहमदाबाद की रथयात्रा में शामिल होने के लिए उमड़ी भारी भीड़. भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र औऱ बहन सुभद्रा की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे लोग.
- अहमदाबाद में रथयात्रा के 15 किमी लम्बे रूट पर पहली बार इजराइली हीलियम बैलून लगाए गए हैं. हाईडेफिनेशन कैमेरों की मदद से यात्रा पर नजर रखी जा रही है.
- अहमदाबाद की रथयात्रा में सुरक्षा के बेहद सख्त इंतजाम हैं. गुजरात पुलिस के 14 हजार से ज्यादा जवान, स्टेट रिजर्व पुलिस की 22 कंपनियां और अर्धसैनिक बलों की 25 कंपनियां तैनात हैं.
- गुजरात के अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की ये 141वीं रथयात्रा है. अहमदाबाद में अलग-अलग तीन रथों पर भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र औऱ सुभद्रा की मुर्ति सजाई गई हैं. तीनों की चल प्रतिमाओं को भव्य तरीके से सजाया गया है. भगवान को पगड़ी भी पहनाई गई है.
- विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण को ही जगन्नाथ यानी जगत के पालनहार कहा जाता है. गुजरात में भारी तादाद में भगवान कृष्ण के अनुयायी हैं. गुजरात के द्वारका में भगवान कृष्ण की राजधानी की मान्यता है.
- अहमदाबाद के सरसपुर मंदिर में रथयात्रा पहुंचने के बाद रथ को खींचने वाले भक्तों को यहां खाना खिलाया जाता है. मंदिर में भक्तों को भोजन बनाने की तैयारी चल रही है.
पीएम मोदी ने भिजवाया प्रसाद
अहमदाबाद की रथयात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से प्रसाद भिजवाया गया है. पीएम मोदी मुख्यमंत्री रहने के दौरान हर साल अहमदाबाद की रथयात्रा में जाते थे. मोदी 13 बार भगवान जगन्नाथ के मंदिर में पहिंद यानी झाडू लगा चुके हैं. पीएम मोदी की भगवान जगन्नाथ में गहरी आस्था है. पीएम ने भगवान जगन्नाथ को जो प्रसाद भेजा है, उसमें जामुन, मूंग, आम, अनार, गुड और बूंदी शामिल है. आज के दिन भगवान जगन्नाथ को इसी तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है.
जगन्नाथ पुरी को लेकर क्या विवाद है?
पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा इस बार विवादों के बीच शुरू हो रही है. पहले रत्न भंडार की चाभी खो गई फिर अचानक पुरी के डीएम को इसकी डुप्लीकेट चाभी मिल गई. फिर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया. देश की सबसे बड़ी अदालत ने जगन्नाथ मंदिर में बाकी धर्म के लोगों के प्रवेश का सुझाव दे दिया. सुप्रीम कोर्ट ने हिंदुओं के अलावा दूसरे धर्मों के लोगों को भी मंदिर में जाने का सुझाव दिया है, लेकिन पुरी के राजा से लेकर मंदिर के पुजारी तक इसके लिए तैयार नहीं हैं. मंदिर के पुजारी इस बात पर भड़क गए हैं. अब तक मंदिर में सिर्फ़ हिंदू, सिक्ख, जैन और भारतीय बौद्धों को अंदर जाने दिया जाता है. मंदिर के बाहर इस बात का बोर्ड भी लगा है.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट को शिकायत मिली थी कि पुरी मंदिर में आने वाले भक्तों के साथ पुजारी बदसलूकी करते हैं. उन्हें कंट्रोल करने के लिए कोर्ट ने कई सुझाव दिए. पुरी मंदिर के पुजारियों ने ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक से भी मुलाक़ात की थी. पुरी के राजा दिव्य सिंह देव भी इस बैठक में थे. तय हुआ कि सुप्रीम कोर्ट में ओडिशा सरकार मंदिर में ग़ैर हिंदुओं के प्रवेश का विरोध करेगी. इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पुरी दौरे में भी विवाद हो गया था. आरोप लगा कि पुजारियों ने दलित होने के नाते उनके साथ धक्का मुक्की की थी लेकिन राष्ट्रपति भवन ने इसका खंडन किया.