Lockdown: रेड ज़ोन वाले नोएडा को मिली थोड़ी रियायतें, जिंदगी को धीरे धीरे पटरी पर लाने की कोशिश
कोरोना वायरस से फैली महामारी के बीच जिंदगी धीरे-धीरे आगे बढ़ने की कोशिश में हैं. लंबे समय से बंद चल रही इंडस्ट्रीज और दफ्तरों को खोले जाने के आदेश दे दिए गए हैं. सरकार की तरफ से कुछ गाउडलाइन्स भी जारी की गईं हैं जिसका लोगों का पालन करना होगा.
नई दिल्ली: लॉकडाउन के तीसरे चरण के दौरान अब दिल्ली से सटे नोएडा में भी कुछ रियायतें दी गई हैं. हालांकि वैसे तो नोएडा रेड जोन में आता है लेकिन केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अब नोएडा प्रशासन ने रियायतें पहले की तुलना में बढ़ा दी हैं. नोएडा के लोगों को क्या रियायतें मिली हैं आइए जानते हैं.....
इंडस्ट्रियल एक्टिविटी को मिली अनुमति
नोएडा प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए साफ कहा है कि अब नोएडा में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी शुरू हो सकती है. यानी कि जो इंडस्ट्रीज पिछले से 43 दिनों से लॉकडाउन के चलते बंद थी अब वह शुरू हो सकती हैं. इन इंडस्ट्रीज को ऑनलाइन फॉर्म जमा करना होगा और प्रशासन उस पर अपनी अनुमति देगा जिसके बाद कामकाज शुरू हो सकता है. नोएडा प्रशासन ने साफ किया है कि इन इंडस्ट्रीज में काम करने वाले लोगों को अलग से पास बनवाने की जरूरत नहीं होगी वह कंपनी द्वारा दिए गए आई कार्ड के आधार पर ही काम करने जा सकते हैं.
निजी दफ्तर एक तिहाई कर्मचारियों के साथ कर सकेंगे काम, कर्मचारियों को पास की ज़रूरत नहीं
इसी तरह से निजी दफ्तर भी अब केंद्र सरकार के आदेश के मुताबिक खुल सकते हैं और कामकाज शुरू हो सकता है, शर्त इतनी होगी कि कुल कर्मचारियों की एक तिहाई कर्मचारी ही काम पर आएंगे. इस बीच प्रशासन यह भी साफ कर दिया है कि इन निजी कंपनियों के कर्मचारियों को भी किसी तरह के पास की जरूरत नहीं होगी कंपनी का आईकार्ड दिखाकर ही वह काम पर जा सकेंगे.
सरकारी दफ्तर के कर्मचारियों को भी पास की जरूरत नहीं
वहीं बात की जाए सरकारी दफ्तरों की तो वहां पर कामकाज चल रहा है और वहां पर काम करने वाले लोगों को किसी तरह के पास की जरूरत नहीं होगी.वह अपना सरकारी आई कार्ड दिखाकर दफ्तर जा सकेंगे.
नोएडा की सीमा अभी भी रहेगी सील
हालांकि प्रशासन ने यह साफ कर दिया है कि पहले की तरह ही अभी भी नोएडा की सीमा सील रहेगी यानी कि नोएडा से पड़ोसी शहरों और ज़िलों से आना जाना मुमकिन नहीं होगा. गौरतलब है यह आदेश पुराना है और अगर किसी को पड़ोसी शहरों या जिलों में जाना है तो उसके लिए प्रशासन से अनुमति लेना जरूरी है.
कंटेनमेंट ज़ोन वाले इलाकों को फिलहाल किसी तरह की कोई रियायत नहीं
इस बीच नोएडा प्रशासन ने ये भी साफ कर दिया है कि जो इलाके हॉटस्पॉट के तहत कंटेनमेंट ज़ोन बनाए गए हैं वहां पर अभी भी सिर्फ एमरजेंसी सर्विसेज ही चलेंगी वहां पर किसी भी तरह की कोई रियायत फिलहाल नहीं है. इन कंटेनमेंट से अंदर और बाहर जाने की भी किसी को अनुमति नहीं होगी.
नॉन कंटेनमेंट ज़ोंन वाले इलाकों में इलेक्ट्रिशियन, प्लंबर और बिजली का काम करने वाले लोगों को आने की अनुमति
इस सबके बीच राहत की खबर यह आई है कि नोएडा प्रशासन ने जो इलाके कंटेनमेंट ज़ोन में नहीं आते वहां पर हफ्ते में दो बार इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, बिजली का काम करने वाले, आरओ सर्विस वाले और इंटरनेट सर्विस वाले लोगों को आने जाने की अनुमति दे दी है. लेकिन यह लोग सोसाइटीज या इलाकों में कैसे आएंगे यह आरडब्लूए मिलकर तय करेंगे.
घरों में काम करने वाले लोगों को भी इलाकों में आने की अनुमति, लेकिन शर्तों के साथ
बात की जाए घर पर काम करने वाले लोगों की तो नोएडा प्रशासन ने यह तय करने की जिम्मेदारी आरडब्ल्यूए को ही दे दी है. यानी आरडब्लूए तय कर सकेंगे कि क्या घरों में काम करने वाले लोगों को सोसायटी या कॉलोनी के अंदर आने देना है या नहीं. शर्त यह है कि अगर कोई भी काम करने वाला पुरुष या महिला सोसायटी या कॉलोनी में आते हैं तो वह सिर्फ एक घर में ही काम करेंगे. इसके साथ ही वह काम करने वाली महिला या पुरुष ऐसे इलाकों से आएंगे जो हॉटस्पॉट या कंटेनमेंट जोन से बाहर हों.
अगर काम करने वाले लोग सोसायटी या कॉलोनी के अंदर आते भी हैं तो उससे पहले उनकी थर्मल स्क्रीनिंग करना जरूरी होगा. बात की जाए धोबियों की तो वो सोसाइटी और कॉलोनी में आकर घरों से कपड़े ले जा सकते हैं. वहीं कार की सफाई वाले लोगों को भी कॉलोनी और सोसाइटी में आने की अनुमति होगी. लेकिन यहां यह साफ कर देना जरूरी है कि कंटेनमेंट वाले इलाकों में वह अनुमति नहीं होगी यह अनुमति अनुमति सिर्फ उन्हीं इलाकों में होगी जो हॉटस्पॉट नहीं है.
घरों से बाहर घूमने की अभी भी अनुमति नहीं
नोएडा प्रशासन ने साफ कर दिया है कि घरों से बाहर घूमने की अभी भी अनुमति नहीं है. हां अगर जानवरों को शौच के लिए बाहर लेकर निकलना ही है तो फिर 15 से 20 मिनट के लिए निकला जा सकता है लेकिन वहां पर भी सावधानी बरतनी जरूरी होगी.
लोगों के घरों तक जरूरत का सामान पहुंचाने के लिए आरडब्ल्यूए उठाए कदम
प्रशासन ने इसके साथ ही आरडब्लूए को यह जिम्मेदारी भी दी है कि वह खुद ही देखें कि कैसे लोगों को सहूलियत प्रदान की जा सकती है. जितना मुमकिन हो सके लोगों को घरों तक ही जरूरत के सामान पहुंचाया जा सके जिससे कि घर से बाहर निकलने की जरूरत कम से कम हो. रही बात मेहमानों के आने की तो फिलहाल घरों में मेहमान को ना बुलाने की ही सलाह दी गई है.
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