LK Advani On Bharat Ratna: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार (3 फरवरी) को बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने का ऐलान किया. इस पर पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरा, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है, जिनका पालन करने का मैंने प्रयास किया.
अपने आधिकारिक बयान में आडवाणी ने लिखा, "अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ, मैं 'भारत रत्न' स्वीकार करता हूं. यह न केवल एक व्यक्ति के रूप में मेरे लिए सम्मान है, बल्कि उन आदर्शों और सिद्धांतों का भी सम्मान है जिनसे मैंने अपनी पूरी क्षमता से जीवन भर सेवा की है."उन्होंने कहा, जब से मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में उसके स्वयंसेवक के रूप में शामिल हुआ हूं. तब से जीवन में मुझे जो भी कार्य सौंपा गया है, मैंने उसे निस्वार्थ किया."
'राम मंदिर के निर्माण की वकालत'
1990 में अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए अपनी रथ यात्रा के माध्यम से पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आडवाणी को शनिवार को भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया गया.
पीएम मोदी ने बधाई दी
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "मुझे यह बताते हुए बहुत खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. मैंने उनसे फोन पर बात भी की और इस सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी." इस दौरान पीएम मोदी ने भारत के विकास में लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका पर जोर दिया और उन्हें देश के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक बताया.
1951 में जनसंघ में हुए शामिल
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म कराची में हुआ था. वह विभाजन के बाद भारत आ गए और बंबई (मुंबई) में रहने लगे. वह 1941 में चौदह साल की उम्र में आरएसएस के सदस्य बने. 1951 में लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी के आइकन श्यामा प्रसाद मुखर्जी के भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए.
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