'फेफड़े और सांस की बीमारियों के मरीज रहें अलर्ट', भीषण सर्दी के बीच LNJP के डॉक्टर की सलाह
Cold Wave: डॉ. एस कुमार ने कहा, "भीषण ठंड और खराब वायु गुणवत्ता के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई बीपी और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है."
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LNJP Hospital on Cold Wave: उत्तर भारत इस वक्त कड़ाके की ठंड झेल रहा है. राजधानी दिल्ली में तो सर्दी ने कई रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. मौसम विभाग की मानें तो अभी सर्दी का सितम जारी रहेगा. सर्दी में हार्ट संबंधी मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है. इस बीच एलएनजेपी अस्पताल के एमडी डॉ. एस कुमार ने फेफड़े और सांस संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को सतर्क रहने की सलाह दी है.
डॉ. एस कुमार ने कहा, "भीषण ठंड और खराब वायु गुणवत्ता के कारण हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई बीपी और सांस की बीमारियों के मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. पहले एक दिन में 40-50 मरीज भर्ती होते थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 60-70 हो गई है." एलएनजेपी अस्पताल के एमडी ने लोगों को बेवजह घर से बाहर नहीं निकलने की सलाह दी है.
'सर्दी में बेवजह बाहर न घूमें'
उन्होंने कहा, "अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकलने, मास्क का प्रयोग करने, पूरे कपड़े पहनने और ठंड के संपर्क में न आने की सलाह दी जा रही है. फेफड़े और सांस की बीमारियों के मरीजों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए." डॉ. एस कुमार ने कोरोना को लेकर भी सलाह जारी की है. उन्होंने कहा, "हमारे पास अब कोई कोविड मरीज नहीं है. जिन्होंने कोविड बूस्टर डोज नहीं ली है वे अवश्य लें."
स्ट्रोक के मरीज 9 फीसदी बढ़े
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, शीतलहर के दौरान खासकर सुबह के वक्त दिल्ली के निजी और सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में दिल के दौरे, ब्रेन स्ट्रोक और हाई बीपी के ज्यादा रोगी देखे गए हैं. पिछले 12 दिनों में, कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के दौरान सुबह के वक्त अस्पताल में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज और हाई बीपी के मरीजों के भर्ती होने की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के निजी अस्पतालों में भी स्ट्रोक के रोगियों की संख्या में 9 फीसदी की वृद्धि देखी गई है.
सर्दी में डॉक्टरों की सलाह
डॉक्टरों के मुताबिक, कड़ाके की सर्दी में लोगों को अपने स्वास्थ्य का ज्यादा खयाल रखने की जरूरत है. खास तौर पर मधुमेह और रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोगों को अपनी सेहत की नियमित जांच करानी चाहिए. वहीं, शीतलहर के दौरान सुबह के वक्त टहलने से बचना चाहिए और गर्म कपड़े पहनने चाहिए.
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