मध्य रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने यह भी कहा कि इस घटना में किसी के मारे जाने या घायल होने की कोई खबर नहीं है. हालांकि ट्रेन में यात्रा कर रहे एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि कुछ यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं.
जस्टिन राव नामक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘‘इंजन के साथ कम से कम नौ डिब्बे पटरी से उतर गए. हम समझ ही नहीं पाए कि हुआ क्या है. कुछ लोग शौचालयों में फंसे थे और उन्हें साथी यात्रियों ने खिड़की के शीशे तोड़कर बचाया.’’ उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं क्योंकि घटना के डेढ़ घंटे बाद भी कोई राहत दल उन तक नहीं पहुंच पाया है.
मध्य रेलवे के प्रवक्ता अनिल सक्सेना ने यह भी कहा कि इस घटना में किसी के मारे जाने या घायल होने की कोई खबर नहीं है. हालांकि ट्रेन में यात्रा कर रहे एक प्रत्यक्षदर्शी ने दावा किया कि कुछ यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं.
जस्टिन राव नामक एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, ‘‘इंजन के साथ कम से कम छह डिब्बे पटरी से उतर गए. हम समझ ही नहीं पाए कि हुआ क्या है. कुछ लोग शौचालयों में फंसे थे और उन्हें साथी यात्रियों ने खिड़की के शीशे तोड़कर बचाया.’’ उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं क्योंकि घटना के डेढ़ घंटे बाद भी कोई राहत दल उन तक नहीं पहुंच पाया है.
12 दिनों के अंदर तीसरा बड़ा रेल हादसा
बता दें कि पिछले 12 दिनों के अंदर ये तीसरा बड़ा रेल हादसा है. इससे पहले 19 अगस्त को उत्तर प्रदेश में मुजफ्फरनगर के खतौली में कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस रेल हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 97 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
वहीं, 23 अगस्त को उत्तर प्रदेश में ही आज़मगढ़ से दिल्ली से जा रही कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन सहित दस डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में 50 लोग घायल हो गए थे. ये ट्रेन रात को एक डंपर से टकरा गई थी. ये हादसा औरैया जिले के अछल्दा और पाता रेलवे स्टेशनों के बीच हुआ था.