सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक 20 अप्रैल से क्या खुलेगा और क्या नहीं, जानें सब कुछ
अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 20 अप्रैल से कई क्षेत्रों में लॉकडाउन पाबंदी में ढील दी जाएगी. हालांकी तीन मई तक देश में ट्रांसपोटेशन पूरी तरह बंद रहेगा.
नई दिल्ली: देश की अर्थव्यवस्था को फिर से गति देने के लिए लॉकडाउन में ढील दी जाएगी. इनमें कृषि, निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी, एसईजेड और ग्रामीण इलाकों में औद्योगिक इकाइयों समेत कुछ अन्य क्षेत्र शामिल हैं. इन्हें 20 अप्रैल से काम शुरू करने की अनुमति होगी.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के दूसरे चरण के लिए बुधवार को जारी दिशा-निर्देश के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए 20 अप्रैल से काम शुरू करने की अनुमति होगी. हालांकि, तीन मई तक सभी प्रकार के सार्वजनिक परिवहन और सार्वजनिक स्थान बंद रहेंगे.
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों को भेजे पत्र में संशोधित दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू करने के लिए कहा है. भल्ला ने अपने आदेश में कहा, "अगर बंद संबंधित किसी भी नियम का उल्लंघन किया गया तो संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत जिन गतिविधियों को अनुमति दी गई है उन्हें तत्काल वापस ले लिया जाएगा. सरकारी और निजी क्षेत्रों में सभी संस्थाएं और जनता दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें."
12 हजार के पार हुए कोरोना संक्रमितों के आंकड़े
लगातार दूसरे दिन बुधवार को देश में संक्रमण के 1,000 से ज्यादा मामले सामने आए. देश में 40 दिनों के लॉकडाउन की अवधि तीन मई को खत्म होगी. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 12,000 के पार पहुंच गई और मृतकों की संख्या 400 के करीब पहुंच चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर तीन मई तक करने की घोषणा मंगलवार को की थी.
20 अप्रैल से चिन्हित इलाकों में मिलेगी ढील
प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए सबसे पहले 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को एलान किया कि देश के चयनित इलाकों में 20 अप्रैल से चुनिंदा आवश्यक गतिविधियों को अनुमति दी जाएगी. देशभर में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना/चेहरा ढकना अनिवार्य कर दिया गया है और सभी कामकाजी स्थानों पर शरीर के तापमान की जांच के लिए पर्याप्त बंदोबस्त होंगे और सैनेटाइजर्स मुहैया कराए जाएंगे. गृह मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर थूकना एक दंडनीय अपराध बनाया गया है और शराब, गुटखा, तंबाकू आदि की बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लागू किए गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मंगलवार शाम से 39 मौतों के साथ मृतकों की संख्या 392 हो गई है. संक्रमित लोगों की संख्या बुधवार को बढ़कर 11,933 हो गई. उपचार के बाद 1343 लोग ठीक हो चुके हैं. मंगलवार को संक्रमण के सबसे ज्यादा 1463 मामले सामने आए थे. अलग-अलग राज्यों से मिली खबरों के मुताबिक संक्रमित लोगों की संख्या 12,220 है और 1,373 लोग ठीक हो चुके हैं.
इन क्षेत्रों को मिलेगी अनुमति
गृह मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार, स्वरोजगार से जुड़े कामगारों जैसे इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर, मोटर मैकेनिक, बढ़ई द्वारा दी जाने वाली सेवाओं को 20 अप्रैल से अनुमति दी जाएगी. लोगों की अंतरराज्यीय, अंतरजिला आवाजाही, मेट्रो, बस सेवाओं पर तीन मई तक रोक जारी रहेगी, जबकि ग्रामीण इलाकों में चल रहे उद्योगों को सामाजिक दूरी के सख्त नियमों के साथ 20 अप्रैल से काम करने की अनुमति दी जाएगी.
सीमित पहुंच वाले एसईजेड में स्थित विनिर्माण, औद्योगिक इकाइयों, निर्यात आधारित इकाइयों, औद्योगिक एस्टेट और औद्योगिक शहरों को 20 अप्रैल से काम करने की अनुमति होगी. दिशानिर्देश में कहा गया है कि इस अवधि के दौरान शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग केंद्र, घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय हवाई यातायात, ट्रेन सेवाएं भी स्थगित रहेंगी.
तीन मई तक ये क्षेत्र रहेंगे बंद
सिनेमाघर, मॉल्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, जिम, खेल परिसर, स्विमिंग पूल, बार जैसे सार्वजनिक स्थान भी तीन मई तक बंद रहेंगे. नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, सभी सामाजिक, राजनीतिक, खेल, धार्मिक समारोह, धार्मिक स्थल, प्रार्थना स्थल तीन मई तक जनता के लिए बंद रहेंगे.
20 अप्रैल से इन्हें भी दी जाएगी काम की अनुमति
इसके अनुसार, राजमार्गों पर चलने वाले ढाबे, ट्रक मरम्मत की दुकानें, सरकारी गतिविधियों के लिए कॉल सेंटर 20 अप्रैल से खुलेंगे. कृषि औजार की दुकानें, इसके अतिरिक्त पुर्जे, इसकी आपूर्ति श्रृंखला, मरम्मत, कृषि औजार से संबंधित 'कस्टम हायरिंग सेंटर्स' 20 अप्रैल से खुले रहेंगे.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की अधिकता वाले 170 हॉटस्पॉट जिलों की पहचान की है. इसके अलावा संक्रमण के प्रभाव वाले 207 ऐसे जिले भी चिन्हित किए गए हैं, जो हॉटस्पॉट तो नहीं हैं लेकिन संक्रमण की वृद्धि दर को देखते हुए ये जिले संभावित हॉटस्पॉट की श्रेणी में रखे जा सकते हैं.
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सचिव प्रीति सुदन ने कहा कि जिन जिलों में हॉटस्पॉट हैं, उनमें बीमारी नियंत्रण योजना लागू करने की जरूरत हैं. साथ में राज्य पुष्ट मामलों की संख्या दोगुनी होने के आधार पर हॉटस्पॉट की पहचान करें. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में अबतक बीमारी का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है.
'लॉकडाउन का सख्ती हो पालन'
मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने संवाददाता सम्मेलन में कोरोना वायरस संकट से निपटने के लिए लॉकडाउन की अवधि बढ़ाए जाने के बाद सरकार की आगामी रणनीति का खुलासा करते हुए जानकारी दी. उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल तक देश के सभी जिलों में कोरोना संक्रमण को रोकने के उपायों का सख्ती से पालन और आकलन सुनिश्चित किया जाएगा.
अग्रवाल ने देश में सामुदायिक संक्रमण की स्थिति से इंकार करते हुए कहा कि कुछ इलाकों में स्थानीय स्तर पर संक्रमित मरीजों की संख्या 15 से अधिक पाई गई गई है. इन इलाकों को क्वारंटीन 'क्लस्टर' की श्रेणी में रखते हुए स्थानीय प्रशासन से क्लस्टर आधारित संक्रमण मुक्त सघन अभियान चलाने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि क्लस्टर के अलावा जिले के सर्वाधिक संक्रमण प्रभावित इलाकों में मरीजों की शीघ्र पहचान करने के लिये घर-घर जाकर सर्वेक्षण करने को कहा गया है. इसके तहत जिले के स्वास्थ्य और राजस्व विभाग के अधिकारी घर घर जाकर खांसी, बुखार और सांस की तकलीफ वाले मरीजों की पहचान कर यह सुनिश्चित करेंगे कि इनमें कोरोना वायरस का संक्रमण तो नहीं हैं.
14 अप्रैल तक 2,44,893 सैंपल्स की हुई जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) से मिले आंकड़ों के मुताबिक 14 अप्रैल तक 2,44,893 सैंपल्स की जांच हुई. इससे एक दिन पहले तक 2,17,554 सैंपल की जांच हुई थी. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों के साथ बैठकें की.
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