कश्मीर: जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर से NIA और आयकर विभाग की छापेमारी हो रही है. यह छापे एलओसी कारोबार से जुड़े कारोबारियों और अन्य लोगों के घर और दफ्तरों पर हुए हैं. श्रीनगर और कुपवाड़ा में आज हुई छापेमारी के पीछे के कारण के बारे में साफ़ कुछ भी नहीं बोला जा रहा, लेकिन सूत्रों के अनुसार टेरर फंडिंग और क्रॉस LoC कारोबार से इसके तार जुड़े हैं.
बुधवार सुबह श्रीनगर और कुपवाड़ा में कई जगहों पर एक साथ हुई इस छापेमारी में एनआईए और इनकम टैक्स विभाग के अधिकारियों के साथ जम्मू कश्मीर पुलिस और केंद्रीय बल के जवान और अफसर भी मोजूद थे. छापेमारी के लिए सुबह का समय इसलिए चुना गया ताकि किसी भी तरह के विरोध की संभावना को ख़त्म किया जाए. सुबह पांच बजे शुरू हुई रेड 9 बजे तक ख़त्म हो चुकी थी.
सूत्रों के अनुसार सबसे पहले श्रीनगर के मंदरबाग़ और दांदरखाह इलाके में LoC कारोबार से जुड़े कई लोगों के दुकानों, दफ्तरों और घरों में एक साथ छापेमारी हुई और बड़ी मात्रा में कागजात और अन्य सामान सबूत के तौर पर जुटाए गए.
इसके साथ-साथ उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के कंडी इलाके में भी कई ठिकानों पर छापेमारी हुई और वहां से भी क्रॉस LoC कारोबार से जुड़े लोगों के घरों और दफ्तरों से सबूत जुटाए गए. श्रीनगर में हुई छापेमारी में जिन कारोबारियों के ठिकानो को खंगाला गया, उनमें गुलाम अहमद डार, इशफाक अहमद डार, मोहम्मद अयूब मट्टा और मुश्ताक अहमद खान शामिल हैं.
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में कंडी में गुलाम रसूल मागरे के घर और दुकान पर हुई छापेमारी में अधिकारियों ने कई ऐसे दस्तावेज़ ज़ब्त किए, जिनसे टेरर फंडिंग और अन्य गैर कानूनी गतिविधियों के बारे में जानकारी हासिल हुई है. लेकिन मागरे के परिवार का कहना है कि ना तो उसका और ना ही परिवार का क्रॉस LoC कारोबार से कोई ताल्लुक है. परिवार का कहना है कि दो साल पहले ही उन्होंने यह काम छोड़ दिया था और अब मागरे अपनी किराने की दुकान चला रहा है.
गौर करने वाली बात यह है कि NIA और आयकर विभाग पिछले दो सालों से ही LoC कारोबार से जुड़े लोगों के टेरर फंडिंग मामले में जांच करते आए हैं. इससे पहले पिछले साल इस क्रॉस-लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर वानी के दक्षिण कश्मीर के पुलवामा स्थित घर और कारोबार पर छापेमारी की थी. जिसके बाद दक्षिण कश्मीर में ही कई और जगहों पर छापे और गिरफ्तारियां भी की गयी थीं.
पुलवामा हमले के बाद केंद्रीय जांच एजेंसियों ने क्रॉस-LoC ट्रेड के ज़रिये बड़े पैमाने पर गैरकानूनी पैसों के कारोबार की चेतवानी जारी की थी और कारोबार पर कड़े सवाल उठाए थे, जिसके बाद केंद्र सरकार ने पहले कारोबार को नियंत्रित करने और फिर पूरी तरह बंद करने का फैसला लिया. पिछले साल धारा 370 हटाये जाने के बाद से यह कारोबार पूरी तरह बंद है.
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