नई दिल्लीः तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली-हरियाणा के सिंघु बॉर्डर पर जारी किसानों के प्रदर्शन को ढाई महीने होने को आ गए हैं. गणतंत्र दिवस को हुए घटनाक्रम के बाद सिंधु बॉर्डर के चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती है, कंटीले तार और बैरिकेड लगे हैं. यहां तक कि कई जगह पर जेसीबी से बड़े- बड़े गड्ढे भी ट्रैक्टरों, गाड़ियों इत्यादि को रोकने के लिए बना दिए गए हैं.


पुलिस की ओर से इन इंतजामों के बाद सिंघु गांव का संपर्क मानों बाहरी दुनिया से टूट गया है. जहां पहले 10 किलोमीटर का सफर करने में केवल 15 मिनट का समय लगता था, वहीं ये रास्ता लोगों को पैदल चल कर पांच गुना समय (लगभग डेढ़ घंटे) में तय करना पड़ रहा है. गांव के कुछ युवाओं से एबीपी न्यूज ने बातचीत की जो कपड़े- जूते खरीदने करीब 10 किलोमीटर चल कर गए, क्योंकि अब कोई डिलीवरी करने उनके घर तक नहीं आ सकता है.


डेढ़ घंटे तक का लग रहा समय
सिंघु गांव के रहने वाले विकास यादव ने बताया कि गणतंत्र दिवस के बाद से बहुत मुश्किल हो गया है. एक दिन में करीब 7 किलोमीटर पैदल चलकर आए हैं. मनोज सिंह ने कहा कि पहले सिर्फ 15 मिनट लगते थे और अब डेढ़ घंटा लगता है. कपड़े ,जूते नरेला से लाए हैं क्योंकि घर पर कोई डिलीवरी करने वाला नहीं आ रहा है. इसलिए पैदल ही जाना पड़ता है.


एंबुलेंस के अंदर आने में भी हो दिक्कत
वहीं अभिजीत ने कहा कि कोई ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था नहीं है. पुलिस की व्यवस्था और किसान आंदोलन दोनों की वजह से ये परेशानी हो रही है. जेसीबी से बड़े बड़े गड्ढे बना दिए गए हैं, कंटीले तार लग गए हैं. 26 जनवरी के बाद पुलिस ने जबरदस्त बैरिकेडिंग कर दी है. एंबुलेंस को अंदर आने में भी बहुत परेशानी होती है.


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