Local Circles Survey: देश जैसे-जैसे अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, जश्न मनाने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन अभी भी बहुत कुछ करना बाकी बचा हुआ है. पिछले करीब डेढ़ साल कोविड-19 लॉकडाउन और अनलॉक, किसानों के आंदोलन, वैक्सीनेशन मुहिम, राज्यों के चुनाव और खतरनाक कोरोना की दूसरी लहर में गुजरे. अप्रैल और मई के महीने में कोरोना महामारी के सामने सारे हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर बौने साबित हुए. कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऑक्सीजन, वेंटिलेटर और आईसीयू बेड्स की कमी ने लोगों के गुस्से को और बढ़ाकर रख दिया.


दूसरी लहर ने तोड़ी अर्थव्यवस्था की कमर


कोरोना मरीजों की बढ़ी संख्या के चलते देश के हर जिले में लोग इलाज के लिए लाइन में दिखे और कुछ नाम कोरोना से हुई मौतों की सूची में तर्ज तक नहीं हो पाए. इस साल जनवरी में S&P ग्लोबल रेटिंग एजेंसी ने भारत की जीडीपी 11 फीसदी बढ़ने का अनुमान लगाया था. लेकिन उसने कोरोना की दूसरी लहर के बीच जीडीपी अनुमान मई के आखिर में घटाते हुए 9.8 फीसदी बताया.


सेंटर फॉर मॉनिरिंग इंडियन इकोनॉमी के अनुसार, देश में बेरोजगारी की दर अप्रैल में 4 महीने में सर्वोच्च 8 फीसदी पर पहुंच गया थी. दूसरी लहर के दौरान इस साल लॉकडाउन की वजह से छोटे कारोबारी भी काफी प्रभावित हुए हैं और कईयों को अपना व्यवसाय तक ठप करना पड़ा. एक तरफ जहां लोगों की आमदनी घट गई तो वहीं दूसरी तरफ बढ़ती ईंधन कीमतों और आवश्यक चीजें जैसे- सब्जी और खाने के तेल के बढ़े दाम ने मध्यम और निचले तबके के लोगों को परेशानियां और बढ़ाकर रख दी.


लोकल सर्कल्स का 75 हजार लोगों से सर्वे


ऐसा वक्त पर जब 2017 से ही भारत के लोगों से यह पूछता आया है कि जब भारत 2022 में आजादी के 75 साल पूरे करेगो तो उनका क्या अपेक्षाएं हैं. अब जबकि भारत 15 अगस्त 2022 को पूरा होने वाले 75वें स्वतंत्रता दिवस के साल में प्रवेश कर रहा है तो लोकल सर्कल्स ने लोगों के बीच एक बार फिर से जाकर यह जानने का प्रयास किया है कि वे अगले एक साल में यानी स्वतंत्रता दिवस के 75 साल पूरा होने पर देश को क्या उपलब्धि हासिल करते हुए देखना चेहते हैं.


लोगों से भ्रष्टाचार से लेकर सामाजिक स्थिरता और इकोनॉमिक रिकवरी से लेकर कोरोना के प्रभाव तक के बारे में पूछा गया. इस साल यह सर्वे देश के 280 जिलों के 75 हजार लोगों से किया गया. इसमें 68 फीसदी जवाब देने वाले पुरूष और 32 फीसदी महिलाएं थीं.


58 फीसदी ने कहा- अगले एक साल में बढ़ेगा भारत का वर्चस्व


हाल के टोक्यो ओलंपिक में देश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का गौरव बढ़ाया. भारत का पिछले कुछ वर्षों से अन्य देशों के साथ अधिकतर अच्छे संबंध रहे हैं. कई देशों को वैक्सीन डिप्लोमेसी के तहत भारत ने वैक्सीन भेजी थी. हालांकि, कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान की तस्वीरों, श्मशान में भीड़, अस्पताल और मौतों के साथ ऑक्सीजन के कमी का वीडियो खूब वायरल हुआ. कई देशें ने अभी भी भारत से विमान सेवाओं को निलंबित कर रखा है.


जब लोगों से यह पूछा गया कि अगले एक साल में वे भारत को कहां पर देखते हैं तो 58 फीसदी लोगों ने कहा कि यह स्थिति बेहतर होगी. 19 फीसदी ने कहा कि स्थिति खराब होगी. जबकि 20 फीसदी ने कहा कि वैसी ही रहेगी जैसी अभी है.


20 फीसदी भारतीय मानते है अगले एक साल में बढ़ेगी देश की तरक्की


भारत के लिए सबसे बड़ी चुनौती है देश की तरक्की को बनाए रखना. जब लोगों से सभी के विकास और समृद्धि के लिए भारत की क्षमता के बारे में आकलन को लेकर सवाल किया गया तो 20 फीसदी लोगों ने कहा कि अगले एक साल में सभी का विकास और तरक्की होगी.  37% ने कहा कि उनका मानना ​​है कि अगला एक साल "अधिकांश के लिए विकास और समृद्धि" होगा, जबकि 40% ने कहा कि "कुछ के लिए विकास और समृद्धि" होगा.