लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कुछ दिनों पहले ये बयान देकर सबको चौंका दिया था कि बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री उम्मीदवार रहेंगे या नहीं, इसका फैसला बीजेपी को करना है क्योंकि वही गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है. अब एलजेपी के कार्यकर्ता अपने अध्यक्ष चिराग पासवान की तस्वीर लगी टी शर्ट पहनकर लोगों के बीच जाएंगे.


बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में लगी पार्टी ने अपने एक लाख कार्यकर्ताओं को ऐसी टीशर्ट दी हैं. टीशर्ट पर 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' का नारा लिखा हुआ है. चिराग पासवान ने इसी नारे के साथ बिहार में अपनी यात्रा निकाली थी जिसे कोरोना महामारी के चलते शुरू किए गए लॉकडाउन की वजह से बीच में ही स्थगित करना पड़ा था.


14 अप्रैल को अंबेडकर जयंती के दिन यात्रा समाप्ति के बाद पटना के गांधी मैदान में पार्टी ने एक रैली भी आयोजित करने की योजना बनाई थी जो लॉकडाउन के चलते नहीं हो पाई. इसी रैली में कार्यकर्ताओं के बीच ये टीशर्ट बांटी जानी थीं.


संभावित उम्मीदवारों से बात कर रहे चिराग


लॉकडाउन के बाद अब विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार में सियासी पारा भी बढ़ने लगा है. इसी के मद्देनजर पार्टी ने भी अपनी तैयारी फिर शुरू कर दी है. रोचक बात ये है कि पार्टी लगातार सभी 243 सीटों पर अपनी तैयारी करने का दावा करती आई है और उनमें भी 119 सीटों पर सबसे ज़्यादा फोकस है.


पार्टी के सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि ये 119 वो सीटें हैं जहां 2015 में बीजेपी या जेडीयू का उम्मीदवार नहीं जीता था. 11 जून को चिराग पासवान ने इन सभी 119 संभावित उम्मीदवारों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. बैठक में चिराग ने कहा कि पार्टी बिहार में पहले से काफी मजबूत हुई है जिसका फायदा पार्टी को चुनावों में मिलेगा.


नवंबर से ही ताल ठोक रहे चिराग


औपचारिक तौर पर पार्टी हमेशा से कहती आई है कि इन 119 सीटों में से जिन सीटों पर पार्टी का उम्मीदवार खड़ा होगा वहां तो फायदा होगा ही, बाकी सीटों पर भी एनडीए गठबंधन को फायदा होगा. वैसे पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के हालिया बयानों से अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है.


पिछले साल नवंबर में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर अपने पिता रामविलास पासवान की जगह लेने के बाद से ही चिराग पासवान चुनावी तैयारियों में लग गए थे. 'बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट' के नारे के साथ आगे बढ़ते हुए चिराग पासवान ने बिहार में यात्रा निकाली.


उन्होंने ये भी ऐलान कर दिया कि उनकी पार्टी एनडीए की अपनी दोनों सहयोगियों से काफी पहले, इस साल 14 अप्रैल को इसी नाम से अपना अलग चुनावी घोषणा पत्र पेश कर देगी.


नीतीश कुमार को लगातार घेर रहे


अपनी यात्रा के दौरान चिराग पासवान ने कई मौकों पर बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया. चाहे मामला शिक्षकों की भर्ती का हो चाहे कानून व्यवस्था का, वो लगातार नीतीश कुमार पर ही हमला बोलते रहे. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान नीतीश कुमार के कामकाज पर जब सवाल उठे तो चिराग पासवान ने यहां तक कह दिया कि उनकी पार्टी सरकार में शामिल नहीं है, बल्कि केवल बाहर से समर्थन दे रही है.


प्रवासी मजदूरों की परेशानियों और क्वारंटीन सेंटरों की स्थिति पर चिराग पासवान ने खुलकर अपनी नाराजगी भी जाहिर की, लेकिन सबसे ज़्यादा चौंकाया चिराग पासवान के सबसे ताजा बयान ने, जिसमें उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार मुख्यमंत्री उम्मीदवार होंगे या नहीं इसका फैसला बीजेपी को करना है.


इस बयान से चिराग ने अप्रत्यक्ष तौर पर नीतीश कुमार के नेतृत्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया जबकि बीजेपी पहले ही नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह चुकी है. उनके बयान के बाद एनडीए में हलचल तेज हो गई है और इसका असर आने वाले चुनाव में दिखना तय है.


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