महाराष्ट्र: मंत्री अनिल परब पर उन्हीं के विभाग के अधिकारी ने लगाया वसूली का आरोप, हमलावर हुआ विपक्ष
जिस तरहाँ के गम्भीर आरोप गजेंद्र पाटील ने मंत्री समित RTO के बड़े अधिकारियों पर लगाए है इस मामले में उन्होंने अपना स्टेट्मेंट नाशिक पुलिस के सामने दर्ज कराया है. लगाए गए आरोपों के साथ अगर सबूत सौंपे तो मंत्री अनिल परब की मुश्किल बढ़ सकती हैं. इस मामले में एफआईआर दर्ज हो सकती है.
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के एक और मंत्री अनिल परब पर वसूली के गंभीर आरोप लगे है. आरोप किसी दूसरे ने नहीं बल्कि उन्हीं के परिवहन विभाग के अधिकारी ने मंत्री पर लगाने से महाराष्ट्र की राजनीति में फिर हड़कम्प मच गया है. आरोप की गंम्भीरता देखते हुए नाशिक पुलिस ने भी जाँच के आदेश जारी किए है. आज नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन में आरोप लगाने वाले आरटीओ अधिकारी का स्टेट्मेंट रिकॉर्ड किया गया है. उधर मंत्री अनिल परब ने ट्वीट कर कहाँ है की उन्हें बदनाम करने के लिए ये आरोप किए का रहे है इसमें कोई सचाई नहीं है.
नाशिक के पंचवटी पुलिस स्टेशन में निलंबित आरटीओ इंस्पेक्टर गजेंद्र पाटील ने परिवहन मंत्री अनिल परब ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अविनाश ढाकने समित 5 अधिकारियों के खिलाफ करोड़ रुपयों की वसूली के संबंध में शिकायत दर्ज कराई है. गजेंद्र पाटील ने पुलिस स्टेशन में जो शिकायत दर्ज कराई है ,उसके मुताबिक आरटीओ अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए करोड़ों रुपए की मोटी रकम परिवहन मंत्री अनिल परब के इशारे पर वसूल की जाती थी. शिकायत पत्र में गजेंद्र पाटील ट्रांसफर पोस्टिंग में 250 से 300 करोड रुपए वसूल करने का आरोप लगाया है.
पाटिल के मुताबिक ट्रांसफर पोस्टिंग का मास्टरमाइंड बजरंग खरमाटे जो कि डेप्युटी आरटीओ वर्धा है. जो मंत्री अनिल परब के इशारे पर और ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के साथ मिलकर इस रैकेट को चलाता है. परिवहन मंत्री अनिल परब को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बेहद करीबी माना जाता है.इतना ही नहीं तो उन्हें मौजूदा वक्त में शिवसेना का चाणक्य भी कहते हैं. ऐसे में सीधे अनिल परब पर लग रहे आरोपों के बाद पुलिस भी सीधे मामले में FIR दर्ज करने से बच रही है.
हालांकि पुलिस ने शिकायत मिलने के 13 दिनों के बाद इस मामले की प्राथमिक जांच के आदेश डीसीपी क्राइम नासिक को दिए है.हालांकि विपक्ष का कहना है लगाए गए आरोप गम्भीर है ऐसे में केवल जाँच से कुछ नहीं होगा पहले FIR दर्ज होनी चाहिए और मंत्री ने नैतिकता के आधार पर अपना इस्तीफ़ा देना चाहिए.
आरोप केवल वसूली के ही है ऐसा नही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ताक पर रखकर करोड़ों की वसूली की गई है सुप्रीम कोर्ट ने 31 मार्च 2020 के बाद BS4 कार की रजिस्ट्री पर रोक लगाई है. उसके बावजूद कई सारी लग्जरी कारों की रजिस्ट्री बैक डेट में अधिकारियों की मिलीभगत के साथ करने का भी गंभीर आरोप अपनी शिकायत में पाटिल ने किया है.
उधर मंत्री अनिल परब ने भी उनपर हो रहे आरोपो पर ट्वीटर के ज़रिए सफ़ाई दी है. ट्विटर पर अनिल परब ने लिखा, ''ट्रांसपोर्ट विभाग के निलंबित अधिकारी गजेंद्र पाटील ने मेरे समिट 5 अधिकारियों के ख़िलाफ़ जो शिकायत पंचवटी थाने में दर्ज की है वो झूटी और निराधार है''
नेता विपक्ष देवेंद्र फड़नवीस ने कहा है की मामला गम्भीर है हम नज़र बनाए हुए है. पुलिस सही जाँच कर रही है कि नहीं देखेंगे नहीं तो सही समय पर इसमें हम बोलेंगे.''
यह कोई पहला मौका नहीं है जब अनिल परब पर को कोई आरोप लगे हो इससे पहले मुंबई पुलिस के निलंबित एपीआई सचिन वाजे भी पैसों के लिए दबाव डालने की बात एक पत्र के ज़रिए कर चुके है. पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भी 100 करोड रुपए की वसूली के आरोप खुद मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमवीर सिंह लगा चुके हैं और अब आरोपों के कोई घेरे में है सीएम उद्धव ठाकरे के करीबी मंत्री अनिल परब आरोप लगाने वाले अधिकारी का कहना है कि जाँच किसी तीसरी एजेंसी से होनी चाहिए वे सभी सबूत जांच एजेंसी के सामने रखेंगे.