नई दिल्ली: देश भर में आज से लॉकडाउन 3 शुरू हो गया है. लॉकडाउन तीन में पहले की तुलना में कुछ राहत और रियायतें भी दी जा रही हैं. इनमें से एक बड़ा फैसला यह भी है कि शराब और गुटखा पान की दुकानें भी खुलेंगी. जैसे ही लॉकडाउन 3 की शुरुआत हुई सबसे पहले अगर किसी दुकान पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली तो वह थी शराब की दुकानें. नोएडा की बात की जाए तो जैसे जैसे अलग अलग इलाकों में शराब की दुकानें खुलती गईं खरीदारों की कतार भी बढ़ती गई.
शराब की दुकान खुलने से पहले ही लग गईं लंबी कतारें
जिस दिन से सरकार ने लॉकडाउन 3 में शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी थी मानो उसी के बाद से ही शराब के जो ग्राहक हैं वह आज के दिन का इंतजार कर रहे थे. वैसे तो शराब की दुकान खुलने का वक्त सुबह 10 बजे से था लेकिन लोग उससे काफी पहले से ही कतारों में खड़े हो गए थे. जैसे ही शराब की दुकान खुली तो कुछ इलाकों में ताली बजा कर भी स्वागत किया गया.
जैसे जैसे दिन आगे बढ़ता गया शराब की दुकानों पर लगी भीड़ कम होने की बजाय और बढ़ती गयी. आलम यह था कि आम दिनों में अगर कोई शख्स एक बोतल लेता था तो आज झोला भर कर शराब की बोतल खरीद कर ले गया. शराब खरीदने आए लोगों का कहना था कि पिछले 40 दिनों से शराब नहीं मिल रही थी और इसी वजह से आज सुबह से ही घरों से निकल गए थे क्योंकि पता था कि आज से शराब की दुकानें खुल जाएंगी.
सोशल डिस्टेंसिंग के निशान जरूर लेकिन कई जगह हुआ उल्लंघन
शराब की दुकानों के आसपास सोशल डिस्टेंसिंग के लिए निशान भी लगाए गए थे हालांकि हर शराब की दुकान पर वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन होता नहीं दिखा. लोग लाइन लगाकर खड़े जरूर थे लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन उस तरह से नहीं हो रहा था जैसा होना चाहिए था. हालांकि पुलिस भी जगह-जगह पर पहुंचकर लोगों को साफ निर्देश दे रही थी कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया तो शराब की दुकान को बंद करवा दिया जाएगा.
शराब की दुकान खोलने की छूट सभी जोन में
लॉकडाउन 3 में वैसे को सबसे ज्यादा रियायतें ग्रीन जोन में रहने वाले लोगों को दी गई हैं. लेकिन शराब और पान गुटखा की दुकानों को खोलने का आदेश सभी जोन में दे दिया गया है और इसी वजह से फिलहाल जो सबसे बड़ी कतारें देखने को मिल रही है वह शराब की दुकानों पर ही देखने को मिल रही है.
सरकारों के फैसले पर उठ रहे हैं सवाल भी
शराब और पान गुटखा की दुकानों के खोलने के केंद्र और राज्य सरकार के फैसलों पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं क्योंकि लोगों का कहना है की सरकारों ने राजस्व के चलते शराब और पान गुटखा की दुकानों को खोलने का फैसला तो जरूर कर दिया है लेकिन इससे कोरोना वायरस के खिलाफ़ जिस लड़ाई की बात कहकर लॉकडाउन की घोषणा की गई थी उस लड़ाई में कहीं यह फैसला हानिकारक ना साबित हो जाए.
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