Live Updates: भारत सरकार का बड़ा फैसला, 4G के क्रियान्वयन के लिए चीनी उपकरणों के इस्तेमाल पर रोक लगाई

पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. इस बैठक में पूर्वी लद्दाख में स्थिति की समग्र समीक्षा की गई. यह समझा जा रहा है कि भारत ने 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए दृढ़ रुख जारी रखने का फैसला किया है. सैन्य सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में चीनी वायु सेना की बड़ी गतिविधियां देखी गयी है. दोनों देशों की सेनाओं ने झड़प के स्थान पर मेजर जनरल स्तरीय वार्ता की है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प क्षेत्र में ‘‘यथास्थिति को एकतरफा तरीके से बदलने के चीनी पक्ष के प्रयास’’ के कारण हुई.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 17 Jun 2020 10:15 PM
भारत-चीन सीमा पर हुई झड़प में जान गंवाने वाले 20 सैनिकों में से एक कांकेर के जवान गणेश राम कुंजाम भी हैं. 2011 में उन्होंने सेना ज्वाइन की थी और 1 महीने पहले ही चीन बॉर्डर पर उनकी पोस्टिंग हुई थी. उनके चाचा के मुताबिक कल शाम तक उनका शव गांव पहुंच जाएगा.
इसके लिए सरकार ने संचार विभाग और सरकारी टेलीकॉम कंपनियों बीएसएनएल और एमटीएनएल को भी निर्देश दे दिए हैं. गलवान घाटी में 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प में देश के 20 वीर जवानों को खोने के बाद से देश में चीनी सामान के बहिष्कार को लेकर विरोध के स्वर और तेज हो गए हैं और इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने ये फैसला लिया है.
केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला ले लिया है और देश में 4G के क्रियान्वयन के लिए इस्तेमाल होने वाले चीनी उपकरणों पर रोक लगा दी है.
रक्षा मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक की है और इसके बाद वो 7 लोक कल्याण मार्ग से निकल गए हैं.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी द्वारा 19 जून को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के संदर्भ में कहा कि हमें हमारे देश पर गर्व है और हम मिलकर इस स्थिति से लड़ेंगे. इस समय हम राष्ट्र के साथ खड़े हैं.

लद्दाख में चीन के सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की हुई हिंसक झड़प के मुद्दे पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा है कि इस मुद्दे पर वह केंद्र के साथ एकजुट खड़े हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बुलायी गयी मुख्यमंत्रियों की बैठक में पलानीस्वामी ने कहा, 'सीमा पर कुछ दुखद गतिविधि हुयी है. इस घड़ी में हम आपके साथ एकजुट खड़े हैं.'कोरोना वायरस संकट पर चर्चा के लिये वीडियो कांफ्रेंस के जरिये बुलाई गई इस बैठक के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत शांति चाहता है लेकिन अगर उकसाया जाता है तो उचित जवाब देने में सक्षम है.

भारत ने चीन की हरकत को लेकर अपना कड़ा विरोध जताया है. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि चीन की वजह से गलवान घाटी में हिंसा हुई. चीन ने हमारी सीमा में टेंट गाड़ने की कोशिश की. भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि गलवान में जो हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध कार्रवाई थी जो घटनाओं के लिए जिम्मेदार है.

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि गलवान में जो हुआ वह चीन द्वारा पूर्व नियोजित और योजनाबद्ध कार्रवाई थी जो घटनाओं के अनुक्रम के लिए जिम्मेदार है. विदेश मंत्री एस.जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर फोन पर बात की है, दोनों देश सीमा पर तनाव कम करने को लेकर सहमत हुए हैं.
रक्षा मंत्री के बयान पर राहुल गांधी ने कई सवाल उठाए हैं. राहुल ने कहा कि रक्षा मंत्री ने अपने बयान में चीन का नाम क्यों नहीं लिया. शहीदों को श्रद्दांजलि देने में दो दिन क्यों लग गए.सैनिकों के शहीद होने पर रैलियों को संबोधित क्यों किया गया? इसके पहले राहुल गांधी ने सुबह सुबह एक ट्वीट करके पीएम मोदी से तीखे सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी चुप क्यों हैं, छिपे क्यों हैं. बहुत हुआ. हम .ये जानना चाहते हैं कि आखिर सीमा पर हुआ क्या?
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 15-16 जून को गलवान घाटी में जान गंवाने वाले राज्य के रहने वाले दो जवानों में प्रत्येक के परिवार को 5 लाख रुपये के मुआवजे और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है. पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए थे.

भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच फोन पर बातचीत हुई है. दोनों देश तनाव कम करने को लेकर सहमत हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत चीन सीमा विवाद में गलवान घाटी में शहीद हुए 20 वीर सैनिकों की शहादत पर गर्व जताया है और कहा है कि उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी.
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि लद्दाख के गैलवान में हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हुए हमारे बहादुर सैनिकों को खोने का दर्द शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है. राष्ट्र हमारे अमर नायकों को सलाम करता है जिन्होंने भारतीय क्षेत्र को सुरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए अपने जीवन का बलिदान दिया. उनकी बहादुरी उनकी भूमि के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.


कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि चीन की सीमा पर हमारे 20 सैनिकों की शहादत ने पूरे देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है. मैं इन सब बहादुर वीरों को नमन करती हूं. दिल की गहराई से श्रद्धांजलि देती हूं. साथ ही प्रार्थना करती हूं कि उनके परिवार को ये दुख सहने की शक्ति दे. उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि इस सारी स्थिति से निपटने के लिए भारत की सोच, नीति और हल क्या है? हम विश्वास दिलाते हैं कि संकट की इस घड़ी में कांग्रसे पार्टी पूरी तरह से हमारी सेना, सैनिकों, सैनिक परिवारो और सरकार के साथ है.


प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने हमेशा ही प्रयास किया है कि मतभेद विवाद न बनें.हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं. लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं. जब भी समय आया है हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अ​मित शाह और 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री ने गलवान घाटी में जान गंवाने वाले जवानों को 2 मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे शहीदों की शहादत पर हमें गर्व है लेकिन ये नहीं भूलना चाहिए कि वो मारते-मारते शहीद हुए हैं. देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश के शहीदों के बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा और भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों के साथ सहयोग और मित्रता का व्यव्हार रखा है. हम कभी भी किसी को उकसाते नहीं हैं लेकिन हम अपने देश की संप्रभुता और अखंडता के साथ समझौता नहीं करते. देश की रक्षा के साथ-साथ इसकी अंखडता और संप्रभुता बनाए रखने में हम सक्षम हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. गृह मंत्री अमित शाह और 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चल रही मीटिंग में गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों के लिए 2 मिनट का मौन रखा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. भारत शांति चाहता है लेकिन भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है.


यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब भारत और चीन के बीच की लड़ाई है तब कांग्रस नेता इतने बचकाने बयान दे रहे हैं, इनको लगता है कि इन्होंने बड़ा खिताब जीत लिया है.कांग्रेस को इससे बाज़ आना चाहिए।यह लड़ाई BJP और कांग्रेस की नहीं है यह लड़ाई देश की एक-एक इंच ज़मीन की सुरक्षा के लिए है.


भारत-चीन तनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को शाम 5 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. ये बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होगी. पीएम सभी पार्ट के प्रतिनिधियों से इस हालात पर चर्चा करेंगे. विभिन्न राजनीतिक दलों के अध्यक्ष इस वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे. बता दें कि भारत-तीन के बीच सैन्य स्तर पर वार्ता रोक दी गई है. सेनाओं को अलर्ट कर दिया गया है. यह समझा जा रहा है कि भारत ने 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए दृढ़ रुख जारी रखने का फैसला किया है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि हम कूटनीतिक और मिलिट्री चैनल के जरिए संवाद कर रहे हैं. इस मामले में सही और गलत बिल्कुल साफ है, ये घटना वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीन की तरफ हुई और इसके लिए चीन को दोष नहीं देना चाहिए. चीन के तरफ से हम और अधिक झड़प नहीं देखना चाहते हैं.

चीना विदेश मंत्रालय ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाने की कोशिश जा रही है. चीन की हरकत के बाद से पूरे देश में गुस्से का माहौल है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं. राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. हमें भारत के बहादुरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं. राष्ट्र इस कठिन घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है. हमें भारत के बहादुरों की बहादुरी और साहस पर गर्व है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि गलवान में सैनिकों की क्षति परेशान करने वाली और दर्दनाक है. हमारे सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं में अपने जीवन का बलिदान दिया.हम सैनिकों का बलिदान कभी नहीं भूलेंगे, शहीदों के परिवार के साथ पूरा देश खड़ा है.

कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 20जवानों के शहादत से पूरे देश में भारी रोष है. पूरे देश को हमारे वीर सपूतों के शौर्य पर गर्व है उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दें भारत मां की अस्मिता की रक्षा की है.चीनी सेना के इस दुस्साहस पर पीएम और मोदी सरकार ने मौन साध लिया है.

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी व पूरा प्रतिपक्ष पर बार-बार केंद्र सरकार से गुहार लगाते रहें कि कुछ बताए कि आखिर बॉर्डर पर परिस्थितियां क्या हैं? चीन की सेना ने हमारी सरहदों में कहां तक कब्ज़ा कर लिया है और हमारी कितनी ज़मीन हड़प ली है.?


भारत और चीन के बीच सैन्य स्तर की बातचीत को रोक दिया गया है. रक्षा मंत्री ने नियंत्रण रेखा पर हालात की समीक्षा की है. साथ सेना का एलएसी पर निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए गए है. सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक की है. उन्होंने मौजूदा स्थिति पर भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की है.

चीन के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का अंतिम संस्कार कल सुबह किया जाएगा. कर्नल के साथ 20 और सैनिक शहीद हुए हैं. बता दें कि चीन की इस कायराना हरकत के बाद में पूरे देश में गुस्से का माहौल है. हर तरफ से चीन को मुंहतोड़ जहाब देने की मांग उठ रही है.

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सीमा पर जो कुछ भी हुआ उसके लिए हम जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी या राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते. हम सभी 20 जवानों की शहादत के लिए जिम्मेदार हैं. प्रधानमंत्री जो भी फैसला लेंगे, सभी पार्टियां उनका समर्थन करेंगी, लेकिन उन्हें बताना चाहिए कि क्या गलत हुआ है.

सूत्रों के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने तीनों सेना प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना) और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के साथ बैठक की है. उन्होंने मौजूदा स्थिति पर भी विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की है. बता दें कि उत्तराखंड के जोशीमठ में सेना का मूवमेंट बढ़ गई है, सीमा पर ITBP की और टुकड़ियां भेजी गईं हैं.


पूर्ल आर्मी चीफ जनरल जेजे सिंह ने कहा कि धोखा देना और पीठ में खंजर भोकना चीन की फितरत रही है. ऐसा अभी नहीं बल्कि बहुत पहले से है पर अब चीन को ये समझना होगा कि भारत इस तरह का रवैया बर्दाश्त नहीं करेगा. बता दें कि गलवान घाटी में मारे गए सैनिकों में चीनी यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं. ये जानकारी सूत्रों के मुताबिक कही जा रहा है.

भारत के साथ झड़प में चीनी सेना का कमांडिंग ऑफिसर भी ढेर हुआ है. इसके अलावा 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं. हताहतों की संख्या का आंकलन झड़प वाली जगह से स्ट्रेचर्स और बाद में एंबुलेंस से निकाले गए चीनी सैनिकों पर आधारित है. चीनी हेलिकॉप्टरों की आवाजाही भी बढ़ गई है.

भारत और चीन के बीच हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्सा है. तीन से चनाव पर राकेश सिन्हा ने कहा कि भारतीय सरकार, सेना और जनता तीनों एक चीज को लेकर प्रतिबद्ध है कि शहीद जवानों के एक एक बूंद खून का बदला लिया जाएगा.
पटना के लोगों ने चीन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते हुए चीन के झंडे और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले जलाए. वहीं वाराणसी में इसके विरोध में वाराणसी के लोगों ने एक NGO(विशाल भारत संस्थान) के बैनर तले चीन के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया. बता दें कि गलवान घाटी में सोमवार रात को भारत-चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की जान चली गई.

पूर्व DGMO विनोद भाटिया ने कहा कि भारत और चीन ने LAC पर हमेशा शांति बनाई रखी है, ये 45साल बाद हुआ है. जो रिपोर्ट आ रही हैं उनके मुताबिक मिलिट्री कमांडर ने मिलकर बात की, वहां पूरी तरह से डिएंगेजमेंट हो गया है. ये पहले हो जाना चाहिए था. हमें एक-दूसरे से बात करनी चाहिए कि इसको आगे से रोका जाए.
रक्षा विशेषज्ञ जी.डी.बख्शी ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर 53 साल से कोई फायरिंग नहीं हुई थी,धक्का-मुक्की होती रहती है. इस बार जो हुआ वो पूरी तरह अस्वीकार्य है. चीन के साथ बातचीत हो चुकी थी, ये तो सरेआम ​धोखा था. अब हमें चीन को कड़ी चेतावनी देनी होगी कि धक्का-मुक्की का दौर अब नहीं चलेगा.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार के हर कदम में विपक्ष उनके साथ है, हम कोई सलाह नहीं देना चाहते. बस चीन को सख्त से सख्त जवाब दिया जाना चाहिए. बता दें कि सीमा पर अभी भी तनाव बना हुआ है. सूत्रों को मुताबिक सेना को फैसले लेने के लिए सरकार ने छूट दे दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ उच्च स्तरीय बैठक की है.
लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात भारत और चीन के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए. कुछ घायल भी हुए हैं जिनमें से चार की हालत गंभीर बताई जा रही है. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है. इस झड़प में चीन के 43 सैनिक भी हताहत हुए हैं.



अमेरिका पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और उम्मीद करता है कि विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से हल कर लिया जाएगा। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा,‘वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच हालात पर हम करीब से नजर रख रहे हैं.’उन्होंने कहा,‘भारतीय सेना ने कहा है कि उसके 20 सैनिक मारे गए हैं, हम उनके परिजन के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.’
चीनी सैनिकों के साथ सोमवार शाम हुई हिंसक झड़प के बाद चार भारतीय सैनिकों की हालत गंभीर: सूत्र
राहुल गांधी ने चीनी सीमा पर भारतीय सैनिकों की शहादत को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने सुबह सुबह एक ट्वीट करके पीएम मोदी से तीखे सवाल पूछे हैं. उन्होंने पूछा कि पीएम मोदी चुप क्यों हैं, छिपे क्यों हैं. बहुत हुआ. हम .ये जानना चाहते हैं कि आखिर सीमा पर हुआ क्या?
भारतीय सेना और चीन के बीच कल गलवान घाटी में हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं और भारतीय सेना ने इसकी पुष्टी कर दी है. हालांकि इस झड़प में कोई गोली नहीं चली है लेकिन संघर्ष इतना खूनी था कि भारत को अपने 20 अनमोल सैनिकों की शहादत सहनी पड़ी. साफ तौर पर चीन ने वादाखिलाफी की है और विदेश मंत्रालय के बयान से ये साफ है कि लाइन ऑफ एक्शन कंट्रोल (एलएसी) पर जो यथास्थिति थी, चीन उसे बदलना चाहता था.
भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा है कि 20 में से 17 सैनिक बेहद गंभीर रूप से घायल थे और हिंसक झड़प के बाद इन्हें वापस लाया गया. पहले 3 जवानों की शहादत की खबर थी फिर 17 जवानों ने दम तोड़ दिया जिसकी वजह से शहीद सैनिकों की संख्या 20 तक पहुंच गई.

समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से खबर आई है कि चीन ने एलएसी पर हेलीकॉप्टर भेजा है और अपने सैनिकों को हेलीकॉप्टर के जरिए वापस ले रही है.
भारतीय सेना का आधिकारिक बयान आ गया है और कहा गया है कि भारत और चीन दोनों की सेनाएं लद्दाख के गलवान घाटी की उस जगह से वापस हट रही हैं जहां 15-16 जून की रात हिंसक झड़प हुई है.

भारतीय सेना ने पुष्टि कर दी है कि भारत के 20 सैनिक कल रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में मारे गए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर चली रही बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री अमित शाह मौजूद थे.
पहले पीटीआई के हवाले से 10 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर आई और इसके बाद एएनआई ने 20 सैनिकों की शहादत की खबर दी है. बता दें कि आज दोपहर में जो खबरें आई थीं उसमें भारतीय सेना के एक कमांडिंग ऑफिसर समेत तीन सैनिकों के मारे जाने की खबर थी.
ये खबर बेहद चौंकाने वाली है और अगर भारतीय रक्षा मंत्रालय इसकी पुष्टि कर देता है तो ये भारत के लिए बहुत बड़ी क्षति होगी.
समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से खबर आई है कि गलवान घाटी में कम से कम 20 भारतीय सैनिकों की शहादत हुई है और चीन की सेना में से 43 सैनिक हताहत हुए हैं. हालांकि अभी भारतीय सेना का आधिकारिक आंकड़ा नहीं आया है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से खबर आई है कि गलवान घाटी में कल चीनी सेना के साथ हुई झड़प में 10 भारतीय सैनिक शहीद हो गए हैं.
शिवसेना ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय एवं चीनी जवानों के बीच हिंसक झड़प को लेकर मंगलवार को स्पष्टता की मांग करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को ‘‘निर्वाचित विपक्ष’’ को भरोसे में लेने की जरूरत है. शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया कि सरकार को मीडिया को ‘‘अटकलबाजी’’ करने के लिए प्रेरित नहीं करना चाहिए. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि ‘‘प्रिय भारत सरकार, आप वह कर रहे हैं जो देश हित में है, लेकिन हमें स्पष्टता चाहिए. देश एकजुट होकर आपके साथ खड़ा है, लेकिन वे जानने के हकदार हैं.’’
शिवसेना नेता ने कहा कि ‘‘मैं दिल में देश प्रेम की भावना लिए बहादुरी के साथ सीमा पर खड़े बहादुर जवानों के प्रति सम्मान व्यक्त करती हूं और उन्हें नमन करती हूं उम्मीद है कि हमारे देश के गौरव के लिए इसका जल्द ही समाधान मिलेगा. निर्वाचित विपक्ष को विश्वास में नहीं लेना रणनीतिक रूप से भी अच्छा विचार नहीं है. अंतिम बात यह कहना चाहती हूं कि मीडिया को अटकलबाजी लगाने के लिए प्रेरित मत कीजिए, केवल तथ्य बताइए.’’
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों के लिए श्रद्धांजलि दी है और उनके परिवार वालों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह के साथ बैठक कर रहे हैं. चीन के साथ सीमा विवाद पर इस समय उच्च स्तरीय बैठक चल रही है और संभव है कि इसके बाद सेना का बयान गलवान घाटी की हिंसक झड़प पर आए.
गृह मंत्री अमित शाह की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक चल रही है. भारत और चीन के बीच हुए ताजा विवाद के बाद इस तनाव पर अहम चर्चा चल रही है.
गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुंचे हैं. भारत चीन के बीत गलवान घाटी के हुए ताजा विवाद के बाद गृह मंत्री की ये प्रधानमंत्री से पहली मुलाकात है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम सीमा क्षेत्रों में शांति और शांति के रखरखाव और बातचीत के माध्यम से मतभेदों के समाधान की आवश्यकता के बारे में दृढ़ता से आश्वस्त हैं. साथ ही, हम भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए भी दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं.


भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन के साथ हुई कल झड़प पर पहला बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि चीन एलएसी (लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल) की स्थिति को बदलना चाहता था और 15 जून की देर शाम और रात को, चीन की तरफ से यथास्थिति बदलने के प्रयास के नतीजे के रूप में एक हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए जिस स्थिति से बचा जा सकता था. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि उच्च स्तर पर जो समझौता हुआ था उसे चीनी पक्ष की ओर से तोड़ा गया.
आईटीबीपी के डायरेक्टर जनरल एसएस देसवाल के साथ गृह मंत्रालय में अहम बैठक हुई और इस बैठक में भारत-चीन सीमा पर चल रहे विवाद को लेकर चर्चा हुई. आईटीबीपी भारतीय सेना के साथ मिलकर भारत-चीन सीमा की रक्षा करती है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर हुई बैठक के बाद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, विदेश मंत्री एस जयशंकर और सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे वहां से निकल चुके हैं. बताया जा रहा है कि करीब 45 मिनट तक इनके साथ रक्षा मंत्री ने बैठक की.
भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक 16वीं बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू कल रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में शहीद हो गए. भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर ये हिंसक झड़प हुए जिसमें भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत तीन सैनिक शहीद हो गए.
तमिलनाडु में मुख्य विपक्षी पार्टी द्रमुक समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने पूर्वी लद्दाख में शहीद हुए सेना के एक अधिकारी और दो जवानों को मंगलवार को श्रद्धांजलि दी. द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन ने तीनों सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की. उन्होंने कहा कि एक सैनिक तमिलनाडु के दक्षिणी जिले रामनाथपुरम के काडुक्कलूर गांव का निवासी था, उन्होंने 22 साल तक सेना में अपनी सेवाएं दीं. वहीं एएमएमके महासचिव टीटीवी दिनाकरन ने तीनों सैनिकों श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनकी मौत चीन की कायरतापूर्ण हरकत का नतीजा है. दिनाकरन ने तमिलनाडु के सैनिक का जिक्र करते हुए कहा कि वह उनकी शहादत को सलाम करते हैं. उन्होंने जवान के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की.
खबर आई है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर चल रही बैठक खत्म हो गई है. इस बैठक में सीडीएस बिपिन रावत, थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल थे. भारत चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद पर ये बैठत की गई थी. दिन में भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री ने बैठक की थी.
कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की घटना को ‘अस्वीकार्य’ करार देते हुए सरकार से आग्रह किया कि इस मामले पर देश को विश्वास में लिया जाए और सभी राजनीतिक दलों को जमीनी हालात के बारे में जानकारी दी जाए. पार्टी के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह गंभीर राष्ट्रीय चिंता का विषय है क्योंकि इसका राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है. सरकार को तत्काल देश को विश्वास में लेना चाहिए. संसदीय लोकतंत्र में सरकार से उम्मीद की जाती है कि वह राजनीतिक दलों को जमीनी स्थिति के बारे में जानकारी दे.’’
भारत चीन सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के घर पर बड़ी बैठक चल रही है. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत और थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे रक्षा मंत्री के घर पर मौजूद हैं. विदेश मंत्री एस जयशंकर भी इस बैठक में मौजूद हैं.
गलवान घाटी में कल हुई झड़प में चीन की तरफ से कितने सैनिक मारे गए हैं इसको लेकर कोई पुख्ता खबर नहीं आई है लेकिन चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया है कि यहां भारत की जवाबी गोलीबारी में चीनी सैनिक मारे गए हैं.
गलवान घाटी में चीन के साथ हिंसक झड़प में एक कमांडिंग ऑफिसर के अलावा देश के दो जवान भी शहीद हुए हैं और अब इनमें से एक के बारे में खबर आई है कि ये तमिलनाडु के रहने वाले थे.
एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भारत-चीन के बीच झड़प में मारे गए जवानों के लिए कहा है कि भारत उन 3 बहादुर शहीदों के साथ खड़ा है जो आज गलवान में चीन के साथ झड़प में मारे गए. मेरी भावनाएं कर्नल और 2 बहादुर सैनिकों के परिवारों के साथ हैं. कमांडिंग ऑफिसर सामने से अगुवाई कर रहे थे और सरकार को इन हत्याओं का बदला लेना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाए.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन ने भारत के सामने अपना विरोध दर्ज कराया है. हम भारत को प्रासंगिक समझौते का ईमानदारी से पालन करने और अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से रोकने की मांग कर रहे हैं. भारतीय सैनिकों को सीमा पार नहीं करनी चाहिए.


भारत और चीन के बीच जो बातचीत चल रही है उसमें तनाव कम करने को लेकर चर्चा चल रही है और भारत की तरफ से कहा गया है कि जो हुआ वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा नहीं होना चाहिए था. डी-एस्केलेशन यानी तनाव कम करने की कोशिश के दौरान इस तरह की घटना होना बेहद गलत है और इससे साफ है कि चीन भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के काम को रोकने के लिए सेना को आगे बढ़ा रहा है. हालांकि भारत की तरफ से इसका जोरदार जवाब दिया गया और इसके बाद ही चीन को बैठक की मांग करनी पड़ी. सुबह साढ़े-सात बजे से ये बैठक चल रही है और इसमें भारत की ओर से जोरदार जवाब दिया जा रहा है.
भारत और चीन के बीच मेजर जनरल लेवल की बैठक पिछले 6 घंटे से चल रही है और सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि चीन की तरफ से कहा जा रहा है कि भारतीय सैनिक चीनी सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे थे और इसलिए ये हिंसक झड़प हुई लेकिन भारत ने कहा है कि भारत के सैनिक जिस जमीन पर थे वे भारत का ही हिस्सा है. गलवान घाटी में हुई खूनी झड़प में भारतीय सेना की तरफ से कर्नल रैंक के एक अधिकारी यानी कमांडिंग ऑफिसर और दो जवान शहीद हुए हैं.
कांग्रेस ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ ‘हिंसक टकराव’ में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की घटना पर कहा कि यह अस्वीकार्य है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह हैरान करने वाला, अविश्वसनीय और अस्वीकार्य है, क्या रक्षा मंत्री इसकी पुष्टि करेंगे?’’
भारत और चीन के बीच 1975 के बाद पहला ऐसा मौका है जब दोनों तरफ से किसी जवान ने जान गंवाई हो. 1967 के बाद चीन ने 1975 में हमला किया था.
दोनों सेना के सीनियर अधिकारी स्थिति को शांत करने के लिए बैठक कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक झड़प के दौरान चीन की सेना को भी काफी नुकसान हुआ है. चीन के साथ झड़प को लेकर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के साथ बैठक की है. बैठक में थलसेना प्रमुख और विदेश मंत्री भी शामिल थे

बैकग्राउंड

INDIA-CHINA FACE OFF: भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच गलवान घाटी में डी-एस्केलेशन प्रक्रिया के दौरान सोमवार दोनों ही पक्षों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई. चीन के हमले में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए. शहीदों में एक अफसर भी शामिल हैं. पिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण क्षेत्र में सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है. सरकारी सूत्रों ने कहा है कि चीनी पक्ष के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं.


सेना ने शुरू में कहा कि एक अधिकारी और दो सैनिक शहीद हुए. लेकिन, देर शाम बयान में कहा गया कि 17 अन्य सैनिक “जो अत्यधिक ऊंचाई पर शून्य से नीचे तापमान में गतिरोध के स्थान पर ड्यूटी के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गए थे, उन्होंने दम तोड़ दिया है. इससे शहीद हुए सैनिकों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है.”


साल 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है. उस वक्त टकराव में भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे और 300 से ज्यादा चीनी सैन्यकर्मी मारे गए थे. इस क्षेत्र में दोनों तरफ नुकसान ऐसे वक्त हुआ है जब सरकार का ध्यान कोरोना वायरस संकट से निपटने पर लगा हुआ है.


15 जून की रात हुई झड़प- सेना


सेना के एक बयान में कहा गया, ‘‘भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गलवान क्षेत्र में जिस स्थान पर 15/16 जून की रात झड़प हुई, वहां से दोनों तरफ के सैनिक हट गए हैं.” इसमें यह नहीं बताया गया है कि सैन्यकर्मी किस प्रकार हताहत हुए हैं और दोनों पक्षों के बीच किसी तरह के गोलाबारी का भी उल्लेख नहीं किया गया है.


भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि झड़प में हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया गया और अधिकतर जवान चीनी पक्ष द्वारा किए गए पथराव और लोहे की छड़ों के इस्तेमाल के कारण घायल हुए. झड़प में घायल हुए अधिकारी की पहचान 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल संतोष बाबू के तौर पर हुई. वह तेलंगाना के निवासी थे.

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