नई दिल्ली: लोन मोरेटोरियम के चलते टाली गयी EMI को लेकर हुए फैसले को अब तक लागू न किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने असंतोष जताया है. सरकार ने कोर्ट को 2 करोड़ रुपए तक के लोन पर चक्रवृद्धि ब्याज माफ करने की बात कही थी. लेकिन अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है.


केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने 15 नवंबर तक प्रक्रिया पूरी करने की बात कही. बैंकों के संगठन IBA के लिए पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने इसे एक समय लेने वाली प्रक्रिया बताया. बेंच के अध्यक्ष जस्टिस अशोक भूषण ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा- “सरकार ने एक फैसला लिया. उसे लागू करने में इतनी देर समझ से परे है. कोर्ट में जवाब दाखिल कर फैसला बताया गया. लेकिन उसे लागू करने का सर्क्युलर जारी नहीं हुआ.“


बेंच के सदस्य जस्टिस एम आर शाह ने कहा- “यह अच्छी बात है कि सरकार ने आम कर्जदारों की तकलीफ को समझा. लेकिन फैसला जल्द से जल्द लागू होना चाहिए. इस साल आम आदमी की दीवाली आपके हाथ में है.“ कोर्ट ने मामले की सुनवाई 2 नवंबर के लिए टालते हुए उम्मीद जताई कि तब तक ज़रूरी कदम उठा लिए जाएंगे.


आज की सुनवाई में अलग-अलग सेक्टर को राहत पर भी चर्चा होनी थी. लेकिन समय की कमी के चलते ऐसा नहीं हो पाया. रिज़र्व बैंक ने कहा है कि बड़े लोन की रीस्ट्रक्चरिंग पर उसने बैंकों को निर्देश दिए हैं. अब यह मसला बैंक और कर्जदारों पर छोड़ देना चाहिए.