मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने का विवाद, DMK की याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई
मुथुवेल करुणानिधि का जन्म साल 1924 में थंजावुर (अब नागापट्टीनम) में हुआ था और 3 जून को उन्होंने अपने जीवन के 94 साल पूरे किए थे. करुणानिधि 5 बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे हैं.
चेन्नई: दक्षिण भारत के दिग्गज नेता एम करुणानिधि का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. करुणानिधि को 28 जुलाई से कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एम करुणानिधि यूरिनिरी इंफेक्शन से पीड़ित थे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्विटर पर उनके साथ तस्वीरें शेयर करते हुए उनके निधन पर शोक जताया है. पीएम मोदी ने कहा है कि उनके निधन से वो बेहद दुखी हैं. करुणानिधि के निधन से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.
अब तक की बड़ी खबर
तमिलनाडु के 5 बार सीएम रहे एम करुणानिधि का निधन
10.40 PM: मरीना बीच पर करुणानिधि के समाधि के लिए जगह नहीं मिलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. कावेरी अस्पताल के बाहर करुणानिधि के समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है.
10.10 PM: मरीना बीच पर करुणानिधि के समाधि के लिए जगह नहीं मिलने का ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. मद्रास हाईकोर्ट डीएमके की याचिका पर आज रात 10.30 बजे ही सुनवाई करेगा. 09.05 PM: समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, तमिलनाडु सरकार ने एम. करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर पार्टी के संस्थापक सी.एन. अन्नादुरई के स्मारक के पास दफनाने के लिए जगह देने से इंकार कर दिया है. मुख्य सचिव गिरिजा वैद्यनाथन ने एक बयान में कहा कि मरीना बीच पर नेताओं को दफनाने को लेकर कई मामले मद्रास हाई कोर्ट में लंबित हैं. सरकार अन्नादुरई स्मारक के पास जगह देने में सक्षम नहीं है. 08.15 PM: करुणानिधि का शव रात 8 बजे से रात 1 बजे तक अंतिम दर्शन के लिए उनके आवास पर रहेगा. रात 1.30 बजे से सुबह 3 बजे तक एम के कनिमोझी के घर और सुबह 4 बजे से राजा जी हॉल में रहेगा. कल शाम राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा.After the Tamil Nadu government denied burial space for Dravida Munnetra Kazhagam president M. Karunanidhi near the Anna Memorial at Marina beach, violence broke outside Kauvery Hospital demanding the same
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08.05 PM: दक्षिण भारत के मेगास्टार रजनीकांत ने करुणानिधि के निधन पर शोक जताया है. उन्होंने कहा है कि आज मेरे जीवन का काला दिन है.
08.01 PM: करुणानिधि के निधन की वजह से चेन्नई में शराब की दुकानें और सिनेमा हॉल बंद कर दिए गए हैं. अपने पसंदीदा नेता के निधन की खबर सुनकर चैन्नई के कावेरी अस्पताल के बाहर करुणानिधि के समर्थकों की भीड़ जुट रही है.
07.30 PM: करुणानिधि का अंतिम संस्कार कल किया जाएगा. अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी जाएंगे.
07.30 PM: तमिलनाडु में सात दिन के राजकीय शोक का एलान कर दिया गया है. कल राज्य में छुट्टी का एलान भी किया गया है. करुणानिधि के निधन के बाद उनके समर्थक शोक में डूब गए हैं.
07.09 PM: पीएम मोदी ने कहा, ''दुःख की इस घंड़ी में मेरे विचार परिवार और करुणानिधि जी के अनगिनत समर्थकों के साथ हैं. भारत और विशेष रूप से तमिलनाडु उन्हें बहुत याद करेंगे. उनकी आत्मा को शांति मिले.''
07.07 PM: पीएम मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए हैं और कहा है, '' करुणानिधि क्षेत्रीय आकांक्षाओं के साथ-साथ राष्ट्रीय प्रगति के लिए खड़े थे. वह तमिलों के कल्याण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध थे और यह सुनिश्चित किया कि तमिलनाडु की आवाज प्रभावी ढंग से सुनाई दे. मुझे कई अवसरों पर करुणानिधि जी के साथ बातचीत करने का अवसर मिला. लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति दृढ़ता से प्रतिबद्ध, आपातकाल के लिए उनके मजबूत विरोध को हमेशा याद किया जाएगा.''
Kalaignar Karunanidhi stood for regional aspirations as well as national progress. He was steadfastly committed to the welfare of Tamils and ensured that Tamil Nadu’s voice was effectively heard. pic.twitter.com/l7ypa1HJNC
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2018
07.06 PM: पीएम मोदी ने कहा है, ''कलिनगर करुणानिधि के निधन से गहरा दुख हुआ है. वह भारत के वरिष्ठ नेताओं में से एक थे.'' उन्होंने कहा है, ''हमने एक गहरे जड़ वाले बड़े नेता, प्रबल विचारक, पूर्ण लेखक और एक मज़बूत खो दिया है, जिसका जीवन गरीबों के कल्याण और हाशिए के लिए समर्पित था.''
07.05 PM: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है, ''श्री एम करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. "कलैनार" के नाम से लोकप्रिय वह एक सुदृढ़ विरासत छोड़ कर जा रहे हैं जिसकी बराबरी सार्वजनिक जीवन में कम मिलती है. उनके परिवार के प्रति और लाखों चाहने वालों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं.''
श्री एम करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। "कलैनार" के नाम से लोकप्रिय वह एक सुदृढ़ विरासत छोड़ कर जा रहे हैं जिसकी बराबरी सार्वजनिक जीवन में कम मिलती है। उनके परिवार के प्रति और लाखों चाहने वालों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूँ – राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) August 7, 2018
करुणानिधि के सियासी सफर पर एक नज़र
करुणानिधि सबसे पहले साल 1957 में विधानसभा चुनाव में चुने गए थे जिस समय जवाहरलाल लाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री थे. उनकी खास बात ये है कि वो अपने जीवन में कभी भी विधानसभा चुनाव नहीं हारे. राजनीति में 61 साल तक सक्रिय रहने वाले करुणानिधि 13 बार राज्य के एमएलए रहे हैं और एक बार तमिलाडु के एमएलसी भी रह चुके हैं. 14 साल की उम्र में करुणानिधि पेरियार के स्वाभिमान अभियान से छात्र कार्यकर्ता के रूप में जुड़े थे.
साल 1957 में एम करुणानिधि सबसे पहले कुलीथलाई विधानसभा से चुने गए, इसके बाद 1962 में थंजावुर विधानसभा से चुने गए. साल 1967 और 1971 में वो सैडापेट विधानसभा से निर्वाचित हुए. इसके बाद साल 1977 और 1980 में वो अन्ना नगर विधानसभा से जीते.
साल 1984 में करुणानिधि ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा. श्रीलंका में तमिलों के ऊपर हुए हमलों के विरोध में उन्होंने 1983 में एमएलए पद से इस्तीफा दे दिया और वो विधान परिषद के सदस्य रहे. 1989 और 1999 में वो चेन्नई की हार्बर विधानसभा से चुनाव जीते. इसके बाद साल 1996, 2001 और 2006 में वो चेपक विधानसभा क्षेत्र से जीतकर आए. वहींसाल 2011 और 2016 में वो थिरुवरूर विधानसभा से जीते.