अफवाह फैलाकर मज़दूरों को भड़काने वालों को बिहार के मंत्री ने बताया देशद्रोही, साथ ही तेजस्वी को भी दी ये नसीहत
संजय झा ने कहा कि भारत सरकार को ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा कर उन्हें बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का जो प्रोटोकॉल बना हुआ है, उसका सबको पालन करना चाहिए.
पटना: बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने महाराष्ट्र में मज़दूरों को सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाकर भड़काने वालों को देशद्रोही करार दिया है. उनका कहना है कि महाराष्ट्र में जो कुछ भी हुआ, वो देशद्रोह का काम है, जिन लोगों ने मजदूरों को भड़काया, सोशल मीडिया में अफवाह फैलाई कि ट्रेन आपके लिए तैयार है. इतनी बड़ी संख्या में लोगों को एक जगह इकट्ठा कर देना, ऐसा कर के आपने सारे लोगों की जान जोखिम में डाल दी. आप तो आतंकवादी वाला काम कर रहे हैं. भारत सरकार को ऐसे लोगों पर देशद्रोह का मुकदमा कर उन्हें बंद करना चाहिए. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का जो प्रोटोकॉल बना हुआ है, उसका सबको पालन करना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान पर संजय झा ने कहा, "तेजस्वी बिहार में है कहां? जब भी बिहार में समस्या आई है, ये उसे छोड़कर भाग जाते हैं. चाहे वो बाढ़ का मामला हो, इंसेफलाइटिस का मामला या अभी कोरोना का. जब वो बिहार में है नहीं तो उनको क्या पता है कि बिहार में क्या हो रहा है और क्या नहीं. इस तरह की बात बोलकर आप बिहार के लाखों लोगों के जान से खेल रहे हैं."
संजय झा ने कहा, "आपको पता होना चाहिए जो लोग ट्रेन से सफर करेंगे, उनके संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है. वो जो आते हैं, तो उनके साथ-साथ उनका परिवार, उनके गांव पर भी खतरा हो सकता है. तो क्या तेजस्वी यहीं चाहते हैं कि उन सभी के साथ उनके परिवार और गांव को भी खतरा में डाल दें. इस तरह की बात कोई समझदार आदमी नहीं करेगा. आज की परिस्थिति में बिहार सरकार ही पहली ऐसी सरकार है, जिसने 6 लाख मजदूरों के खाते में एक हजार रुपये ट्रांसफर किए हैं."
संजय झा ने आगे बताया, "जिस दिन ये शुरू हुआ हमे लगा कि ये 2 लाख से ज्यादा नहीं होगा पर ये 6 लाख से भी ज्यादा हो गया. 11 लाख से भी ज्यादा लोगों ने अप्लाई किया है. 48 जगहों पर बिहार सरकार का बिहार से बाहर कैम्प चल रहा है, लेकिन मैं ये नहीं कह रहा कि इससे निदान हो गया पर बिहार सरकार और उनके अधिकारी लगातार अन्य राज्यों के संपर्क में हैं. समस्या के निदान को लेकर लगातार चर्चा हो रही है. इसका असर बिहार में दिख रहा है यहां आंकड़े कम दिख रहे हैं और इसकी वजह यही है कि बिहार में सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर लॉकडाउन का अच्छे से पालन हुआ और जो लोग आए उन्हें भी क्वॉरंटीन में रखा."
बाढ़ से जुड़े काम 15 मई तक पूरा करेंगे संजय झा ने कहा, "बाढ़ को लेकर हम लोगों को दिक्कत है. निश्चित रूप से 20 से 25 दिन जो काम का समय था, वो लॉकडाउन की वजह से नहीं हुआ है. अब मुख्यमंत्री का आदेश हो गया है और बाढ़ को एसेंशियल मानते हुए अब हमारी कोशिश है कि तीन शिफ्ट में काम करा कर पूरा करे. इसे 15 मई तक पूरा होना था. पर लेट काफी हुआ है और एक बार बाढ़ आ जाती है, तो उसकी कोई समय सीमा नहीं है कि कब आएगा तो हमारी कोशिश है कि दिन रात काम करा कर उसे 15 मई तक पूरा किया जाए."
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