New Parliament Bhoomi Pujan LIVE: पीएम मोदी ने कहा- पॉलिसी-पॉलिटिक्स अलग हो सकती है, लक्ष्य में मतभेद नहीं होना चाहिए

Parliament New Building Foundation Ceremony LIVE Updates: आज देश की नई संसद की नींव रखी गई. पीएम मोदी नए संसद भवन का शिलान्यास किया. नई संसद पुरानी से बड़ी होगी और इसका डिजाइन भी काफी अलग रहने वाला है. ये नया संसद भवन ना केवल पुराने भवन से बड़ा होगा बल्कि इसका आकार भी गोल ना होकर त्रिभुज के जैसा होगा. करीब 100 पुराने इस भवन को अब एक नया रंग रूप मिलने जा रहा है.

एबीपी न्यूज़ Last Updated: 10 Dec 2020 02:58 PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम सिर्फ और सिर्फ भारत की उन्नति, भारत के विकास को ही अपनी आराधना बना लें.हमारा हर फैसला देश की ताकत बढ़ाए.हमारा हर निर्णय, हर फैसला, एक ही तराजू में तौला जाए और वो है- देश का हित सर्वोपरि. उन्होंने कहा कि हम भारत के लोग, ये प्रण करें- हमारे लिए देश के संविधान की मान-मर्यादा और उसकी अपेक्षाओं की पूर्ति, जीवन का सबसे बड़ा ध्येय होगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र के इस मंदिर में इसका कोई विधि-विधान भी नहीं है.इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेंगे इसमें चुनकर आने वाले जन-प्रतिनिधि.
उनका समर्पण, उनका सेवा भाव, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेगा.उनका आचार-विचार-व्यवहार, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा करेगा. उन्होंने कहा कि भारत की एकता-अखंडता को लेकर किए गए उनके प्रयास, इस मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा की ऊर्जा बनेंगे. जब एक एक जनप्रतिनिधि, अपना ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा, अपना अनुभव पूर्ण रूप से यहां निचोड़ देगा, उसका अभिषेक करेगा, तब इस नए संसद भवन की प्राण-प्रतिष्ठा होगी.

प्रधानमंत्री ने कहा कि पॉलिसी में अंतर हो सकता है, पॉलिटिक्स में भिन्नता हो सकती है, लेकिन हम जनता की सेवा के लिए हैं, इस अंतिम लक्ष्य में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए.वाद-संवाद संसद के भीतर हों या संसद के बाहर, राष्ट्रसेवा का संकल्प, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें याद रखना है कि वो लोकतंत्र जो संसद भवन के अस्तित्व का आधार है, उसके प्रति आशावाद को जगाए रखना हम सभी का दायित्व है.हमें ये हमेशा याद रखना है कि संसद पहुंचा हर प्रतिनिधि जवाबदेह है.ये जवाबदेही जनता के प्रति भी है और संविधान के प्रति भी है.


पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लोकतंत्र में समाई शक्ति ही देश के विकास को नई ऊर्जा दे रही है, देशवासियों को नया विश्वास दे रही है.भारत में लोकतंत्र नित्य नूतन हो रहा है. भारत में हम हर चुनाव के साथ वोटर टर्नआउट को बढ़ते हुए देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र, हमेशा से ही सरकारनेंस के साथ ही मतभेदों को सुलझाने का माध्यम भी रहा है. अलग विचार, अलग दृष्टिकोण, ये एक जीवंत लोकतंत्र को सशक्त करते हैं. पीएम ने कहा कि मतभेद के लिए हमेशा जगह हो लेकिन डिस्कनेक्ट कभी ना हो, इसी लक्ष्य को लेकर हमारा लोकतंत्र आगे बढ़ा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि आमतौर पर अन्य जगहों पर जब डेमोक्रेसी की चर्चा होती है चुनाव प्रक्रियाओं, शासन-प्रशासन की बात होती है.इस प्रकार की व्यवस्था पर अधिक बल देने को ही कुछ स्थानों पर डेमोक्रेसी कहा जाता है. लेकिन भारत में लोकतंत्र एक संस्कार है.भारत के लिए लोकतंत्र जीवन मूल्य है, जीवन पद्धति है, राष्ट्र जीवन की आत्मा है.भारत का लोकतंत्र, सदियों के अनुभव से विकसित हुई व्यवस्था है.भारत के लिए लोकतंत्र में, जीवन मंत्र भी है, जीवन तत्व भी है और साथ ही व्यवस्था का तंत्र भी है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नए संसद भवन में ऐसी अनेक नई चीजें की जा रही हैं जिससे सांसदों की दक्षता बढ़ेगी, उनके वर्क कल्चर में आधुनिक तौर-तरीके आएंगे
पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा. पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं अपने जीवन में वो क्षण कभी नहीं भूल सकता जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर मुझे संसद भवन में आने का अवसर मिला था.तब लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले, मैंने सिर झुकाकर, माथा टेककर लोकतंत्र के इस मंदिर को नमन किया था. हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को घड़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आजाद भारत की पहली सरकार का गठन भी यहीं हुआ और पहली संसद भी यहीं बैठी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है. भारतीयों द्वारा, भारतीयता के विचार से ओत-प्रोत,
भारत के संसद भवन के निर्माण का शुभारंभ हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ावों में से एक है. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे.और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा कि जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष का पर्व मनाए, तो उस पर्व की साक्षात प्रेरणा, हमारी संसद की नई इमारत बने.

नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह के बाद पूर्व सांसद नजमा हेपतुल्ला ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में बहुत ही ज्यादा विश्वास है. उन्होंने 2014 को याद करते हुए कहा कि पहली बार जब मोदी संसद आए थे तो उन्होंने संसद की सीढ़ियों पर माथा टेका था इसलिए उनके द्वारा नए भवन का शिलान्यास बेहद खास है.

वैसे सरकार का प्लान तो संसद के अलावा इसके पास की सरकारी इमारतों को भी नए सिरे बनाने का था. इन सभी भवनों का दिल्ली का सेंट्रल विस्टा कहा जाता है. इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन की ओर करीब 3 किलोमीटर का ये सीधा रास्ता और इसके दायरे मे आने वाली इमारतें जैसे कृषि भवन, निर्माण भवन से लेकर संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, रायसीना हिल्स पर मौजूद राष्ट्रपति भवन तक का पूरा इलाका सेंट्रल विस्टा कहलाता है. मोदी सरकार का प्लान इसी पूरे सेंट्रल विस्टा को बदलने का था लेकिन कुछ वजहों से सुप्रीम कोर्ट निर्माण कार्य पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट ने नई संसद समेत कई अहम सरकारी इमारतों वाले सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट में किसी भी निर्माण पर फिलहाल रोक लगा रखी है.
मौजूदा पार्लियामेंट हाउस बिल्डिंग का निर्माण आजादी से कई साल पहले 1911 में शुरू हुआ था और आखिरकार इसके 20 साल बाद यानि 1927 में इसका उद्घाटन हुआ था. 100 साल से भी ज़्यादा वक्त से खड़े संसद भवन के नवनिर्माण या इसकी जगह नई इमारत बनाने की मांग सालों से की जा रही थी.
नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा. सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी. नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है. ये नया संसद भवन ना केवल पुराने भवन से बड़ा होगा बल्कि इसका आकार भी गोल ना होकर त्रिभुज के जैसा होगा.
नए संसद भवन को शास्त्री भवन के पास की खाली जमीन पर बनाया जाएगा. नया संसद भवन का निर्माण करीब 64500 वर्गमीटर जमीन पर होगा. नई संसद पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ी है और इसे बनाने में करीब 971 करोड़ रूपए की लागत आएगी.

नए संसद भवन के शिलान्यास समारोह में विभिन्न धर्मगुरुओं ने 'सर्व धर्म प्रार्थना की.नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा. राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा. संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है.
नए संसद भवन के निर्माण के दौरान पर्यावरण अनुकूल कार्यशैली का इस्तेमाल होगा. नए भवन में उच्च गुणवत्ता वाली ध्वनि औरदृश्य-श्रव्य सुविधाएं, बैठने की आरामदायक व्यवस्था, आपातकालीन निकासी की व्यवस्था होगी. इमारत उच्चतम संरचनात्मक सुरक्षा मानकों का पालन करेगी.
नया संसद भवन अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा. साथ ही इसमें भारतीय संस्कृति और शिल्पकारों की कलाकृतियों को भी झलक दिखेगी. नए संसद भवन को भूकंप रोधी बनाया जाएगा. नए संसद भवन के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को दिया गया है. वहीं इसका डिजाइन एचसीपी डिजाइन और प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने बनाया है.

मंत्रोच्चारण के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी.अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो. नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा. राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा. कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा.

मंत्रोच्चारण के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन की आधारशिला रखी.अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो. नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा. राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा. कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा.
नए संसद भवन में लोकसभा सदस्यों के लिए 888 सीटें और राज्यसभा सदस्यों के लिए 326 से ज्यादा सीटें होंगी. इतना ही नहीं इसमें 1224 सदस्यों के एक साथ बैठने की भी व्यवस्था होगी. प्रत्येक सदस्यों के लिए 400 वर्गफुट का एक कार्यालय भी इस नए भवन में होगा.
नए संसद भवन को शास्त्री भवन के पास की खाली ज़मीन पर बनाया जाएगा. नया संसद भवन का निर्माण करीब 64500 वर्गमीटर जमीन पर होगा. नई संसद पुरानी संसद से 17 हजार वर्गमीटर बड़ी है और इसे बनाने में करीब 971 करोड़ रूपए की लागत आएगी.
अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो. यह अगले सौ साल की जरूरतों के मद्देनजर बनाया जाएगा. ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत न आए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नए संसद भवन का भूमि पूजन करेंगे. इस समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी, आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह शामिल होंगे. केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्री, संसद सदस्य, सहित लगभग 200 लोग लाइव वेबकास्ट के जरिये भूमि पूजन समारोह में मौजूद रहेंगे.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज नए संसद भवन की आधारशिला रखी. अक्टूबर 2022 तक नए भवन का निर्माण पूरा करने की तैयारी है, ताकि देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर इसी भवन में सत्र का आयोजन हो. नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा. राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा. कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा.


 


संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया
नए संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है. शहरी कार्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, नया संसद भवन वर्ष 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर नये भारत की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के अनुरूप होगा. यह अगले सौ साल की जरूरतों के मद्देनजर बनाया जाएगा. ताकि भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर भी कोई दिक्कत न आए.


 


नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी
मंत्रालय के मुताबिक, नया संसद भवन अत्याधुनिक, तकनीकी सुविधाओं से युक्त होगा. सोलर सिस्टम से ऊर्जा बचत भी होगी. मौजूदा संसद भवन से सटी त्रिकोणीय आकार की नई इमारत सुरक्षा सुविधाओं से लैस होगी. नई लोकसभा मौजूदा आकार से तीन गुना बड़ी होगी और राज्यसभा के आकार में भी वृद्धि की गई है. नए भवन की सज्जा में भारतीय संस्कृति, क्षेत्रीय कला, शिल्प और वास्तुकला की विविधता का समृद्ध मिलाजुला स्वरूप होगा. डिजाइन योजना में केंद्रीय संवैधानिक गैलरी को स्थान दिया गया है. आम लोग इसे देख सकेंगे.


 


कई अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा नया संसद भवन, 3 गुना बड़ी होगी नई लोकसभा

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