विपक्ष के विरोध के बीच राज्यसभा से भी पास हुआ नागरिकता संशोधन बिल, पक्ष में 125 और विपक्ष में 105 वोट पड़े

नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा से पास हो गया है. इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 105 वोट ही पड़े. अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद ये कानून की शक्ल ले लेगा.

ABP News Bureau Last Updated: 11 Dec 2019 10:35 PM
नागरिकता संशोधन बिल 2019 राज्यसभा से पास हो गया है. इस बिल के पक्ष में 125 वोट पड़े, जबकि विपक्ष में 105 वोट ही पड़े. अब इस बिल को राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंज़ूरी के बाद ये कानून की शक्ल ले लेगा. बिल के पास होने पर जहां, सोनिया गांधी ने आज के दिन को काला दिन बताया है वहीं, पीएम मोदी ने सांसदों को बिल पास कराने के लिए बधाई देते हुए कहा कि देश के इतिहास में आज का दिन मील क पत्थर है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने बिल पास कराने के लिए सभी सांसदों को धन्यवाद कहा है. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में आज का दिन मील क पत्थर है. ये बिल उन लोगों के दर्द को दूर करेगा, जिन्होंने सालों तक उत्पीड़न सहा है.
नागरिकता संशोधन बिल के पास होने पर सोनिया गांधी ने कहा कि ये भारत के बहुलतावाद पर संकीर्णवादी और कट्टर ताकतों की जीत है. उन्होंने इसे काला दिन बताया. बता दें कि आज राज्य सभा में इस बिल के विपक्ष में 105 वोट पड़े, जबकि पक्ष में 125 वोट दिए गए.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद सोनिया गांधी ने आज के दिन को काला दिन बताया है. इस बिल के विपक्ष में 105 वोट पड़े, जबकि पक्ष में 125 वोट दिए गए
#BREAKING : लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी मोदी सरकार को बड़ी जीत मिली है. राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया है. इस बिल के विपक्ष में 105 वोट पड़े, जबकि पक्ष में 125 वोट दिए गए. इस बिल पर वोटिंग से पहले ही शिवसेना ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
नागरिकता संशोधन बिल पर विपक्ष के 14 संशोधन प्रस्ताव हैं. इन प्रस्तावों में से ज्यादतर प्रस्ताव खारिज हो चुके हैं. कुछ देर में नागरिकता संशोधन बिल पर फाइनल वोटिंग होगी.
टीएमसी के डेरेक ओर ब्रायन का संशोधन प्रस्ताव भी गिरा. पक्ष में 98 जबकि विपक्ष में 124 वोट पड़े. इससे पहले विपक्ष का सेलेक्ट कमेटी को भेजन का प्रस्ताव भी खारिज हो चुका है. सदन में केंद्र सरकार की स्थिती मज़बूत लग रही है.
विपक्ष का प्रस्ताव गिरा, सेलेक्ट कमेटी में नहीं भेजा जाएगा नागरिकता संशोधन बिल. 99 वोट भेजने के पक्ष में, जबकि 124 वोट नहीं भेजने के पक्ष में पड़े. कुछ सांसदों ने नागरिकता संशोधन बिल को सेलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग की थी. हालांकि मोदी सरकार की इसमें जीत हुई है.
कुछ सांसदों ने नागरिकता संशोधन बिल को सेलेक्ट कमिटी में भेजने की मांग की है, जिसपर कुछ ही देरे में वोटिंग होनी है.
विपक्ष को जवाब देते हुए अमित शाह ने राज्यसभा में कुछ आंकड़े भी पेश किए. उन्होंने बताया- पाक में अल्पसंख्यक 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत हो गए. पाकिस्तान में इसाईयों की हालत बदतर है. पाकिस्तान में सिर्फ 20 हिंदू धर्मस्थल बचे हैं. बांग्लागेश में भी बेहद कम धर्मस्थल बचे हैं. अफगानिस्तान में भी सिखों की तादाद घटी है. कई प्रांतो में बुर्का अनिवार्य कर दिया गया है. अफगानिस्तान में 500 सिख बचे हैं.
अमित शाह ने राज्यसभा में बहस के दौरान कई पीड़ितों का दर्द भी बयान किया. उन्होंने पाकिस्तान के सताए कई लोगों की बातें बताईं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और पाक के बयान में अंतर नहीं है. कल जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने बयान दिए और आज जो इस सदन में दिए गए वो एक समान हैं. उन्होंने ये भी कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक पर जो पाकिस्तान ने बयान दिए और कांग्रेस ने बयान दिए वो एक जैसे हैं. अमित शाह ने आर्टिकल 370 को लेकर भी ऐसी ही बात कही.
नागरिकता संशोधन बिल पर अमित शाह बोले- 70 साल से लोगों को भगवान भरोसे छोड़ा गया, मोदी सरकार पीड़ितों से न्याय करेगी. भारत के मुसलिमों के अधिकार सुरक्षित हैं. मुसलमानों से नागरिकता नहीं छीन रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे आइडिया ऑफ इंडिया पता है मेरी सात पुश्ते यहां कि हैं मैं यहीं पैदा हुआ हूं, विदेश से नहीं आया.
अमित शाह ने कहा कि देश का बंटवारा जिन्ना जी की वजह से हुआ. जिन्ना को जी कहने पर विपक्षी सांसदों ने उनका विरोध किया, जिसके बाद उन्होंने कहा कि मैं राज्यसभा में खड़ा हूं इसलिए ऐसा कहा. उन्होंने कहा कि जिन्ना ने मांग की तो कांग्रेस ने धर्म के आधार पर देश के बंटवारे को क्यों स्वीकार किया. कांग्रेस की वजह से धर्म के आधार पर बंटवारा हुआ.
टीएमसी के सांसद डेरेक ओर ब्रायन ने अमित शाह पर सभा को भटकाने का आरोप लगाया. अमित शाह ने कहा कि वो उनके बयान को हू-ब-हू पढ़ रहे हैं.
अमित शाह ने कहा कि ममता बनर्जी ने घुसपैठ का ज़िक्र किया था. अमित शाह के ममता बनर्जी का नाम लेने पर टीएमसी के सांसद भड़क उठे और उन्होंने इस बात का विरोध किया. गृह मंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी ने 2005 में बांग्लादेशी घुसपैठियों का ज़िक्र किया था.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बिल को लेकर कोई भ्रम नहीं है. इससे आर्टिकल 14 का उल्लंघन नहीं. उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि कांग्रेस अजीब प्रकार की पार्टी है. उन्होंने कहा कि इस बिल से मुसलमानों को डरने की ज़रूरत नहीं. कांग्रेस के नेता मुस्लिमों को डरा रहे हैं.
इस बिल में मुस्लिम क्यों नहीं है? इस सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा-पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश मुस्लिम राज्य हैं. वहां मुसलमानों का किसी प्रकार से धार्मिक प्रताड़ना हो, इसका अंदेशा कम ही है. हम इन तीन देशों के अल्पसंख्यकों को ले रहे हैं. ऐसे अल्पसंख्यकों को जिनको धार्मिक प्रताड़ना झेलनी पड़ रही है.
राज्यसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह बोले- धर्म के आधार पर बंटवारा भूल थी. 1950 का नेहरू-लियाकत समझौता फेल रहा. इस बिल के पीछे कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है. 50 साल पहले समाधान होता तो ये बिल नहीं आता.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पुरानी सरकारों ने कोई सुधार नहीं किया. बंटवारा न होता तो बिल की ज़रूरत नहीं होती. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सिर्फ सरकार चलाने के लिए नहीं आई है, बल्कि देश की समस्या को सुधारने के लिए आई है.
राज्यसभा में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल का समर्थन करते हुए कहा कि बिल संवैधानिक है. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में आने वाला हर बिल कानून मंत्रालय की मंज़ूरी लेकर ही आता है. उन्होंने ये भी कहा कि संसद को नागरिकता पर कानून बनाने का अधिकार है.
गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि अफगानिस्तान में मुस्लिम महिलाओं पर अत्याचार होता है. उन्हों क्यों नहीं शामिल किया गया. उन्होंने श्रीलंका के मुसलमानों को भी नहीं शामिल करने पर सवाल उठाए. उन्होंने ये भी कहा कि इस बिल में भूटान को क्यों शामिल नहीं किया गया. ये सब बेरोज़गारी और महंगाई के मुद्दे से ध्यान भटकाने की कोशिश है.
नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए कांग्रेस नेता गुलाम बनी आज़ाद ने कहा कि असम में फ्लैग मार्च क्यों हो रहा है. उन्होंने कहा कि नॉर्थ ईस्ट जल रहा है. उन्होंने ये भी कहा कि असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का बिल लाया जाता है. आज़ाद ने कहा कि जब बिल सबको मंज़ूर है तो विरोध क्यों हो रहा है.
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में असम में बवाल मचा हुआ है. विरोध प्रदर्शन बढ़ता देख राज्य सरकार ने असम के 10 ज़िलों में 24 घंटों के लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद करने का फैसला किया है. आज यानी बुधवार शाम सात बजे से गुरुवार शाम सात बजे तक ये रोक लगी रहेगी.
नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में भारी विरोध हो रहा है. अब असम और त्रिपुरा में प्रशासन ने सेना की मांग की है. वहीं, खबरों के मुताबिक सेना मुख्यालय और फील्ड कमांडर्स उत्तर-पूर्व के राज्यों में सीएबी बिल से उत्पन स्थिति पर नजर लगाए हुए हैं.
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल का भारी विरोध किया है. पार्टी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा कि यह भारत और बंगाल विरोधी है. उन्होंने कहा कि बंगालियों को राष्ट्रभक्ति सिखाने की जरूरत नहीं है और अंडमान की जेलों में बंद कैदियों में 70 प्रतिशत बंगाली थे.

डेरेक ने बंगाल के कई स्वतंत्रता सेनानियों का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेज भी भारतीय लोगों की मनोस्थिति को नहीं तोड़ पाए. उन्होंने कहा कि आज कुछ लोग बंगाल के हितैषी बन रहे हैं. उन्होंने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा और यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा.

टीएमसी सदस्य ने आरोप लगाया कि यह सरकार ‘नाजियों’ की तरह कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार देश के नागरिकों को आश्वासन देने के लिहाज से काफी अच्छी है लेकिन अपने वादों को तोड़ने के लिहाज से ‘और भी ज्यादा अच्छी है. ’

उन्होंने जर्मनी के यातना केंद्रों की तुलना हिरासत शिविरों से की और एनआरसी का संदर्भ देते हुए कहा कि शिविरों में बंद 60 प्रतिशत लोग बांग्लाभाषी हिन्दू हैं.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर जारी चर्चा के बीच ही उत्तर पूर्व के राज्यों में इस बिल के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन जारी है. सेना मुख्यालय और फील्ड कमांडर्स उत्तर-पूर्व के राज्यों में सीएबी बिल से उत्पन स्थिति पर नजर लगाए हुए हैं. CAB के विरोध में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए त्रिपुरा में सेना को लगाया गया है. असम में भी सेना को अलर्ट पर रखा गया है.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता सतीश चन्द्र मिश्रा ने नागरिकता संशोधन बिल पर पार्टी का पक्ष रखा. उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आप क्यों मुस्लिमों को इस प्रावधान से अलग रख आर्टिकल 14 का उल्लंघन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुस्लिमों को बिल में शामिल नहीं करना इस बिल की सबसे बड़ी खामी है.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर कांग्रेस पार्टी की तरफ से कपिल सिब्बल ने भाग लिया. इस दौरान मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत का भरोसा 2 नेशन थ्योरी में नहीं है. सरकार आज दो नेशन थ्योरी सही करने जा रही है. कांग्रेस एक नेशन में भरोसा करती है. कपिल सिब्बल ने कहा, ''आप संविधान की बुनियाद को बदलने जा रहे हैं. आप हमारा इतिहास बदलने जा रहे हैं. यह काली रात कभी खत्म नहीं होगी. आप कहते हैं सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास लेकिन आपने सबका विश्वास खो दिया है.'' कपिल सिब्बल ने कहा इंडियन रिपब्लिक को जुरासिक रिपब्लिक में मत बदलिए जहां दो डायनासोर हों.
शिवसेना नेता संजय राउत ने आज राज्यसभा में कहा कि हमें राष्ट्रवाद और हिन्दुत्व पर किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने कहा, ''जिस स्कूल में आप पढ़े हो, हम उस स्कूल के मास्टर हैं. हमारे स्कूल के हेडमास्टर बालासाहेब ठाकरे, अटल जी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी थे और हम सबको मानते हैं.'' वह नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे.
नागरिकता संशोधन बिल पर राज्यसभा में चर्चा जारी है. इस दौरान NDA में बीजेपी की सहयोगी JDU ने बिल का समर्थन किया है. JDU नेता आरसीपी सिंह ने कहा है कि बिल में किसी भी धर्म के साथ अन्याय नहीं होगा. बता दें कि लोकसभा में भी बिल का जनता दल यूनाइटेड ने समर्थन किया था, जिसके बाद पार्टी के दो बड़े नेता नाराज हो गे थे. पार्टी के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर और पार्टी के पुराने नेता पवन वर्मा ने बिल का समर्थन करने पर अपनी नाराजगी जताई थी.
सदन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा ने कहा है कि नेहरू-लियाकत समझौता के अंतर्गत इस बात की चिंता की गई थी कि दोनों देशों में अल्पसंख्यकों रक्षा की जाए और उन्हें सम्भाल के रखा जाए. लेकिन ऐसा हुआ नहीं, क्योंकि धर्म के आधार पर देश का बंटवारा तो हो गया और ये कागजों में रह गया.
नड्डा ने कहा है कि ये समस्या आज से नहीं है, ये समस्या उसी समय शुरू हुई जब आजादी के समय देश का विभाजन हुआ. देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ यह स्पष्ट था. इस विभाजन की त्रासदी यह थी कि दुनिया में आजतक इतना बड़ा नरसंहार कभी नहीं हुआ.
जेपी नड्डा ने कहा है कि नागरिकता संशोधन बिल को लेकर आज जो हम बात कर रहे हैं उसका आधार सिर्फ एक है और वो है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में वो अल्पसंख्यक जो धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हुए हैं उनकों नागरिकता का अधिकार देने का काम है और यह मूल बात है.
जेपी नड्डा ने कहा है कि आज जिस बिल की हम बात कर रहे हैं उसका आधार सिर्फ एक है कि बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में जिन अल्पसंख्यकों की धार्मिक आधार पर प्रताड़ना हुई है और जिन्होंने भारत में शरण ली है, उन्हें नागरिकता दी जाएगी,
सदन में बीजेपी के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा ने कहा है कि देश के अंदर जो लोग लंबे समय से अन्याय के वातावरण में जी रहे थे, उनको सम्मान के साथ जीने का एक रास्ता देने का प्रयास नागरिकता संशोधन बिल के द्वारा किया गया है.
सदन में कांग्रेस नेता ने आनंद शर्मा ने कहा कि एनआरसी से देश में असुरक्षा की भावना है. आज पटेल और गांधी आपसे मिले तो बहुत नाराज होंगे. दो देशों की थ्योरी कांग्रेस नहीं सावरकर लेकर आए थे.
सदन में कांग्रेस नेता ने आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार नया इतिहास लिखने की कोशिश न करे. हमारी सरकार में पाकिस्तान से आए लोगों को भी सम्मान मिला था. पहले संसोधन से कोई खतरा नहीं हुआ. संविधान के लिहाज से ये बिल फेल है.
कांग्रेस नेता ने आनंद शर्मा ने कहा, ‘’ये नागरिकता बिल भेदभाव पैदा करता है. ये बिल संविधान की नींव पर हमला है. नागरिकता का मतलब भूगोल से नहीं है. विभाजन की पीड़ा सबको है.’’
सदन में कांग्रेस नेता ने आनंद शर्मा ने कहा हम इस बिल का विरोध करते हैं. विरोध का कारण राजनीतिक नहीं बल्कि संवैधानिक है. सरकार बिल पर जल्दबाजी क्यों कर रही है.
अमित शाह ने कहा है कि कुछ लोगों द्वारा भ्रांति फैलाई जा रही है कि ये बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है. जो इस देश के मुसलमान हैं उनके लिए इस बिल में कोई चर्चा या चिंता का उल्लेख नहीं हैं. फिर ये किसकी चिंता कर रहे हैं?
अमित शाह ने कहा है कि इस बिल में हम तीनों पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को संरक्षण देकर उनको नागरिक बनाने की प्रक्रिया का संशोधन लेकर आये हैं. साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए भी हम प्रावधान लेकर आये हैं.
अमित शाह ने कहा है कि जो लोग कह रहे हैं कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, मैं उन सब साथियों को कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के पहले ही ये इरादा देश के सामने रखा था, जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया है.
अमित शाह ने कहा है कि जो लोग कह रहे हैं कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, मैं उन सब साथियों को कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के पहले ही ये इरादा देश के सामने रखा था, जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया है.
अमित शाह ने कहा है कि पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20- 20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी है. आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए?
अमित शाह ने कहा है कि कटु सच्चाई ये सामने आई है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान में अल्पसंख्यकों को सम्मान का जीवन नहीं मिला, वहां अल्पसंख्यकों की घोर प्रताड़ना हुई.
अमित शाह ने कहा है कि विभाजन के बाद हमारी कल्पना थी कि जो नागरिक यहां अल्पसंख्यक रहते हैं और जो पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हैं, वो सम्मान के साथ जीवन जी पाएंगे, अपने धर्म का सम्मान के साथ पालन कर पाएंगे, अपने परिवार का सम्मान से रक्षण कर पाएंगे.
सदन में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ''इस बिल के पास हो जाने पर यातना का जीवन जी रहे लोगों को राहत मिलेगी और वह सम्मान का जीवन जी सकेंगे.'' शाह ने कहा कि विदेशों में अल्पसंख्यक कम हो रहे हैं.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पेश कर दिया गया है. चार सांसदों के छुट्टी पर रहने के बाद अब बिल पास कराने के लिए बहुमत का आंकड़ा 119 हो गया है.
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि सरकार को 100 फीसदी भरोसा है कि नागरिकता विधेयक राज्यसभा में पारित हो जाएगा.
शिवसेना सांसद संजय राउत ने नागरिकता संशोधन विधेयक पर कहा है कि लोकसभा में आंकड़े अलग, राज्यसभा की स्थिति अलग है. सरकार को हमारे सवालों का जवाब देना होगा. वोटबैंक की राजनीति सही नहीं है. आप देश में एक बार फिर हिंदू-मुसलमान को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसा ना करें.
लालू प्रसाद यादव के बेटे और आरजेडी नेता नागरिकता संशोधन बिल के विरोध में पटना के गांधी मैदान पर धरने पर बैठ गए हैं.
राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल पर चर्चा अब दो बजे के बजाय दोपहर 12 बजे शुरु होगी. इसके लिए प्रश्नकाल भी स्थगित कर दिया गया है. बिल पर चर्चा के लिए 6 घंटे का समय निश्चित किया गया है.
असम में बिल के विरोध का असर ये है कि प्रदर्शनकारी सड़कों से गुजर रही जनता को भी नहीं बख्स रहे हैं. आज एक ऐसा ही मामला सामने आया, जब प्रदर्शनकारियों ने दो दुल्हों को कार से उतारकर जबरदस्ती पैदल चलवाया. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने बिल के विरोध में दुल्हों से नारे भी लगवाए.
संयुक्त राष्ट्र ने नागरिकता संशोधन बिल पर किसी टिप्पणी से इनकार कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र के मुखिया के उप प्रवक्ता फरहान हक ने कहा है कि जहां तक मुझे जानकारी है, यह कानून एक विधायी प्रक्रिया से गुजरेगा. हमारे पास कोई टिप्पणी नहीं है.
पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इस बिल के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो रहे हैं. विरोध के स्वर सबसे ज्यादा असम से सुनाई दे रहे हैं, जहां के लोग इस बिल को अपनी संस्कृति के लिए खतरा बता रहे हैं. तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, गुवाहटी कोझिकोड के साथ इसके विरोध में दिल्ली से लेकर चेन्नई में भी प्रदर्शन हो रहे हैं.
कांग्रेस नेता रंजीत रंजन का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल में धर्म विशेष को निशाना बनाया जा रहा है. वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह का कहना कि सारी विपक्षियां एक साथ आ जाए तो राज्यसभा में बिल को गिराया जा सकता है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने 12 से 13 राजनैतिक पार्टियों की मीटिंग ली हैं, जिसमें सभी ने तय कि है कि वो नागारिकता संशोधन बिल के खिलाफ में वोट करेंगे.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन बिल आज राज्यसभा में पेश होने वाला है. अगर ये बिल राज्यसभा से भी पास हो गया तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए लाखों करोड़ो अल्पसंख्यक शरणार्थियों के लिए भारत की नागरिकता लेना आसान हो जाएगा. इस बिल का जबरदस्त विरोध भी हो रहा है. राज्यसभा में बिल पर चर्चा दोपहर दो बजे शुरू होगी. बहस के लिए 6 घंटे का वक्त तय किया गया है. कांग्रेस ने आज देशभर में प्रदर्शन का एलान किया है. इस मामले से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए बने रहिए एबीपी न्यूज़ के साथ.

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