World Economic Forum summit 2018:  दुनिया में अर्थव्यवस्था के सबसे बड़े मंच से आज दुनिया पीएम नरेंद्र मोदी को सुना. स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक के प्लेनरी सेशन को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित किया. 21 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री दावोस पहुंचा है. 1997 में एचडी देवेगौड़ा ने इस मंच से भारत का पक्ष रखा था. पहली बार भारत के पीएम के हाथों इस सम्मेलन की शुरुआत हुई.


पीएम मोदी का उद्घाटन भाषण  :-




  • भारत की आर्मी को लेकर पीएम मोदी ने कहा, जब विश्व दो विश्वयुद्धों के संकट से गुजरा तब अपना कोई निजी स्वार्थ न होते हुए भी, कोई आर्थिक या प्रादेशिक हित न होते हुए भी भारत शांति और मानवता के उच्च आदर्शों की सुरक्षा के लिए खड़ा हुआ.

  • भारत ने कभी किसी दूसरे देश के भौगोलिक और राजनितिक इच्छा नहीं रखी हम सिर्फ दूसरे देशों का विकास चाहते हैं.

  • अपने 3D मॉ़डल को वैश्विक मंच से साझा करते हुए पीएम मोदी ने कहा - भारत में डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डायनेमिज्म मिल कर डेवलपमेंट  को साकार कर रहे हैं, डेस्टिनी को आकार दे रहे हैं.

  • GST को लेकर पीएम ने कहा -  70 साल के स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार देश में एक टैक्स की व्यवस्था की गई. पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए हम तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं

  • बदलते भारत के लिए पीएम ने कहा -हम  रिफॉर्म,परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के सिद्धांत पर आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा - भारत में रेड टेप की जगह रेड कार्पेट ने ली है.

  • पीएम मोदी ने कहा, हम मानते हैं कि प्रगति तभी प्रगति है, विकास तभी सच्चे अर्थों में विकास है जब सब साथ चल सकें.


 

  • पीएम मोदी ने कहा, आज भारत के दरवाजे हर देश के लिए खुले हैं. उन्होंने कहा भारत का लोकतंत्र सिर्फ विविधाताओं का ही पालन-पोषण नहीं करता बल्कि हर जनता की इच्छा,अपेक्षाओं उनके सपने को पूरा करने का काम भी करता है. यही लोकतांत्रिक मुल्य दरारें कम करने का काम करती है.

  • पीएम मोदी ने तीसरी चुनौती को लेकर कहा कि हर देश आत्मकेंद्रित हो रहा है, दुनिया में दो देशों के बीच कारोबारी संबंध घट रहे हैं.

  • पीएम मोदी ने कहा -  ग्लोबलाइजेशन के विरुद्ध इस चिंताजनक स्थिति का हल अलगाव में नहीं है. इसका समाधान परिवर्तन को समझने और उसे स्वीकारने में है, बदलते हुए समय के साथ चुस्त और लचीली नीतियां बनाने में है.


 

  • पीएम मोदी ने कहा, पढ़े लिखे युवाओं का आतंकवाद से जुड़ना चिंता की बात

  • पीएम मोदी ने दूसरी सबसे बड़ी समस्या आतंकवाद को माना और कहा - अच्छे और बुरे आतंकवाद में फर्क करना आतंकवाद से ज्यादा खतरनाक


 

  • पर्यावरण में हो रहे बदलाव को लेकर पीएम मोदी ने कहा- अपने सुख के लिए हम प्रकृति का शोषण कर रहे हैं. ये विकास है या पतन

  • भारतीय परम्परा में प्रकृति के साथ गहरे तालमेल के बारे में बताया गया है. हजारो साल पहले हमारे शास्त्रों में मनुष्यमात्र को बताया गया- "भूमि माता, पुत्रो अहम् पृथ्व्याः'' यानि, हम इंसान धरती मां के संतान हैं.

  • भारत हमेशा से वसुधैव कुटुम्बकम को मानता रहा है. ये हर दूरी को खत्म करने की कुंजी है. पीएम मोदी ने कहा - भारत का भरोसा जोड़ने में है तोड़ने में नहीं.

  • सबसे बड़ी समस्या पर्यावरण के बदलाव का है. ग्लोबल वार्मिंग, अत्यधिक बारिश और ठंड से दुनिया को खतरा है. कितने विकासशील देश हैं जो दूसरे देश को तकनीक मुहैया कराने में मदद करना चाहते हैं.


 

  • गरीबी, बेरोजगारी और अलगाववाद से दुनिया की दरारों को हमें दूर करना है.

  • इंटरनेट के फैलते जाल पर पीएम मोदी ने कहा - आज डेटा सबसे बड़ी संपदा है, डेटा के ग्लोबल फ्लो से सबसे बड़े अवसर बन रहे हैं और सबसे बड़ी चुनौतियां भी.

  • पीएम मोदी ने कहा - 1997 में भी दावोस अपने समय से आगे था, और यह World Economic Forum भविष्य का परिचायक था. आज भी दावोस अपने समय से आगे है.

  •  पिछले दो दशक में दुनिया में काफी कुछ बदला. न किसी ने ओसामा बिन लादेन का नाम सुना था न हैरी पोटर का.

  • पीएम मोदी ने कहा, 1997 में भारत का जीडीपी 400 मिलियन डॉलर से थोड़ा ही अधिक था. दो दशक के बाद अब यह छह गुना बढ़ी है.


क्या है बैठक? 


- विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक 2018 दावोस में 23 से 26 जनवरी तक आयोजित की जा रही है.

- इस बैठक की थीम ‘खंडित विश्व में साझा भविष्य बनाना.’ है.

- बैठक में 350 राजनीतिक नेता, इनमें 60 से अधिक राष्ट्र और शासन प्रमुख, विश्व की महत्वपूर्ण कंपनियों के कार्यकारी अधिकारी और विभिन्न क्षेत्रों के 1000 से अधिक नेता हिस्सा ले रहे हैं.

- प्रधानमंत्री विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख विदेशी कंपनियों के 120 शीर्ष कार्यकारी अधिकारियों वाली अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय परिषद के सदस्यों से भी बात करेंगे.

- अरूण जेटली, मंत्री सुरेश प्रभु, पीयूष गोयल, धर्मेंद्र प्रधान, जितेंद्र सिंह और एम.जे. अकबर वार्षिक बैठक में हिस्सा ले रहे हैं.