नई दिल्ली: एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान एनडीए और खासकर नीतीश कुमार से अपनी दूरी बढ़ाते जा रहे हैं. आज उनकी पार्टी ने एक चौंकाने वाला फ़ैसला लिया. पार्टी ने बिहार में अपने मुंगेर जिलाध्यक्ष को उनके पद से हटा दिया .


जिलाध्यक्ष राघवेंद्र भारती का कसूर केवल इतना था कि उन्होंने बयान देकर कहा था कि बिहार में एनडीए गठबंधन अटूट है. भारती के इस बयान को पार्टी के दिशानिर्देशों और राष्ट्रीय नेतृत्व के अनुशासन के विपरीत माना गया .


हालांकि जिलाध्यक्ष को हटाने के लिए पार्टी की ओर से जो बयान दिया गया है उसमें एक चौंकाने वाली बात लिखी है . बयान में लिखा गया है कि पार्टी की ओर से गठबंधन पर फैसला करने का अधिकार केवल चिराग पासवान को है , तबतक इस मामले पर किसी पार्टी नेता को बोलने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है.


अब चूंकि चिराग पासवान पहले से ही एनडीए गठबंधन में शामिल हैं लिहाजा अटकलें लगनी तय है . क्या इस फैसले से चिराग पासवान यह संदेश देना चाहते हैं कि अभी गठबंधन को लेकर उनकी पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है और उनका विकल्प खुला हुआ है.


जिलाध्यक्ष को हटाने का फैसला इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि चार दिनों पहले ही बीजेपी के बिहार प्रभारी उपेंद्र यादव ने चिराग पासवान से मुलाकात कर इस विषय पर सुलह करवाने की कोशिश की थी . मुलाक़ात के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर पार्टी के बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट विजन की अनदेखी करने का आरोप लगाया था . पार्टी के इस ताज़ा फ़ैसले के बाद एनडीए में घमासान मचना तय है.


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