Rajasthan Diwali Lottery Scheme: दिवाली पर कोटा के कुम्हारों से खरीदें मिट्टी के सामान और जीतें फ्रिज, कूलर, घड़ियां
कोटा प्रशासन ने जिले की 18 ग्राम पंचायतों में कुम्हारों के सामानों को बढ़ावा देने के लिए लॉटरी स्कीम शुरू करने का फैसला लिया है. 20 से अधिक प्रोडक्ट खरीदने वाले को लकी ड्रॉ कूपन दिया जाएगा.
Rajasthan Diwali Lottery Scheme: राजस्थान के कोटा के कांवास अनुमंडल प्रशासन ने 18 ग्राम पंचायतों के लिए खास योजना तैयार की है. इस दिवाली लोकल कुम्हारों के बनाए गए मिट्टी के सामानों और दीयों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए लॉटरी स्कीम निकाली गई है. प्रशासन को उम्मीद है कि इससे न केवल विदेशी प्रोडक्ट को छोड़कर पर्यावरण के अनुसार दिवाली त्योहार को प्रोत्साहित किया जा सकेगा, बल्कि लोकल कारीगरों के बनाए गए सामानों की बिक्री में भी सुधार होगा.
इस पहल के तहत, प्रशासन ने एक लॉटरी स्कीम शुरू करने का फैसला लिया है. इसमें एक फ्रिज, दो कूलर, घड़ियां और 50,000 रुपये तक के दूसरे उपहार शामिल किए गए हैं. 20 से अधिक मिट्टी के दीये या दूसरे प्रोडक्ट खरीदने वाले कस्टमरों को एक लॉटरी कूपन दिया जाएगा, जिसका लकी ड्रॉ दिवाली के बाद होगा.
कारीगरों के बीच कूपन बटेंगी
कांवास अनुमंडल में 18 ग्राम पंचायतें लोकल कारीगरों के बीच करीब 10,000 कूपन बांटे. उन्हें गांव में अपना माल बेचने के लिए जगह भी मिलेगी. लॉटरी को लेकर ग्राम पंचायत क्षेत्रों में भी घोषणाएं भी की जाएंगी. कंवास SDM राजेश डागा ने बताया कि विदेशी प्रोडक्ट से कम्पटीशन के बीच पारंपरिक बिजनेस विलुप्त होने के कगार पर थे. इसकी वजह से लोकल कारीगर मुश्किल से ही अपना गुजर-बसर कर पाते थे.
लोकल लोगों ने सहायता की
SDM राजेश डागा ने बताया कि लॉटरी सिस्टम के इस नये तरीके के लिए लोकल जनप्रतिनिधियों और व्यापारियों से आर्थिक सहायता दी गई है. उन्होंने कहा कि अनुमंडल की हर एक ग्राम पंचायत ने भी दो-दो हजार रुपये देने पर सहमति जताई है. डागा ने कहा कि उपमंडल क्षेत्र के बाहर के कारीगरों को भी लॉटरी योजना में शामिल किया जाएगा और कस्टमरों के लिए कूपन दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने शुक्रवार को कारीगरों के बीच कूपन बांटने का काम शुरू किया था.
कोटा के कलेक्टर ने भी किया समर्थन
कोटा के कलेक्टर ओ पी बुनकर ने भी इस स्कीम का समर्थन किया है. उन्होंने बुधवार को जिला अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का आदेश जारी किया कि मिट्टी के प्रोडक्ट बेचने वाले कारीगरों को बाजारों में दिक्कतों का सामना न करना पड़े. उन्होंने लोकल निकाय के अधिकारियों को इन कारीगरों से कोई टैक्स नहीं वसूलने का ऑर्डर भी दिया.
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