Farmers Protest LIVE Updates: CM योगी का कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर हमला, कहा- अराजकता फैलाने की कोशिश हो रही है

Farmers Protest, Bharat Bandh on 8 December LIVE Updates: 8 दिसंबर यानि कल के भारत बंद से पहले किसान आंदोलन को लेकर सियासत गरमा गई है. भारत बंद के एलान के बीच 9 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच छठे दौर की बातचीत होनी है. हालांकि, किसानों की मांगों को लेकर रविवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि राज्यमंत्रियों के साथ मंथन भी किया. लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है. किसानों के बड़े होते आंदोलन से सरकार पर दबाव बढ़ रहा है. भारत बंद को भी किसान संगठन एक शक्ति प्रदर्शन की तरह देख रहे हैं जिससे सरकार तक कड़ा संदेश पहुंचे. किसान आंदोलन से जुड़े दिन भर के लिए अपडेट के लिए बने रहें एबीपी न्यूज़ के साथ....

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 07 Dec 2020 10:49 PM
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से खुद को किसानों का 'सेवादार' कहने पर कटाक्ष किया है. सिंह ने केजरीवाल पर चुटकी लेते हुए पूछा कि क्या उन्हें गेहूं और धान के बीच का अंतर भी पता है. सिंह ने कहा कि एक ऐसा शख्स, जिसने केंद्र सरकार के तीनों विवादित कानूनों को दिल्ली में लागू करने में देरी नहीं लगाई और अब वह सार्वजनिक तौर पर खुद को किसानों का सेवादार कह रहे हैं, जो कि ढकोसले के सिवा कुछ भी नहीं है.
दरअसल अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर आंदोलनकारी किसानों के साथ हुई मुलाकात पर टिप्पणी की थी कि वह किसानों से एक मुख्यमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि एक सेवादार के तौर पर मिलने आए हैं. अमरिंदर सिंह ने केजरीवाल को चुनौती देते हुए कहा कि वह एक भी ऐसा कदम बता दें, जो उन्होंने किसानों के हित में उठाया हो. पंजाब के मुख्यमंत्री ने कहा, "आपने तो इस मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा का सत्र तक नहीं बुलाया." उन्होंने आरोप लगाया कि केजरीवाल महज अपने राजनीतिक हितों को साधने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर केजरीवाल मानते हैं कि किसानों की सारी मांगे जायज हैं तो वे दिल्ली में क्यों नहीं केंद्र सरकार के विवादित कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास करते, जैसा कि पंजाब ने किया है.

किसान समूहों, ट्रेड यूनियनों और प्रमुख राष्ट्रीय राजनीतिक दलों की ओर से बुलाया गया 'भारत बंद' एक राजनीतिक बंद नहीं है, बल्कि यह तो किसानों की आवाज को मजबूत करने के उद्देश्य से बुलाया गया बंद है. शिवसेना ने सोमवार को यह बात कही। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक दल शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने राज्य के कई अन्य दलों के साथ मंगलवार को बुलाए गए 'भारत बंद' के पीछे अपना पूरा जोर लगा दिया है. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और सांसद संजय राउत ने मीडिया से कहा, "यह कोई राजनीतिक बंद नहीं है। शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से कल (मंगलवार) स्वेच्छा से बंद में भाग लेने की अपील की है." उन्होंने कहा कि जब पूरा देश पिछले 10 महीनों से बंद था, तब वे ही थे, जो लगातार अपने खेतों में काम नहीं कर रहे थे और अब पिछले 12 दिनों से वह ठंड के मौसम में दिल्ली की सीमाओं पर बैठने को मजबूर हैं. राउत ने कहा कि किसान कहीं के भी हों, चाहे वे पंजाब या हरियाणा से हों, या कहीं और से, मगर वे किसान ही हैं और उन्हें अब हमारी जरूरत है। उन्होंने कहा, "एक देश के रूप में हमें उनका समर्थन करना चाहिए."




हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को देश भर के सभी विपक्षी दलों पर अपने निजी स्वार्थ के लिए किसानों के जीवन के साथ राजनीति करने का आरोप लगाया. खट्टर ने सोमवार को सशस्त्र सेना झंडा दिवस के अवसर पर गुरुग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान विपक्ष पर किसानों के बहाने राजनीति करने का आरोप लगाया. खट्टर ने कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), राष्ट्रीय जनता दल (राजद), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) सहित सभी प्रमुख विपक्षी दलों को किसानों की लड़ाई का मजाक बनाने और इस मुद्दे पर राजनीति करने को लेकर घेरा. खट्टर ने कहा कि राज्य सरकार विरोध स्थलों पर किसानों को सब कुछ प्रदान कर रही हैं, जिसमें चिकित्सा सहायता, भोजन, पानी आदि शामिल हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री ने कहा, "किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे हैं और कोई भी इस तरह से भारत में विरोध कर सकता है। लेकिन किसानों का समर्थन करने के लिए लोग और राजनीतिक दलों के कुछ समूह आगे आए हैं."
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से किसान संघों के नेताओं की बात सुनने और कृषि कानूनों को वापस लेकर गतिरोध का हल निकालने का आग्रह किया. वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा, "यह देखना सबसे अधिक चिंताजनक है कि हमारे किसान सड़कों पर ठंड के मौसम में रातें बिता रहे हैं, जबकि सरकार उनकी वास्तविक मांगों की अनदेखी कर रही है. पीएम मोदी को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए, किसान यूनियनों के नेताओं की बात सुननी चाहिए और गतिरोध का समाधान निकालना चाहिए."
मनोज झा ने कहा है कि सदन के विपक्ष को 'ठिकाने' लगाने की कला में निष्णात BJP के सत्ताशीर्ष के लोगों को किसान-मज़दूर सही ठिकाने पर पहुंचा देने की ताकत रखते हैं. दौर 'गोबर-धनिया' के युग के बहुत आगे का है साहेब!चेत जाएं अन्यथा सिर्फ़ 8दिसंबर नहीं आगे भी भारत बंद ही रहेगा.
किसीनों के समर्थन में अपना अवॉर्ड लौटा रहे लोगों को लेकर मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री और बीजेपी नेता कमल पटेल ने बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि पुरस्कार पहले भी लौटाए गए थे. उन्हें पुरस्कार कैसे मिला है? भारत माता की गा दो, देस के टुकड़े करो और पुरस्कार मिले. ये तथाकथित पुरस्कृत और बुद्धिजीवी देशभक्त नहीं हैं.
पंजाब ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन लुधियाना के प्रधान चरणजीत सिंह लोहारा ने कहा है कि ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने किसानों के समर्थन में 8 दिसंबर को चक्का जाम करने का फैसला किया है. परिवहन संघ, ट्रक यूनियन, टेंपो यूनियन सभी ने बंद को सफल बनाने का फैसला किया है. यह बंद पूरे भारत में होगा.
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने मंगलवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया है. इस बीच गुरुग्राम के अधिकारियों की ओर से एहतियात के तौर पर सोमवार को जिले में सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद कर दी गई है. अधिकारियों ने 'भारत बंद' के दौरान किसी भी संभावित अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करने की योजना भी बनाई है. एसीपी (मुख्यालय) उषा कुंडू ने कहा कि जिले में संवेदनशील स्थानों पर 2,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है. उन्होंने कहा, "हमने किसानों और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा समर्थित बंद के आह्वान के मद्देनजर आवश्यक एहतियाती कदम उठाने के लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को एक सलाह (एडवाइजरी) जारी की है."
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से एपीएमसी एक्ट को लेकर कांग्रेस पर हमला बोलने के बाद अब कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी की ओर से महज आरोप लगाए जाने से काम नहीं चलेगा. पार्टी ने कहा कि कांग्रेस पर गलत तरीके से आरोप लगाने के बजाय उन्हें काले कानूनों को वापस लेना चाहिए, जो कि समय की जरूरत भी हैं. कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने कहा, "बीजेपी को महसूस करना चाहिए कि पंडित नेहरू और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संपग्र) को दोषी ठहराने के उनके हमेशा प्रयोग में लाए जाने वाले, घिसे-पिटे एवं हमेशा दोहराए जाने वाले स्टंट किसानों के विरोध को समाप्त नहीं करेंगे. पूरे देश को खिलाने वाले किसान भाजपा की किसान विरोधी नीतियों से तंग आ चुके हैं. कांग्रेस केवल एक ही बात चाहती है कि एमएसपी का हक-किसान के हाथ में रखा जाए."
गुजरात CM विजय रूपाणी ने कहा है कि गुजरात में किसानों और APMC की तरफ से भारत बंद को सपोर्ट नहीं है. गुजरात में ऐसी कोई स्थिति नहीं है. कल ये बंद सफल नहीं रहेगा. सरकार ने भी पूरी व्यवस्था की है कि बंद के नाम पर कोई हिंसक घटना न घटे.
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोमवार को कहा कि तीन विवादास्पद कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों द्वारा बुलाए गए देशव्यापी 'भारत बंद' का राज्य में कोई असर नहीं होगा. देशव्यापी हड़ताल के आह्वान के मद्देनजर राज्य प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर पणजी में अपने सरकारी आवास के बाहर संवाददाताओं से सावंत ने कहा, "इसका कोई असर नहीं होगा." भारत में किसान संगठनों द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया है, जो हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. सावंत ने कहा कि तीनों कानून किसानों के हित में हैं. उन्होंने कहा, "ये कानून किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य दिलाने में मदद करेंगे.।"
दिल्ली सिंधू सीमा (दिल्ली-हरियाणा) पर चिकित्सा शिविर का संचालन जारी है, जहां किसानों का विरोध प्रदर्शन आज 12 वें दिन में प्रवेश कर गया है. एक वॉलिंटियर ने कहा है कि हमने 400 किसानों जो बीमार थे उनको आवश्यक उपचार मुहैया कराया है.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री और दिल्ली सरकार के कृषि मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को एक अहम बैठक में हिस्सा लिया. इस बैठक में हरियाणा और पंजाब के कृषि मंत्री भी शामिल रहे. इस दौरान दिल्ली सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में एमएसपी को लागू करने की मांग रखी. इस बैठक के उपरांत गोपाल राय ने कहा, हमने किसानों की तरफ से केंद्र सरकार के समक्ष तीन प्रमुख बातें रखी. पहला, केंद्र सरकार यदि किसानों की आय बढाना चाहती है तो स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक देश में एमएसपी को लागू करे. अभी देश में एमएसपी लागू है, लेकिन स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार नहीं है. इसलिए किसान कम कीमत में फसल बेचने को मजबूर होते . दूसरा, केंद्र सरकार की किसानों के साथ कल होने वाली बैठक आखिरी बैठक हो। केंद्र सरकार को टालमटोल की नीति छोड़ कर अपने तीनों काले कानूनों को वापस ले लेने चाहिए.
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि हम चाहते हैं कि केंद्र कृषि कानूनों को निरस्त करे. उन्हें किसानों को बताना चाहिए कि वे एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) कब लाएंगे जो किसानों की आय को दोगुना कर देगा.

UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि कुछ राजनीतिक दल माहौल को ख़राब करने की कोशिश कर रहे हैं, ख़ासकर एपीएमसी एक्ट पर उनके द्वारा अपनाया गया मौजूदा रुख उनके दोहरे मानकों को दर्शाता है.
किसान आंदोलन के समर्थन में पंजाबी लेखक सुरजीत पातर ने पद्म श्री वापस किया. हाल में ही उन्होंने कहा था कि दिल्ली की सीमाओं पर विरोध कर रहे किसानों के साथ केंद्र के व्यवहार से मैं बहुत आहत हूं.
कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए एक व्यक्ति ने भैंस के आगे बीन बजाई. आप भी देखें वीडियो
दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ भारत बंद में शामिल नहीं होंगे और सामान्य रूप से काम करेंगे. कोरोना वायरस महामारी के चलते तंगी झेल रहे रिक्शा , टैक्सी चालकों ने अपनी दयनीय स्थति को देखते हुए यह निर्णय लिया है. हांलांकि उनका समर्थक किसानों की मांगो के साथ भी है. एयरपोर्ट से चलने वाली सेवाएं भी कल सुचारू रूप से काम करेंगी.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 8 दिसंबर को कुछ संगठनों द्वारा बंद के आह्वान के मद्देनज़र राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एडवाइजरी भेजी है. किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने और क़ानून व शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.




केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के विरोध में मंगलवार आठ दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद का मध्य प्रदेश कांग्रेस ने समर्थन किया है. राज्य में कांग्रेस इस दिन जिला स्तर पर प्रदर्शन करेगी और जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपेगी. कंग्रेस की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, केंद्र सरकार के काले कानूनों के विरोध में किसान संगठनों ने आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है. कांग्रेस ने भी देश भर में इस बंद को अपना समर्थन दिया है. उसी के मद्देनजर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी भी किसानों के आह्वान पर हो रहे इस बंद को अपना पूर्ण समर्थन देती है. प्रदेश की सभी जिला इकाइयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह बंद के समर्थन में जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर किसानों की मांगों का ज्ञापन दें. कांग्रेस प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमल नाथ ने बताया कि, केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों की बगैर सहमति से, उनसे बगैर चर्चा किए तीन नए कृषि कानून लागू किए गए हैं जो कि किसान विरोधी हैं और वो किसानों को पूरी तरह बर्बाद कर देंगे. इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गारंटी का जिक्र नहीं है. इन कानूनों से मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. इन कानूनों से सिर्फ कारपोरेट जगत को फायदा होगा और जमाखोरी व मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. यह काले कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार जल्द ही कृषि कानून वापस ले या सत्ता से बाहर जाए.
पश्चिम मिदनापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि वह भाजपा के कुशासन पर शांत रहने या उसको सहने की बजाय जेल में रहना पसंद करेंगी. उन्होंने कहा कि किसानों के अधिकारों का हनन करने के बाद भाजपा को सत्ता में नहीं रहना चाहिए.

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में सपा द्वारा सोमवार को पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित 'किसान यात्रा' में शिरकत से रोके जाने के विरोध में धरने पर बैठे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया.अखिलेश ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर इसे सांसद होने के नाते अपने विशेषाधिकार हनन का मामला बताते हुए हस्तक्षेप की मांग की है.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसान आंदोलन के नेताओं ने साफ-साफ कहा है कि राजनीतिक लोग हमारे मंच पर नहीं आएंगे.हम उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं. लेकिन ये सभी कूद रहे हैं, क्योंकि इन्हें भाजपा और नरेन्द्र मोदी का विरोध करने का एक और मौका मिल रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 2019 के चुनाव में अपने चुनाव घोषणा पत्र में साफ-साफ कहा है कि एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट एक्ट को समाप्त करेगी और किसानों को अपनी फसलों के निर्यात और व्यापार पर सभी बंधनों से मुक्त करेगी.
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि किसानों से संबंधित सुधारों को लेकर जो कानून बने हैं, उसको लेकर कुछ किसान संगठनों ने जो शंका उठायी है उसके लिए चर्चा हो रही है, वो चर्चा की अपनी प्रक्रिया है जो सरकार कर रही है. लेकिन अचानक तमाम विपक्षी या गैर भाजपाई दल कूद गए हैं. आज जब कांग्रेस का राजनीतिक वजूद खत्म हो रहा है, ये बार-बार चुनाव में हारते हैं चाहे वो लोकसभा हो, विधानसभा हो या नगर निगम चुनाव हो. ये अपना अस्तित्व बचाने के लिए किसी भी विरोधी आंदोलन में शामिल हो जाते हैं.
टीएमसी सांसद सौगत राय ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) आंदोलनकारी किसानों के साथ खड़ी है लेकिन हम पश्चिम बंगाल में भारत बंद का समर्थन नहीं करेंगे। यह(बंद) हमारी नीति के खिलाफ है. बता दें कि कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है. इन बारह दिनों में किसान आंदोलन जंगल की आग की तरह देशभर में फैल चुका है.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी या भाजपा के विरोध की राजनीति करने वाले जो भी दल हैं, ये जन्मजात किसान विरोधी लोग हैं. ये किसानों के हितैषी नहीं हैं, उनके दुश्मन हैं. बता दें कि लखनऊ में धरने पर बैठे अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया है. किसान आंदोलन के मद्देनजर धारा 144 लागू है.

लखनऊ में धरने पर बैठे अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया है. किसान आंदोलन के मद्देनजर धारा 144 लागू है. अखिलेश ने कहा कि हम किसानों से बात करना चाहते हैं, सरकार उनकी बात नहीं सुन रही. बीजेपी पर एकतरफा फैसले का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों का श्राप लगेगा.

अखिलेश यादव किसानों के समर्थन में कन्नौज से ट्रैक्टर रैली निकालना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उनके आवास के आस-पास के इलाके को सील कर उन्हें रोक रखा है. अखिलेश धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि हम किसानों से बात करना चाहते हैं, सरकार उनकी बात नहीं सुन रही. बीजेपी पर एकतरफा फैसले का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों का श्राप लगेगा.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कृषकों के समर्थन में समाजवादी पार्टी द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित 'किसान यात्रा' में शामिल होने के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निकलने से ठीक पहले पुलिस ने सोमवार सुबह पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका अवरोधक लगाकर सील कर दिया. अखिलेश यादव इस मामले को लेकर धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने कहा कि ये सरकार किसान विरोधी है. अखिलेश के साथ तमाम पार्टी कार्यकर्ता सड़क पर बैठे हुए हैं.
सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई को अलोकतांत्रिक करार देते हुए कहा है कि सरकार अखिलेश के किसान यात्रा में शामिल होने मात्र से भयभीत हो गई है. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना हर किसी का लोकतांत्रिक अधिकार है और सरकार इसका हनन करने पर तुली हुई है. चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार सपा की किसान यात्रा के कार्यक्रम से इतनी डरी हुई है कि वह हर जिले में पार्टी कार्यकर्ताओं को रोक रही है.
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कृषकों के समर्थन में समाजवादी पार्टी द्वारा पूरे उत्तर प्रदेश में आयोजित 'किसान यात्रा' में शामिल होने के लिए पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के निकलने से ठीक पहले पुलिस ने सोमवार सुबह पार्टी दफ्तर के आसपास का इलाका अवरोधक लगाकर सील कर दिया. इससे नाराज पार्टी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई. पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.

पंजाब के फरीदकोट के ज़िला प्रधान बिंदर सिंह गोले वाला ने कहा कि 9 तारीख को हमारे पक्ष में फैसला आए चाहें नहीं, अगर आता है तो बहुत अच्छा है और अगर नहीं आता है तो हम ये सोच के नहीं आए थे कि हम घर वापस चले जाएंगे. हम यहीं संघर्ष करते रहेंगे. जब तक हम जीत नहीं जाते तब तक हम पीछे नहीं हटेंगे. उन्होंने कहा कि कल बंद में सभी हमारा समर्थन कर रहे हैं. सभी अपने आप बाज़ार बंद करने के लिए कह रहे हैं सभी लोग इस बंद के लिए तैयार हैं वे जानते हैं कि किसान सही है इसलिए वो हमारा समर्थन कर रहे हैं. बंद के दौरान जरूरी सेवाएं पर छूट होगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम किसानों की सभी मांगों का समर्थन करते हैं. किसानों का मुद्दा और संघर्ष बिल्कुल जायज़ है. शुरू-शुरू में जब किसान बॉर्डर पर आए थे तो केंद्र सरकार, दिल्ली पुलिस ने हमसे दिल्ली के 9 स्टेडियम को जेल बनाने की इजाजत मांगी थी. उस समय मेरे ऊपर बहुत दबाव डाला गया. उनकी पूरी योजना थी कि किसानों को दिल्ली आने देंगे और फिर उन्हें पकड़कर स्टेडियम में डाल देंगे और वो वहां पड़े रहेंगे.


नोएडा: दिल्ली-नोएडा डायरेक्ट (DND) फ्लाईवे पर भारी ट्रैफिक ज़ाम दिखा. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा कि गौतम बुद्ध द्वार के पास किसान आंदोलन के कारण नोएडा-लिंक रोड पर स्थित चिल्ला बॉर्डर पर आवाजाही बंद कर दी गई है. दिल्ली जाने के लिए नोएडा-लिंक रोड की बजाय DND का उपयोग करें.
किसान संगठन पहले दिन से अपनी मांगों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि जब तक कानून वापस नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा चाहे लड़ाई कितनी लंबी क्यों ना हो जाए. किसान संगठनों की शिकायत है कि सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं हो रही है, लेकिन किसान भी तब तक टस से मस नहीं होंगे जब तक मांगें मान न ली जाएं.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और दिल्ली सरकार के अन्य मंत्रियों ने सिंघु बॉर्डर के पास गुरु तेग बहादुर मेमोरियल में किसानों से मुलाकात की और उनके लिए की गई व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया.केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि देशभर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे. उन्होंने सभी नागरिकों से किसानों का समर्थन करने की अपील भी की थी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सिंघू बॉर्डर के लिए रवाना हो गए हैं, जहां केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान बीते कई दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी (आप) ने किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ को रविवार को समर्थन दिया था.
केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि देशभर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे. उन्होंने सभी नागरिकों से किसानों का समर्थन करने की अपील भी की थी.
पंजाब के कांग्रेस सांसद किसानों के मुद्दे पर संसद के शीतकालीन सत्र की मांग को लेकर सोमवार को जंतर-मंतर पर धरना देंगे. आनंदपुर साहिब के सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि यह 1952 के बाद पहली बार होगा कि शीतकालीन सत्र उस समय नहीं होगा, जब किसान विरोध कर रहे हैं और चीन ने हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है और इस पर कोई स्पष्टता नहीं है. वहीं, अर्थव्यवस्था मंदी में है.

किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी पंजाब के ज़िला प्रधान लखविंदर सिंह ने कहा कि सभी जगह के लोग किसान आंदोलन में कूद पड़े हैं, ये लड़ाई इंसानियत की है. ये जनआंदोलन है, ये लड़ाई लोग जीतेंगे.किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ बुलाया गया है.

राजस्थान में कांग्रेस और एनडीए की सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने रविवार को किसान संघों द्वारा 8 दिसंबर को बुलाए गए भारत बंद को अपना समर्थन दिया. आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल ने इस कानून को 'काला कानून' करार दिया और कहा कि अगर केंद्र किसानों की मांगें मानने में विफल रहता है, तो वह 8 दिसंबर को भाजपा के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन पर अंतिम फैसला ले सकते हैं.

किसानों की ओर से बुलाए गए भारत बंद पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, पीएजीडी, एसीपी, सीपीआई, सीपीएम, सीपीआई (एलएल), आरएसपी, आरजेडी, डीएमके और एआईएफबी ने बयान जारी किया है. इसके साथ ही इन राजनीतिक दलों ने किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है. इसके अलावा शिवसेना, जेएमएम, टीआरएस और आम आदमी पार्टी भी किसानों के पक्ष में खड़ी हैं और इन्होंने भी किसानों के भारत बंद का समर्थन किया है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सोमवार को सिंघू बॉर्डर पर जाने की संभावना है, जहां केंद्र के नए कृषि कानूनों के विरोध में हजारों किसान बीते कई दिन से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.आम आदमी पार्टी (आप) ने किसान संगठनों द्वारा आठ दिसंबर को बुलाए गए ‘भारत बंद’ को रविवार को समर्थन दिया था.
केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि देशभर में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता राष्ट्रव्यापी हड़ताल का समर्थन करेंगे. उन्होंने सभी नागरिकों से किसानों का समर्थन करने की अपील भी की थी.


बसपा सुप्रीमो मायावती भी किसानों के समर्थन में उतर आई हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि कृषि से सम्बंधित तीन नये कानूनों की वापसी को लेकर पूरे देश भर में किसान आन्दोलित हैं व उनके संगठनों ने दिनांक 8 दिसम्बर को भारत बंद का जो एलान किया है, बीएसपी उसका समर्थन करती है. साथ ही, केन्द्र से किसानों की मांगों को मानने की भी पुनः अपील भी करती है.

बैकग्राउंड

कृषि बिल के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 12वां दिन है. इन बारह दिनों में किसान आंदोलन जंगल की आग की तरह देशभर में फैल चुका है.. और ये आंदोलन दिल्ली की सीमा सील करने से आगे बढ़ते हुए भारत बंद तक पहुंच चुका है. किसान संगठनों ने 8 दिसंबर यानी कल शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए भारत बंद का एलान किया है.


 


किसानों के भारत बंद के समर्थन में पंजाब और हरियाणा की मंडियां, पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन और दिल्ली ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने भी बंद के समर्थन का एलान किया है. भारत बंद से पहले आज चंडीगढ़ के सेक्टर-17 ग्राउंड में बड़ा प्रदर्शन होने वाला है. राजस्थान के किसान दिल्ली कूच करेंगे. बेंगलूरु में किसानों के समर्थन में अनिश्चितकालीन धरना होगा.


 


किसान संगठन पहले दिन से अपनी मांगों को लेकर बिल्कुल स्पष्ट हैं कि जब तक कानून वापस नहीं होता, आंदोलन जारी रहेगा चाहे लड़ाई कितनी लंबी क्यों ना हो जाए. किसान संगठनों की शिकायत है कि सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं हो रही है, लेकिन किसान भी तब तक टस से मस नहीं होंगे जब तक मांगें मान न ली जाएं.

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