नई दिल्ली: ह्यूस्टन में मेगा इवेंट के साथ ही पीएम मोदी ने अमेरिका पहुंचते ही द्वपिक्षीय करारों का सिलसिला भी शुरू कर दिया है. पीएम मोदी ने अमेरिका में जाते ही LNG की एक बड़ी डील की. पीएम मोदी ने मोदी ने शनिवार को ह्यूस्टन में तेल सेक्टर के 16 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को लेकर वार्ता की. भारत की कंपनी पेट्रोनेट एलएनजी को अमेरिका के टेल्यूरियन इंक के बीच 5 मिलियन टन LNG सप्लाई करेगा. इसे अमेरिकी इतिहास में एलएनजी क्षेत्र में सबसे बड़ा समझौता माना जा रहा है.
इस करार से आपको क्या फादा होगा?
LNG से पांच तरफा फायदा होगा, पहला LNG की कीमतें तेल के मुकाबले सस्ती होंगी, मतलब पेट्रोल-डीजल या CNG पर खर्च होने वाला पैसा कम हो जाएगा. दूसरा फायदा आपकी रसोई को होगा. भारत का लक्ष्य 2020 तक 1 करोड़ घरों तक स्वच्छ ईंधन पहंचाना है, इसमें LNG की बड़ी भूमिका होगी.
तीसरा फायदा अर्थव्यवस्था को होगा. कच्चे तेल के मुकाबले LNG काफी सस्ता होता है. भारत की कोशिश अपनी इकॉनमी कच्चे तेल से हटाकर गैस पर करने की है. मतलब रुपए की मजबूती और कमजोरी को तय करने की निर्भरता कच्चे तेल से हटाकर गैस पर करने की योजना में मदद मिलेगी.
चौथे फायदे की बात करें तो LNG से सस्ती बिजली भी बनाई जा सकती है, मतलब बिजली की दरें भी कम हो सकती हैं. पांचवां फायदा पर्यावरण को होगा. भारत का लक्ष्य है कि 2030 तक कार्बन उत्सर्जन 33 से 35% कम करना है ताकि पर्यावरण सुरक्षित रहे. बता दें कि LNG दुनिया का सबसे स्वच्छ ईंधन हैं.
LNG की इस डील से अमेरिका का भी बड़ा फायदा है. इस डील में भारत 17 हजार 726 करोड़ रुपए का निवेश करेगा. भारत के इस निवेश से अमेरिका में लोगों को करीब 70 हजार नई नौकरियां मिलेंगी.
बता दें कि ह्यूस्टन अमेरिका की तेल और गैस राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है. भारत और अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए पिछले साल अमेरिका-इंडिया स्ट्रेटेजिक इनर्जी पार्टनरशिप पर हस्ताक्षर भी किए थे. अमेरिका ने 2017 में भारत को क्रूड ऑयल बेचना शुरू किया था. इसके बाद देश में अमेरिका से होने वाली तेल आपूर्ति में चार गुनी से ज्यादा की वृद्धि हुई है. अमेरिका से तेल आपूर्ति साल 2017-18 में सिर्फ 14 लाख टन थी. इसके बाद भारत ने नवंबर 2018 से मई 2019 तक अमेरिका से प्रतिदिन एक लाख 84 हजार बैरल तेल प्रतिदिन खरीदा है.