नई दिल्ली: पूरे देश में लॉकडाउन थ्री चल रहा है. इस बीच थोड़ी सी ही सही सरकार ने रियायत भी दी है. हालांकि लॉकडाउन के बढ़ने के बाद से पलायन का सिलसिला एक बार फिर शुरू हो गया था, जिसको देखते हुए अलग-अलग राज्यों से दिल्ली में फसे मज़दूरों के लिए स्पेशल श्रमिक ट्रेन चलाई गई.
आज शुक्रवार को दिल्ली से बिहार के लिए पहली ट्रेन 1200 मजदूरों के साथ रवाना हुई है. ये मजदूर दिल्ली के अलग-अलग रैन बसेरों में रह रहे थे. इससे पहले दिल्ली से मध्य प्रदेश के लिए भी एक ट्रेन रवाना हुई थी. दिल्ली में प्रवासी मजदूरों को उनके राज्य पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ट्रेन तक ले जाने से पहले इन मजदूरों की मेडिकल स्क्रीनिंग कराई जाती है. साथ ही अन्य औपचारिकताएं भी पूरी की जाती हैं.
ट्रेन में ले जाने से पहले मजदूरों की मेडिकल जांच होती है. दिल्ली से आज बिहार जाने वाले मज़दूरों की भी पहले दिल्ली सरकार ने जांच करवाई और फिर उन्हें स्पेशल बसों के जरिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचाया गया.
पूर्वी दिल्ली के यमुना स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स को मजदूरों के रैन बसेरों में तब्दील किया गया था. जहां पर समाजिक दुरी बना कर कई राज्यों के मज़दूर रुके थे. इन्हे अब दिल्ली सरकार उनके राज्य पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू कर चुकी है. ये मज़दूर रोज़ कमा कर खाने वाले थे. लॉकडाउन में सबसे ज़यादा प्रभाव उनपर ही पड़ा है, कोइ रिक्सा चलता था तो किसी की नाई की दुकान थी.मज़दूरों का कहना था कि अब वो घर जा पा रहें हैं तो थोड़ी राहत मिली है क्यूंकि यहां तो रहने और खाने का खर्चा भी वो नहीं उठा सकते थे.
बता दें कि देश में लॉकडाउन 17 मई तक बढ़ने के साथ ही दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को वापस भेजने की प्रक्रिया पिछले दिनों से जारी है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने भी इस ओर काम करना शुरू किया है जिसके लिए उसने 10 नोडल ऑफिसरों को तैनात किया है.