नई दिल्ली: पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने शोक जताया. उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति को याद करते हुए कहा कि हम अलग-अलग विचारधाराओं वाले थे लेकिन मुलाकात के पहले दिन से हमारे बीच एक परस्पर सम्मान का बंधन बन गया. वे अपनी तीव्र बुद्धि के लिए जाने जाते थे.


अपने शोक संदेश में लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, “लंबे समय तक मेरे निकट सहयोगी रहे श्री प्रणब मुखर्जी जी के निधन से मैं दुखी हूं. प्रणब दा को हम में से बहुत से लोगों ने स्नेह के साथ याद किया. मेरा उनके साथ लंबा और यादगार साथ रहा. हालांकि मैं उनसे बड़ा हूं लेकिन प्रणब दा एक संसद सदस्य के तौर पर मुझसे एक साल सीनियर थे. मैं साल 1970 में संसद का सदस्य बना जबकि प्रणब दा 1969 में सांसद बने थे. हम अलग-अलग विचारधाराओं से आते थे लेकिन उनसे मुलाकात के पहले दिन से हम दोनों के बीच परस्पर सम्मान का बंधन बन गया.”



लालकृष्ण आडवाणी ने कहा, “अपनी तीव्र और विश्लेषणात्मक बुद्धि के लिए जाने थे और उनका सम्मान था. वे अलग-अलग विचारधारा और राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के बीच संवाद और सहयोग की जरूरत पर विश्वास करते थे. अपनी चिंतनशील व्यवहार में उनके विभिन्न और लंबे सामाजिक जीवन का अनुभव समाहित था जो उन्हें एक स्टेट्समैन बनाता था जिनका सभी राजनीतिक दलों के लोग सम्मान करते थे.”


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “मेरे लिए व्यक्तिगत तौर पर वे एक सहयोगी से ज्यादा थे. हमने सामाजिक जीवन के बाहर और अंदर बहुमूल्य क्षण साझा किए थे और ये बढ़कर हमारे परिवार तक पहुंचा. कई लंच जो हमने साथ किए उसकी यादें हमेशा में दिल में विशेष रहेगी.”


अपने संदेश के अंत में आडवाणी ने कहा, “प्रणब दा पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. हम सभी ये उम्मीद कर रहे थे कि वे जल्दी ठीक हो जाएंगे. उनका जाना देश के लिए बहुत बड़ी क्षति है. मैंने एक दोस्त खो दिया. उनकी आत्मा को शांति मिले. मेरी शर्मिष्ठा, अभिजीत और इंद्रजीत और परिवार के दूसरे सदस्यों के प्रति संवेदना है. ओम शांति.”


बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति को 10 अगस्त को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और आज सुबह जारी एक स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया कि वह गहरे कोमा में हैं और उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है.


उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘भारी मन से आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का अभी कुछ समय पहले निधन हो गया. आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत के लोगों की प्रार्थनाओं और दुआओं के लिए मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं.’’


पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी को दिल्ली छावनी स्थित अस्पताल में गत 10 अगस्त को भर्ती कराया गया था और उसी दिन उनके मस्तिष्क में जमे खून के थक्के को हटाने के लिए उनकी सर्जरी की गई थी. उन्हें बाद में फेफड़े में संक्रमण हो गया. वे 2012 से 2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे.


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