नई दिल्ली: कल दिल्ली विधानसभा के 25 वर्ष पूरे हो रहे हैं. विधानसभा की तरफ से कल रजत जयंती मनाई जा रही है जिसमें बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भी न्यौता दिया गया. आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने बयान जारी कर बताया कि आडवाणी को दिल्ली मेट्रोपॉलिटन काउन्सिल के पहले अध्यक्ष होने के नाते न्यौता भेजा गया जिसे आडवाणी जी ने स्वीकार कर लिया था. उसके बाद निमंत्रण पत्रों में आडवाणी जी का नाम लिखा गया लेकिन बाद में उन्होंने इसमें आने से मना कर दिया. आप ने सवाल पूछा है कि क्या यही शिष्टाचार है?
बयान में आगे जगदीश मुखी का भी ज़िक्र है. बयान में लिखा है कि 'जगदीश मुखी जी लम्बे समय तक अलग लग पदों पर दिल्ली सदन से जुड़े रहे हैं. उनको ख़ास तौर पर बुलाया गया, कई बार बात हुई. उन्होंने लिखित में निमंत्रण स्वीकार किया. वे फ़्लाइट पकड़ कर दिल्ली भी आ गए, मगर ऐन मौक़े पर मना कर दिया.'
आप ने सवाल पूछा है कि क्या इस तरह से भी कोई करता है? कार्यक्रम में राजनीति कौन कर रहा है? आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा और कांग्रेस मिलकर कोशिश कर रहे हैं कि दिल्ली विधानसभा की शक्तियां ख़त्म हो जायें, इसका सम्मान काम हो जाए. दिल्लीवासी सब देख रहे है.
कल दिल्ली विधानसभा का रजत जयंती समारोह है. जिसमें बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को भी न्यौता भेजा गया था लेकिन दोनों दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है. कल इस प्रोग्राम में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया शामिल होंगे.